ऑरेंज अलर्ट के बीच शुक्रवार रात से जारी भारी बारिश ने हिमाचल प्रदेश में कहर बरपाया

ऑरेंज अलर्ट के बीच शुक्रवार रात से जारी भारी बारिश ने हिमाचल प्रदेश में कहर बरपा दिया। मंडी, चंबा और कांगड़ा जिला में 20 लोगों की मौत हो गई है, जबकि पांच लापता हैं। मंडी में एक ही परिवार के आठ लोगों समेत 13, चंबा में तीन, शिमला के ठियोग और कांगड़ा जिला में दो-दो लोगों की मौत हुई है। कांगड़ा में अंग्रेजों के जमाने का बना चक्की खड्ड पर रेलवे का पुल ढह गया है। इसके छह पिल्लर ढह गए हैं। बीते 17 जुलाई से ही इस ट्रैक पर पठानकोट से जोगिंद्रनगर तक सभी ट्रेनों की आवाजाही बंद है। खराब मौसम के चलते मणिमहेश यात्रा दो दिन के लिए स्थगित कर दी है। भरमौर-हड़सर मार्ग अभी अवरुद्ध है।
धर्मशाला में 64 साल बाद रिकॉर्ड 333 मिलीमीटर बारिश
शुक्रवार रात कांगड़ा में सबसे अधिक 346 और धर्मशाला में 64 साल बाद रिकॉर्ड 333 मिलीमीटर बारिश हुई। रविवार और सोमवार को भी मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने प्रदेश में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। मंडी के जवालापुर में चलती बाइक पर पत्थर गिरने से दो युवाओं की मौत हो गई है। जिले के नाचन क्षेत्र की पंचायत काशन के गांव झड़ोंन में शुक्रवार रात पहाड़ी के मलबे में मकान के दबने से एक ही परिवार के आठ लोगों की मौत हो गई है। घटना रात करीब 2:00 बजे की बताई जा रही है।

इनकी गई जान
मृतकों में काशन पंचायत प्रधान खेम सिंह (35) पुत्र रूप चंद, प्रधान की पत्नी मीरा देवी (34), उनके दो बेटे भास्कर (14), तेजेंद्र (11), प्रधान की भाभी कमला देवी (32) पत्नी झाबे राम, इनकी बेटी रोहिणी (6) और बेटा दिव्यांशु (7) और प्रधान के ससुर डागु राम (55) निवासी काढ़ि खड़ूहल तहसील थुनाग शामिल हैं। प्रधान खेम सिंह के चाचा रमेश को जोर का धमाका सुनाई देने पर घटना का पता चला। रमेश ने ग्रामीणों को सूचित किया और बचाव कार्य रात 3:00 बजे से शनिवार दोपहर 2:00 बजे तक करीब 11 घंटे चला। वहीं, मंडी के ही द्रंग विधानसभा क्षेत्र में बादल फटने से ओल्ड कटौला के संदोआ में सतार अली, उनके दो बेटे छाईया, साजिद, दो बेटियां साजिदा, सुहाना और तौफीक अख्तर पुत्र बरकत अली देर रात बाढ़ में बह गए, जिनमें दो शव बरामद हो गए हैं। एक व्यक्ति हणोगी में लापता है। एनडीआरएफ के 30 जवान और पुलिस दल ने लापता लोगों की तलाश में रेस्क्यू अभियान चलाया है।

बादल फटने से करीब 60 दुकानें, 31 मकान क्षतिग्रस्त
मंडी के ही सराज के केउली में एक घर के भूस्खलन की चपेट में आने से महिला पुष्पा देवी की मौत हो गई। थुनाग बाजार में बादल फटने से करीब 60 दुकानें, 31 मकान, 26 गोशालाएं, एक पुल क्षतिग्रस्त हो गया। दर्जनों वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मंडी में खेल स्पर्धा के लिए नेरचौक में ठहराईं 40 छात्राओं को रेस्क्यू किया गया। वहीं, शिमला के ठियोग में गाड़ी पर चट्टानें गिरने से दो लोगों की मौत हो गई, जबकि दो घायल हैं। चंबा में भूस्खलन से आए मलबे में दबने से घर में सो रहे पति-पत्नी और बेटे की मौत हो गई। चमारू राम (42) पुत्र धर्मो राम, मीना देवी (38) पत्नी चमारू राम और उनके 11 वर्षीय बेटे अजय कुमार के शव मलबे से निकाले गए।

