वाइस चांसलर को बेइज्जत होते देखा तो डायरेक्टर प्रिंसिपल ने पद छोड़ने की कर दी पेशकश

वाइस चांसलर को बेइज्जत होते देखा तो डायरेक्टर प्रिंसिपल ने पद छोड़ने की कर दी पेशकश

अमृतसर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ राजीव देवगन का डायरेक्टर के नाम पत्र
अमृतसर, (राहुल सोनी )
बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ राज बहादुर सिंह की हुई बेइज्जती को देखकर अमृतसर के सरकारी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ राजीव देवगन ने भी अपना पद छोड़ने की पेशकश कर दी है। साथ ही गुरु नानक देव अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ केडी सिंह ने भी पद छोड़ने की पेशकश कर दी है। जाहिर है कोई भी अधिकारी किसी भी मंत्री से बेइज्जत नहीं होना चाहेगा।
आपको बता दें कि गत दिवस मेडिकल रिसर्च एंड एजुकेशन विभाग के मंत्री चेतन सिंह जोड़ामाजरा बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज से जुड़े मेडिकल कॉलेज फरीदकोट में जांच के लिए गए थे।
 जहां पर चमड़ी विभाग में उन्होंने बैड पर धूल जमी देखी तो डॉक्टर राजबहादुर को उस पर लेटने को कहा। मजबूरी में डॉक्टर राजबहादुर वहां पर लेट भी गए।
इसके बाद इस की धमक अमृतसर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में भी दिखी। देर शाम को डायरेक्टर प्रिंसिपल डॉ राजीव देवगन और गुरु नानक देव अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ केडी सिंह ने विभिन्न विभागों के मुखिया से मुलाकात की और उन्हें मरीजों का शोषण ना किए जाने की नसीहत दी और कहा कि साफ-सफाई का भी पूरा प्रबंध रखा जाए क्योंकि सरकार इस समय खासी सख्त दिख रही है। इसके बाद से ही दोनों अधिकारियों ने अपना पद छोड़ने की पेशकश कर दी है।
इसके बाद डॉ राजीव देवगन ने विभाग के डायरेक्टर को पत्र लिखकर डायरेक्टर प्रिंसिपल का पद छोड़ने की पेशकश की है‌। उनका कहना है कि वह कैंसर विभाग के मुखी हैं। इसलिए वह प्रिंसिपल की सेवा को ठीक ढंग से नहीं निभा सकते। 
 कैंसर के मरीजों में लगातार वृद्धि हो रही है। इस कारण उन्होंने डायरेक्टर प्रिंसिपल का पद छोड़ने की पेशकश की है और कहा है कि उन्हें हटाकर किसी और को इस पद पर नियुक्त कर दिया जाए।
भले ही डॉक्टर राजीव देवगन ने हवाला यह दिया है कि कैंसर के मरीजों का इलाज करने में उन्हें दिक्कत हो रही है। लेकिन उन्हें यह आज ही याद क्यों आया। जब वाइस चांसलर डॉ राजबहादुर की बेज्जती होते हुए उन्होंने वीडियो देखी तो फिर उनके भी होश फाख्ता हो गए। डॉ राजबहादुर में उन्हें अपना अक्स नजर आने लगा और इसीलिए उन्होंने अपना पद छोड़ने की पेशकश कर दी है।
वहीं डॉ केडी सिंह ने भी मेडिकल सुपरिटेंडेंट का पद छोड़ने की पेशकश कर दी है। क्योंकि कोई भी अधिकारी अपनी बेइज्जती नहीं करवाना चाहेगा।
आपको यह बता दें कि कोरोना काल के दौरान डॉ केडी सिंह और डॉ राजीव देवगन की ओर से दी गई सेवाओं को कोई भुला नहीं पाएगा। डॉ केडी सिंह माइक्रोबायोलॉजी विभाग के तहत बनाई गई लैबोरेटरी के इंचार्ज हैं और यहीं पर अमृतसर के आसपास के जिलों के भी कोरोना के मरीजों के सैंपल टेस्ट होते रहे हैं ‌।

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