किडनी की बीमारी के मरीज बढ़े, मालवा में 17.2 प्रतिशत  क्रोनिक किडनी डिसीज से पीड़ित विशेषज्ञ बोले- 40 की उम्र के बाद साल में जांच जरूरी

किडनी की बीमारी के मरीज बढ़े, मालवा में 17.2 प्रतिशत  क्रोनिक किडनी डिसीज से पीड़ित विशेषज्ञ बोले- 40 की उम्र के बाद साल में जांच जरूरी

क्रॉनिक किडनी डिजीज में डायलिसिस जीवन रक्षक , जागरूकता ही बचाव- डॉ नितिन
पंजाब खासकर मालवा  में किडनी संबंधी बीमारी के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। पटियाला  के सभी अस्पतालों में   डायलिसिस के मरीज बढ़े । इनमें से अधिकतर क्रोनिक किडनी डिसीज के मरीज हैं।
 डॉ नितिन कुमार  डी एन बी  नेफ्रोलॉजी, कंसलटेंट नेफ्रोलॉजिस्ट मनिपाल अस्पताल ने बताया कि बुखार है और लगातार पेट, पीठ के निचले हिस्से या जननांग में दर्द है, या यूरिन के सामान्य क्रम में बदलाव देखते हैं तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
संक्रमण होने पर किडनी को नुकसान पहुंचाने या रक्त प्रवाह में फैलने से संक्रमण को रोकने के लिए एंटीबायोटिक्स के साथ तुरंत उपचार की जरूरत होती है। आपको दर्दनाशक दवा भी लेनी पड़ सकती है। किडनी रोग मुख्यतः डायबिटीज, हाई बी पी और धमनियों के सख्त होने , दर्द निवारक दवाओं, किडनी स्टोन  से होते हैं। हालांकि इन रोगों में से कई किडनियों के सूजने के कारण भी हो सकते हैं। इस स्थिति को नेफ्राइटिस कहते हैं। मेटाबॉलिक डिसऑर्डर के अलावा कुछ ऐनाटॉमिक डिसऑर्डर के कारण भी किडनी संबंधी बीमारियां हो जाती हैं।
किडनी की बीमारियों के सामान्य लक्षण
चेहरे, पेट और पैरों में सूजन, किडनी की बीमारी की ओर संकेत करते है।
भूख की कमी, मितली, उल्टी, मुंह में असामान्य स्वाद लगना आम लक्षण हैं।
किडनी की खराबी के कारण रोगियों में उच्च रक्तचाप होना एक आम लक्षण है। उच्च रक्तचाप कम उम्र में (30 साल से कम) हो जाए या किसी भी उम्र में रक्तचाप जांच के समय में बहुत अधिक है तो इसका कारण किडनी रोग हो सकता है।
जल्दी थकान लगना, शरीर में पीलापन किडनी की खराबी की प्रारंभिक अवस्था में केवल यही एक लक्षण उपस्थित हो सकता है।
पीठ के निचले हिस्से में दर्द, शरीर में दर्द, खुजली, और पैरों में ऐंठन किडनी की बीमारियों की सामान्य शिकायतें हैं। साथ ही विभिन्न किडनी रोगों में यूरिन की मात्रा में कमी हो जाती है।
किडनी स्वस्थ रखने को ये सावधानी जरूरी
नियमित रूप से व्यायाम करें, ब्लडप्रेशर और डायबिटीज नियंत्रण में रखें।
ताजे फल और सब्जियों युक्त आहार लें।
आहार में परिष्कृत खाद्य पदार्थ, चीनी, वसा और मांस का सेवन घटाना चाहिए।
40 की उम्र के ऊपर वाले लोग भोजन में कम नमक लें ताकि उच्च रक्तचाप और किडनी की पथरी के रोकथाम में मदद मिले।
दर्द निवारक दवाओं का सेवन सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
रोज 3 लीटर से अधिक पानी पीएं। साल में एक बार किडनी की जांच अवश्य कराएं।
बी पी व शुगर कंट्रोल में रखें , नियमित जांच करवाएं

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