कांगड़ा में नौ वर्षीय बच्चे की मौत
जिला कांगड़ा के शाहपुर की ग्राम पंचायत गोरड़ा के वार्ड-छह में स्लेटपोश मकान की चपेट में आने से नौ वर्षीय बच्चे आयुष पुत्र नसीब सिंह की मौत हो गई है। वहीं, उपमंडल धीरा की ग्राम पंचायत कुहाणा में रह रहे एक प्रवासी मजदूर बालमुकुंद की डंगे में दबने से जान चली गई। मंडी, कुल्लू, कांगड़ा और चंबा जिला के स्कूलों में प्रशासन ने शनिवार को छुट्टी दे दी थी। जिला मंडी में तीन नेशनल हाईवे बंद होने से सैकड़ों यात्री देर रात से गाड़ियों में ही भूखे-प्यासे फंसे रहे। कोटीरोपी में भारी भूस्खलन से गांव को खाली कराया गया है। डलहौजी-पठानकोट नेशनल हाईवे पर चंबा के पंजपुला में जमीन धंसने से बस डंगे में अटक गई। इसमें 35 लोग सवार थे। पठानकोट-मंडी, मंडी-कुल्लू और मंडी-जालंधर वाया धर्मपुर एनएच ठप हो गए हैं।
मंडी, चंबा और कांगड़ा जिला में 20 लोगों की मौत हो गई है, जबकि पांच लापता हैं। मंडी में एक ही परिवार के आठ लोगों समेत 13, चंबा में तीन, शिमला के ठियोग और कांगड़ा जिला में दो-दो लोगों की मौत हुई है।
हिमाचल में भारी बारिश से तबाही।
हिमाचल में भारी बारिश से तबाही। –
ऑरेंज अलर्ट के बीच शुक्रवार रात से जारी भारी बारिश ने हिमाचल प्रदेश में कहर बरपा दिया। मंडी, चंबा और कांगड़ा जिला में 20 लोगों की मौत हो गई है, जबकि पांच लापता हैं। मंडी में एक ही परिवार के आठ लोगों समेत 13, चंबा में तीन, शिमला के ठियोग और कांगड़ा जिला में दो-दो लोगों की मौत हुई है। कांगड़ा में अंग्रेजों के जमाने का बना चक्की खड्ड पर रेलवे का पुल ढह गया है। इसके छह पिल्लर ढह गए हैं। बीते 17 जुलाई से ही इस ट्रैक पर पठानकोट से जोगिंद्रनगर तक सभी ट्रेनों की आवाजाही बंद है। खराब मौसम के चलते मणिमहेश यात्रा दो दिन के लिए स्थगित कर दी है। भरमौर-हड़सर मार्ग अभी अवरुद्ध है।

धर्मशाला में 64 साल बाद रिकॉर्ड 333 मिलीमीटर बारिश
शुक्रवार रात कांगड़ा में सबसे अधिक 346 और धर्मशाला में 64 साल बाद रिकॉर्ड 333 मिलीमीटर बारिश हुई। रविवार और सोमवार को भी मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने प्रदेश में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। मंडी के जवालापुर में चलती बाइक पर पत्थर गिरने से दो युवाओं की मौत हो गई है। जिले के नाचन क्षेत्र की पंचायत काशन के गांव झड़ोंन में शुक्रवार रात पहाड़ी के मलबे में मकान के दबने से एक ही परिवार के आठ लोगों की मौत हो गई है। घटना रात करीब 2:00 बजे की बताई जा रही है।
इनकी गई जान
मृतकों में काशन पंचायत प्रधान खेम सिंह (35) पुत्र रूप चंद, प्रधान की पत्नी मीरा देवी (34), उनके दो बेटे भास्कर (14), तेजेंद्र (11), प्रधान की भाभी कमला देवी (32) पत्नी झाबे राम, इनकी बेटी रोहिणी (6) और बेटा दिव्यांशु (7) और प्रधान के ससुर डागु राम (55) निवासी काढ़ि खड़ूहल तहसील थुनाग शामिल हैं। प्रधान खेम सिंह के चाचा रमेश को जोर का धमाका सुनाई देने पर घटना का पता चला। रमेश ने ग्रामीणों को सूचित किया और बचाव कार्य रात 3:00 बजे से शनिवार दोपहर 2:00 बजे तक करीब 11 घंटे चला। वहीं, मंडी के ही द्रंग विधानसभा क्षेत्र में बादल फटने से ओल्ड कटौला के संदोआ में सतार अली, उनके दो बेटे छाईया, साजिद, दो बेटियां साजिदा, सुहाना और तौफीक अख्तर पुत्र बरकत अली देर रात बाढ़ में बह गए, जिनमें दो शव बरामद हो गए हैं। एक व्यक्ति हणोगी में लापता है। एनडीआरएफ के 30 जवान और पुलिस दल ने लापता लोगों की तलाश में रेस्क्यू अभियान चलाया है।

बादल फटने से करीब 60 दुकानें, 31 मकान क्षतिग्रस्त
मंडी के ही सराज के केउली में एक घर के भूस्खलन की चपेट में आने से महिला पुष्पा देवी की मौत हो गई। थुनाग बाजार में बादल फटने से करीब 60 दुकानें, 31 मकान, 26 गोशालाएं, एक पुल क्षतिग्रस्त हो गया। दर्जनों वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मंडी में खेल स्पर्धा के लिए नेरचौक में ठहराईं 40 छात्राओं को रेस्क्यू किया गया। वहीं, शिमला के ठियोग में गाड़ी पर चट्टानें गिरने से दो लोगों की मौत हो गई, जबकि दो घायल हैं। चंबा में भूस्खलन से आए मलबे में दबने से घर में सो रहे पति-पत्नी और बेटे की मौत हो गई। चमारू राम (42) पुत्र धर्मो राम, मीना देवी (38) पत्नी चमारू राम और उनके 11 वर्षीय बेटे अजय कुमार के शव मलबे से निकाले गए।

