पंजाब सरकार ने ईंटों के भठ्ठों के लिए ईंधन के रूप में पराली को 20 प्रतिशत इस्तेमाल करने को किया अनिवार्य
- Anya KhabrenPUNJAB
- November 13, 2022
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भठ्ठों को इसकी तैयारी के लिए दिए 6 महीने, 1 मई 2023 के बाद उल्लंघन करने वाले के खि़लाफ़ होगी कार्रवाई: मीत हेयर
चंडीगढ़, 13 नवंबर:
धान की पराली के प्रबंधन में निरंतर प्रयास कर रही राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में अहम कदम उठाते हुए राज्य भर में ईंटों के भठ्ठों के लिए ईंधन के रूप में पराली को 20 प्रतिशत ईंधन के तौर पर बरतने को अनिवार्य करने का फ़ैसला लिया गया है।
आज यहाँ जारी प्रेस बयान के द्वारा जानकारी देते हुए पर्यावरण एवं विज्ञान प्रौद्यौगिकी मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी किया गया है कि ईंटों के भठ्ठों में पराली के गठ्ठों को 20 प्रतिशत ईंधन के रूप में अनिवार्य रूप से इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि इस नए प्रबंधन की तैयारी के लिए भठ्ठों के मालिकों को छह महीने का समय दिया गया है और 1 मई 2023 के बाद इन हिदायतों को लागू ना करने वालों के खि़लाफ़ कार्रवाई की जाएगी।
मीत हेयर ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा किसानों की पराली प्रबंधन में मदद करने और पराली को जलाने से होने वाले प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए इन सीटू और एक्स सीटू काम किए जा रहे हैं। इन सीटू में जहाँ पंजाब के किसानों को पराली प्रबंधन के लिए सवा लाख के करीब मशीनें सब्सिडी पर मुहैया करवाई गईं, वहीं एक्स सीटू के अंतर्गत उद्योगों को पराली को ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। पराली से सी.एन.जी., बिजली और अन्य ऊर्जा संसाधन पैदा करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
मीत हेयर ने कहा कि नए फ़ैसले के अंतर्गत ईंटों के भठ्ठों में पराली के ईंधन के रूप में 20 प्रतिशत प्रयोग से पराली के प्रबंधन को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को भी पराली बेचकर आर्थिक मदद भी मिलेगी। उन्होंने कहा कि नए प्रबंधन के लिए पर्यावरण एवं विज्ञान प्रौद्यौगिकी विभाग द्वारा ईंटों के भठ्ठों वालों के लिए हर तकनीकी सहायता मुहैया करवाई जाएगी। इस सम्बन्धी जारी नोटिफिकेशन के अंतर्गत इन हिदायतों की पालना के लिए समूह डिप्टी कमिश्नरों को भी कहा गया है।