बोर्ड का स्थाई अध्यक्ष लगाने की सीटू ने उठायी मांग
- Aap ke LiyeHindi News
- July 8, 2023
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नई सरकार बनने के बाद बन्द है मज़दूरों का पंजीकरण और सहायता
बीरबल शर्मा
मंडी, 8 जुलाई।
सीटू मज़दूर संगठन और निर्माण मज़दूर फेडरेशन ने हिमाचल प्रदेश राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड में स्थाई अध्यक्ष नियुक्त करने की मांग की है।वर्तमान में श्रम और रोज़गार मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल को ही अध्यक्ष का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है लेक़िन वे बन्द पड़े बोर्ड के काम को बहाल नहीं करवा पा रहे हैं।यही नहीं वे अपने ही फ़ैसलों और वादों को निभाने में विफ़ल साबित हो रहे हैं।सीटू से सबंधित मनरेगा और निर्माण मज़दूर फेडरेशन के राज्य महासचिव और राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड के सदस्य भूपेंद्र सिंह ने मीडिया में मंत्री पर ये आरोप लगाया है।उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश की सुखू सरकार के कार्यकाल में मनरेगा और अन्य निर्माण मज़दूरों को बोर्ड से मिलने वाली सहायता बन्द कर दी है यही नहीं मज़दूरों का पंजीकरण और नवीनीकरण भी नहीं हो रहा है।इन सभी मुद्दों पर कर्नल धनीराम की अध्यक्षता में 3 अप्रैल को हुई बोर्ड की पहली बैठक में विस्तृत चर्चा हुई थी और रुके हुए कार्य जल्दी बहाल करने का निर्णय लिया गया था। लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद भी बोर्ड का काम बहाल नहीं हुआ और औऱ साढ़े चार लाख पंजीकृत मज़दूरों के 50 करोड़ रुपये से ज़्यादा के लाभ रुके हुए हैं।बोर्ड सदस्य भूपेंद्र सिंह ने बोर्ड की जल्द बैठक बुलाने के लिए अध्यक्ष और सचिव को पुनः पत्र लिखा है।उन्होंने बताया कि सीटू से जुड़ी यूनियन के आह्वान पर 5 जून को सचिवालय के बाहर हुये हज़ारों मज़दूरों के प्रदर्शन के बाद श्रम मंत्री ने 15 जून तक बैठक आयोजित करने की बात स्वीकार की थी। लेकिन ये बैठक अभी तक भी आयोजित नहीं कि गई है।भूपेंद्र सिंह ने ये भी आरोप लगाया है कि पिछले एक साल रहे बोर्ड के सचिव दिले राम धीमान जिन्हें पिछले सप्ताह बोर्ड के सचिव पद से हटा दिया गया है की मज़दूर विरोधी सोच और कार्यप्रणाली के कारण ही बोर्ड का काम रुका हुआ था और उन्हीं ने ही बोर्ड की बैठक में चर्चा व अनुमोदन के बगैर 12 दिसंबर 2022 को पत्र जारी करके सारा काम रोक दिया था जो गैर कानूनी रूप में किया गया था।यूनियन शुरू से ही उन्हें हटाने की मांग सरकार से कर रही थी और उसके ख़िलाफ़ कार्यवाई की भी मांग उठायी थी। अब जाकर मुख्यमंत्री ने उन्हें बोर्ड से हटाया है और हिमाचल प्रशानिक सेवा के अधिकारी औऱ मुख्यमंत्री के विशेष अतिरिक्त सचिव राजीव कुमार को बोर्ड का सचिव लगाया है जिसका यूनियन ने स्वागत किया है और मुख्यमंत्री से बोर्ड का स्थाई अध्यक्ष लगाने की भी जल्द लगाने की मांग उठाई है ताकि बोर्ड का काम सुचारू रूप से चल सके।वर्तमान में जिस मंत्री को इस बोर्ड का अध्यक्ष बनाया है उनके पास पहले ही चार चार बड़े व महवपूर्ण महकमें हैं और वे बोर्ड के लिए पर्याप्त समय नहीं दे पा रहे हैं जिससे बोर्ड का कार्य समय पर नहीं हो रहा है।यहां तक की वे बन्द पड़े काम को बहाल करने में भी कोई निर्णय नहीं ले पाये हैं जिससे सरकार के ख़िलाफ़ मज़दूरों ने विरोध प्रदर्शन करने शुरू कर दिये हैं।इसलिये मुख्यमंत्री को जल्दी से जल्दी इस बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त करने की ज़रूरत है ताकि मज़दूरों के रुके हुए लाभ जारी हो सकें।