कांगड़ा में नौ वर्षीय बच्चे की मौत
जिला कांगड़ा के शाहपुर की ग्राम पंचायत गोरड़ा के वार्ड-छह में स्लेटपोश मकान की चपेट में आने से नौ वर्षीय बच्चे आयुष पुत्र नसीब सिंह की मौत हो गई है। वहीं, उपमंडल धीरा की ग्राम पंचायत कुहाणा में रह रहे एक प्रवासी मजदूर बालमुकुंद की डंगे में दबने से जान चली गई। मंडी, कुल्लू, कांगड़ा और चंबा जिला के स्कूलों में प्रशासन ने शनिवार को छुट्टी दे दी थी। जिला मंडी में तीन नेशनल हाईवे बंद होने से सैकड़ों यात्री देर रात से गाड़ियों में ही भूखे-प्यासे फंसे रहे। कोटीरोपी में भारी भूस्खलन से गांव को खाली कराया गया है। डलहौजी-पठानकोट नेशनल हाईवे पर चंबा के पंजपुला में जमीन धंसने से बस डंगे में अटक गई। इसमें 35 लोग सवार थे। पठानकोट-मंडी, मंडी-कुल्लू और मंडी-जालंधर वाया धर्मपुर एनएच ठप हो गए हैं।
सीएम ने दिए बचाव कार्यों के निर्देश, नड्डा ने दुख जताया

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में मूसलाधार बारिश से हुए जान-माल के भारी नुकसान पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने सभी जिला उपायुक्तों और संबंधित अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल राहत, बचाव और पुनर्वास कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने मृतकों के परिवारों के प्रति दुख जताया। उन्होंने कहा कि यह नुकसान अपूरणीय है।
भारी बारिश से सेब सीजन प्रभावित
भारी बारिश से सेब सीजन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। शिमला जिले के सेब उत्पादक क्षेत्रों में संपर्क सड़कें बंद होने के बाद बागवानों ने तुड़ान रोक दिया है। इससे मंडियों में सेब की आमद घट गई है। जिन बगीचों में फसल तैयार है, वहां अधिक दिन तक तुड़ान नहीं रोका जा सकता है। ऐसे में बागवानों को फसल मंडियों तक पहुंचाने की चिंता सता रही है। ठियोग, कोटखाई, चौपाल, नारकंडा, खड़ापत्थर सहित अन्य इलाकों के संपर्क मार्ग बंद होने से बागवानों की परेशानी बढ़ गई है।

बगीचों में मलबा आने से सेब से लदे पेड़ गिरने के कारण बागवानों को भारी नुकसान भी हुआ है। शुक्रवार के मुकाबले शनिवार को शिमला की भट्ठाकुफर फल मंडी में सेब की करीब 5,000 जबकि ठियोग की पराला मंडी में 4,000 कम पेटियां पहुंचीं। भट्ठाकुफर फल मंडी आढ़ती एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अमन सूद और पराला फल मंडी आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश ठाकुर ने बताया कि भारी बारिश के बाद सड़कें बंद होने से मंडियों में सेब की आमद में गिरावट आई है। संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान और सह संयोजक संजय चौहान ने प्रदेश सरकार से भारी बारिश से बंद हुईं सड़कों को तुरंत बहाल करने और नुकसान का आंकलन कर बागवानों को मुआवजा देने की मांग की है।
पौंग बांध का बढ़ा जलस्तर, अलर्ट जारी
लगातार हो रही बारिश के कारण पौंग बांध का जलस्तर बढ़कर 1374.78 फीट पहुंच गया है। शाह नहर हेड वर्क डिवीजन के अधिशाषी अभियंता ने पत्र जारी कर हिमाचल के कांगड़ा व पंजाब के होशियारपुर, गुरदासपुर, पठानकोट, मुकेरियां, दसूहा, जवाली, इंदौरा, नूरपुर, फतेहपुर, जवाली, तलवाड़ा, हाजीपुर और इंदौरा के अधिकारियों को अलर्ट कर दिया है। उन्होंने बताया है कि कभी भी शाह नहर बैरेज व ब्यास दरिया से पानी छोड़ा जा सकता है।

पौंग बांध में 1410 फीट तक पानी भंडारण किया जा सकता है, लेकिन 1390 फीट तक पानी पहुंचते ही रेड अलर्ट जारी हो जाता है। 1390 फीट तक पानी पहुंचने से पहले ही पानी को छोड़ना शुरू कर दिया जाता है। जिलाधीश कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि प्रशासन और पुलिस जनता को अलर्ट कर रहे हैं।

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