मंडी के वास्तुकार आर पी वै़द्य को मिला लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार
- Aap ke LiyeHindi NewsMANDI
- December 19, 2023
- No Comment
- 115
मंडी के वास्तुकार आर पी वै़द्य को मिला लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार
बीरबल शर्मा
मंडी, 19 दिसंबर । भारतीय कंक्रीट संस्थान ,आईसीआई, ने हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड में मुख्य वास्तुकार के तौर पर कार्यरत रहे मंडी के राजेंद्र पाल वैद्य को आर्किटेक्ट क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से नवाजा है। शिमला में संपन्न समारोह में उनका यह पुरस्कार उनके बेटे अमित वैद्य ने हासिल किया क्योंकि आर पी वैद्य इन दिनों अस्पताल में उपचाराधीन हैं। आईसीआई के अध्यक्ष वीपीएस जसवाल ने कहा कि भारतीय कंक्रीट संस्थान एक गैर लाभकारी संगठन है जो कंक्रीट पर ज्ञान के प्रसार करने, कंक्रीट की प्रौद्योगिकी और निर्माण को बढ़ावा देने और कंक्रीट की अनुसंधान आवश्यकताओं का संबोधित करने के लिए समर्पित है।
जसवाल ने कहा कि क्षेत्र के प्रतिष्ठित वास्तुकारों और इंजीनियरों, जिन्होंने प्रसिद्ध इमारतों और परियोजनाओं को डिजाइन और निष्पादित किया है, को विभिन्न पुरस्कारों के लिए चुना गया है। उन्होंने बताया कि पुरस्कारों में लाइफ टाइम अचीवमेंट ट्रॉफी, यंग टेक्नोलॉजिस्ट अवार्ड आदि शामिल हैं।
आईसीआई के उपाध्यक्ष नंद लाल चंदेल ने इस मौके पर बताया कि आर्किटेक्ट राजिंदर पाल वैद्य का जन्म 10 नवंबर 1939 को मंडी में हुआ था। वर्ष 1966 में आर्किटेक्चर में अपनी बैचलर डिग्री पूरी करने पर, वह देश की सबसे प्रतिष्ठित आर्किटेक्चरल फर्म में से एक मैसर्स कोटारी एंड एसोसिएट्स में शामिल हो गए। वर्ष 1968 में वह नगर निगम शिमला में वास्तुकार के रूप में शामिल हुए और हिमाचल प्रदेश सरकारी सेवाओं में अपना करियर शुरू किया। वर्ष 1971 में श्री वैद्य वास्तुकला के क्षेत्र में योगदान के विचार से एचपीएसईबी में शामिल हुए। उन्होंने 27 वर्षों से अधिक समय तक एचपीएसईबी वास्तुकला विभाग में सेवा की। बिजली बोर्ड में अपनी सेवा के दौरान उन्होंने कई ऐतिहासिक परियोजनाएं डिजाइन कीं, जिनकी सभी ने सराहना की।
एचपीएसईबी में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने भाबा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए पंथाघाटी में आईएएस कॉलोनी, बहाबा नगर में कॉलोनी, एचपीएसईबी के इंजीनियरों के लिए नाथपा बांध के पास डेट सुंगरा जैसी विभिन्न परियोजनाओं को डिजाइन किया। लारजी जल विद्युत परियोजना के लिए साराभाई कॉलोनी में विश्राम गृह, नाथपा झाकड़ी जल विद्युत परियोजना के लिए रामपुर में विश्राम गृह, डलहौजी, चंबा, पालमपुर, धर्मशाला, मंडी, मनाली, नालागढ़, ज्वालामुखी, नूरपुर आदि में विश्राम गृह। एचपीएसईबी मुख्यालय भवन कुमार हाउस, शिमला। एनएचपीसी के लिए डलहौजी में कनाडाई कॉटेज और बनीखेत, डलहौजी, चौरा में कॉलोनी आदि।
उनकी वास्तुकला शैली हमेशा अनूठी थी, उनके भवन डिजाइनों पर उनकी मुहर लगी रहती थी, जो हमेशा बाकियों से अलग दिखते थे। सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में वास्तुकला में 52 वर्षों से अधिक सक्रिय रहने के बाद उन्होंने 2022 में सक्रिय जीवन से संन्यास ले लिया।
फोटोः आर पी वैद्य व पुरस्कार हासिल करते हुए उनके बेटे मोहित वैद्य