मात्र सवा साल में ‘गुड गर्वनेंस’ की मिसाल बनी सुक्खू सरकारः धर्माणी

मात्र सवा साल में ‘गुड गर्वनेंस’ की मिसाल बनी सुक्खू सरकारः धर्माणी

मात्र सवा साल में ‘गुड गर्वनेंस’ की मिसाल बनी सुक्खू सरकारः धर्माणी

इंतकाल के 1.05 लाख व तकसीम के सात हजार से अधिक लंबित मामले निपटाए
शिमला। तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा है कि वर्तमान राज्य सरकार मात्र सवा साल के कार्यकाल में ‘गुड गर्वनेंस’ की मिसाल बनी है। उन्होंने कहा कि राजस्व लोक अदालतों के माध्यम से लंबित मामलों को निपटाने में राज्य सरकार को अभूतपूर्व सफलता मिली है। आम लोगों को राहत प्रदान करते हुए फ़रवरी 2014 तक इस विशेष मुहिम के तहत इंतकाल के 1.05 लाख से अधिक तथा तकसीम के सात हजार मामलों का निपटारा किया गया है। यह आँकड़े अपने आप में राजस्व लोक अदालतों के आयोजन की सफलता साबित कर रहे हैं।
धर्माणी ने कहा कि राजस्व लोक अदालतों के आयोजन की राज्य सरकार की पहल का आज हिमाचल प्रदेश की जनता खुले दिल से स्वागत कर रही है और इसके लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को धन्यवाद दे रही है। हिमाचल में कहा जाता था कि राजस्व मामले पीढ़ियों तक भुगतने पड़ते हैं लेकिन वर्तमान राज्य सरकार ने इन कहावतों को बदल दिया है, जिसके लिए राजस्व क़ानूनों में संशोधन किया गया, ताकि राजस्व मामलों के निपटारे में तेज़ी लाई लाए जा सके और लोगों को दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें। उन्होंने कहा कि वर्षों तक हिमाचल प्रदेश के लोगों की इस पीड़ा को किसी सरकार ने नहीं समझा और न ही उनके दर्द को दूर करने के लिए प्रयास किए, लेकिन वर्तमान राज्य सरकार का एकमात्र उद्देश्य जन सेवा है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा, विशेष रुप से उस वर्ग की सेवा करने की है, जिस पर आज तक किसी ने ध्यान नहीं दिया।
राजेश धर्माणी ने कहा कि मात्र सवा साल के कार्यकाल में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार ने उन तबकों की आवाज़ बनाने का प्रयास किया है, जिसके बारे में किसी सरकार ने कभी विचार नहीं किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के फैसलों में जन सेवा की भावना साफ़ झलकती है। वर्तमान राज्य सरकार ने अनाथ बच्चों के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना आरंभ की, महिलाओं को 1500 रुपए पेंशन प्रदान की। यही नहीं, विधवा और एकल नारियों के सशक्तिकरण के लिए राज्य सरकार ने अनेकों योजनाएं आरंभ की हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने मुख्यमंत्री सुख-शिक्षा योजना शुरू की है, जिसके तहत विधवाओं के 27 साल तक के बच्चों की शिक्षा पर होने वाला खर्च प्रदेश सरकार वहन कर रही है। विधवा, निराश्रित, तलाकशुदा और अक्षम माता-पिता के सभी पात्र बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक एक हज़ार रुपये प्रतिमाह दिए जा रहे हैं। तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमन्त्री विधवा एवम् एकल नारी आवास योजना के तहत गृह निर्माण की राशि 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सवा साल के छोटे से कार्यकाल के भीतर वर्तमान राज्य सरकार ने न सिर्फ दस में से पांच गारंटियों को पूरा किया है, बल्कि इससे आगे बढ़कर काम कर जन कल्याण का नया अध्याय लिखा है।

Related post

हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग ने जूनियर इंजीनियर (पुरातत्व) भर्ती का अंतिम परिणाम घोषित किया

हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग ने जूनियर इंजीनियर (पुरातत्व)…

हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग ने जूनियर इंजीनियर (पुरातत्व) के 03 पदों (GEN(UR)-03) के लिए भर्ती का अंतिम परिणाम आज घोषित…
Congress Government in Himachal Takes Bold Steps to Revive Education and Agriculture Amid BJP’s Legacy of Economic Crisis

Congress Government in Himachal Takes Bold Steps to Revive…

Education Minister Rohit Thakur sharply criticized the previous BJP government, accusing it of leaving Himachal Pradesh in economic turmoil with a…
10 दिसम्बर को धर्मशाला में बिजली बंद

10 दिसम्बर को धर्मशाला में बिजली बंद

धर्मशाला, 7 दिसम्बर। विद्युत उपमण्डल-1 धर्मशाला के कार्यकारी सहायक अभियंता अभिषेक कटोच ने बताया कि 33/11 केवी सब स्टेशन कालापुल तथा…

Leave a Reply

Your email address will not be published.