पुल को लंबा न किया तो बर्बाद हो जाएंगे तीन पंचायतों भड़याल, चंडयाल और बैहना के हजारों किसान

पुल को लंबा न किया तो बर्बाद हो जाएंगे तीन पंचायतों भड़याल, चंडयाल और बैहना के हजारों किसान

बीरबल शर्मा

मंडी, 30 अगस्त।

नागचला से मनाली तक बनाए जा रहे फोरलेन पर बल्ह घाटी के चक्कर में सुकेती खड्ड पर बनाया जा रहा है पुल हजारों किसानों के लिए आफत बन गया है। घाटी की हजारों बीघा जमीन के खत्म हो जाने की आशंका पैदा हो गई है। प्रगतिशील कृषक मंडल भड़याल के प्रधान कर्म सिंह सैणी, भड़याल पंचायत  के मनीश कुमार, दुर्गा सिंह, ओम प्रकाश, जसवीर जस्सू, चंडयाल पंचायत के रवि सिंह, महेंद्र सिंह, मीर ठाकुर, सोहन लाल, बैहना पंचायत के काका वालिया, ओमी धीमान, दीवान ठाकुर, हरेंद्र व केसर चंदेल आदि ने बताया कि ये जो पुल बन रहा है यह केवल सुकेती खड्ड पर ही बनाय गया जबकि दूसरी तरफ से आने वाले भड़याल नाले के पानी की उचित निकासी नहीं है।

इस बार जो बारिश हुई व बादल फटे तो भड़याल नाले से आया पानी इस पुल से नहीं गुजर पाया क्योंकि नाले के सामने फोरलेन की कंपनी ने पुल या फलाई ओवर बनाने की बजाय उसे मिट्टी पत्थर भर कर पुल के लिए अपरोच जैसी बना दी है। इससे यह हुआ कि भडयाल की हजारों बीघा जमीन को तबाह करते हुए सुकेती व भड़याल नाले का पानी उपर स्कूल तक पहुंच गया। लोगों के घरों, दुकानों, कारखानों आदि में दस दस फीट तक पानी भर गया। करोड़ों का माल इस पानी से बह गया या खराब हो गया।

इन लोगों ने बताया कि वे इस खतरे के बारे में कई बार निर्माण कर रही कंपनी के पास जाकर मिल चुके हैं तथा यहां पर पुल को कम से कम 100 फुट और लंबा बनाने या भड़याल की ओर फलाईओवर बनाकर पानी  उससे नीचे से गुजर जाए ऐसी व्यवस्था करने की मांग कर चुके हैं मगर अभी तक ऐसा नहीं किया गया जिसका नतीजा यह हुआ कि लोगों की जमीनों में गाद भर गई, घर व दुकानें बर्बाद हो गई, कारखानों में पड़ा सारा माल खत्म हो गया। इतने दिनों से लोग अपने घरों व दुकानों से बाढ़ से आई गाद को निकालने में लगे हैं। सब जगह गाद ही गाद नजर आ रही है। लाखोें रूपए अब इसे निकालने के लिए लग रहे हैं। यहां पर जो रूद्रा पैलेस है व भड़याल को रास्ता जाता है वहां पर सारी सड़क खत्म हो चुकी है, लोगों के लिए आना जाना मुश्किल हो गया है। चहुं ओर कीचड़ ही कीचड़ भरा हुआ है। अब लोगों में एक भय बन गया है।

तीनों पंचायतों के लोगों ने सरकार व फोरलेन के अधिकारियों से गुहार लगाई है कि चक्कर पुल को लंबा किया जाए या इसके साथ भड़याल की ओर फलाईओवर बनाकर पानी की निकासी को सुनिश्चित किया जाए अन्यथा जो तबाही इस बार हुई है उससे भी अधिक आने वाले दिनों में हो सकती है।

फोटोः सुकेती खड्ड पर बन रहा फोरलेन का पुल व बाढ़ से हुई तबाही के दृश्य

Related post

Himachal’s Tourism Triumph: State-Run Corporation Posts Historic Profits Amid Infrastructure Push

Himachal’s Tourism Triumph: State-Run Corporation Posts Historic Profits Amid…

In a significant departure from the usual narrative surrounding state-run enterprises in India, the Himachal Pradesh Tourism Development Corporation (HPTDC) has…
Celebrating Aspiration: Haryana’s Chief Minister Honours New Civil Servants, Calls Them Architects of a Developed India

Celebrating Aspiration: Haryana’s Chief Minister Honours New Civil Servants,…

In a solemn yet spirited gathering at his official residence, “Sant Kabir Kutir,” Haryana Chief Minister Nayab Singh Saini recently honoured…
अक्षय तृतीया: समृद्धि, पुण्य और शुभारंभ का पर्व

अक्षय तृतीया: समृद्धि, पुण्य और शुभारंभ का पर्व

अक्षय तृतीया, जिसे ‘आखा तीज’ भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *