विरसा संभाल मंच पंजाब के बैनर तले वक्फ-पीड़ित संघर्ष मोर्चा ने मुस्लिम वक्फ-बोर्ड के विरुद्ध विशाल जन सभा आयोजित कर बजाया संघर्ष का बिगुल
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- January 30, 2023
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कुमार सोनी, अमृतसर, 29 जनवरी
मुस्लिम वक्फ-बोर्ड द्वारा नाजायज व मनमाने ढंग से गुरुनगरी अमृतसर के कई इलाकों में नोटिस भेज कर उन्हें उनकी जमीनों को खाली करने अथवा इन जमीनों पर रहने के लिए वक्फ-बोर्ड को किराया देने के कहा गया है। वक्फ-बोर्ड द्वारा इन सब इलाकों के पीड़ित लोगों को न्याय व हक दिलाने के लिए विरसा संभाल मंच पंजाब ने वक्फ-पीड़ित संघर्ष मोर्चा, अमृतसर का गठन किया, जिसके नेतृत्व में संत समाज के मार्ग दर्शन व धार्मिक समाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधिओं ने पीड़ित समाज के सैकड़ो परिवारों को साथ लेकर आज श्री दुर्ग्याणा मन्दिर परिसर में विशाल जन सभा आयोजित की। जिसमें अंतर्राष्ट्रीय समाज सेविका राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित श्रीमती स्वराज ग्रोवर विशेष रूप से उपस्थित हुई। कार्यक्रम में पहुँचे संत समाज का स्वागत करते हुए विरसा संभाल मंच पंजाब के अध्यक्ष राम कुमार व्यास ने कहा कि अमृतसर में वक्फ बोर्ड के पीड़ितों को इन्साफ दिलाने के लिए वक्फ पीड़ित संघर्ष मोर्चा अमृतसर का गठन किया गया है, जिसके संयोजक डॉ. राकेश शर्मा को नियुक्त किया गया है। वक्फ पीड़ित संघर्ष मोर्चा अमृतसर के सरंक्षक की जिम्मेवारी श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर अश्नील जी महाराज बालाजी धाम छेर्रहाटा – श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर मनकामनेश्वर पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी मनोज जी महाराज जी, परम पुज्यनीय मंहत प्रताप दास जी बेरी वाले उदासीन अखाड़ा, मंहत स्वतंत्र पाल सिहं नामधारी सम्प्रदाय, जत्थेदार बाबा मेजर सिहं तथा बाबा बलदेव सिंह को दी गई है। प्रो. लक्ष्मीकांता चावला ने कहा कि वक्फ बोर्ड द्वारा नाजायज व मनमाने ढंग से गुरुनगरी अमृतसर के झब्बाल रोड, शहीद उधम सिंह नगर, इंदिरा कॉलोनी, बंगाली बस्ती, गुरबख्श नगर, डैमगंज, नवां कोट, हरिपुरा, इस्लामाबाद, मच्छी मंडी, रत्तन सिंह चौक, बेरी गेट, लोहगढ़, पुरानी सब्जी मंडी, पवन नगर (बटाला रोड), तबेला (कटड़ा सफेद), जड़ाऊ गली, शरीफपूरा, बाला चक्क (तरनतारन रोड), गाँव झंड पीर (राजासांसी) आदि जगहों पर दशकों से बसे लोगों को वक्फ बोर्ड द्वारा नाजायज तौर पर मनमानी करते हुए नोटिस भेज कर उनकी जगह खाली करने अथवा वहां रहने के एवज में हर महीने किराया वक्फ बोर्ड को देने के लिए नोटिस भेजे गए हैं। वक्फ बोर्ड द्वारा धक्केशाही कर अमृतसर में कई सम्पतियों पर बिना मालिकाना हक दिखाए दावा (यह जमीन कब और कैसे आई जानकारी के बिना) किया गया है, जिसके कारण 194 7 में आजादी के बाद पाकिस्तान से विस्थापित होकर भारत आए लोगों को इन इलाकों में उनकी पाकिस्तान में छूटी जमीनों के बदले यहाँ बसने के लिए जमीने और घर दिए गए थे। वक्फ-बोर्ड द्वारा इन इलाकों में बसे हुए हजारों परिवारों को बेघर करने का साजिशन व जबरन प्रयास किया जा रहा है, जो कि किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अश्नील जी महाराज ने कहा कि भारत-पाकिस्तान बंटवारे के समय 14 अगस्त 1947 को भारत के मुसलमानों से बंटवारे में 10 लाख 38 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन और 75 करोड़ रुपए नगद लिए दिए थे। जिसले चलते पाकिस्तान द्वारा अपना सारा हिस्सा लेने के बावजूद, वक्फ बोर्ड का शेष भारत की जमीन पर कोई अधिकार नही रहा। बंटवारें के समय मुस्लमानों की निजि, धार्मिक, मदरसे, कब्रिस्तान, मस्जिद, शैक्षिणक संस्थाए, ट्रस्ट और बोर्ड की जमीन (जायदाद) पाकिस्तान को दिए जाने बाद भी भारत में मुस्लीम वक्फ बोर्ड का अधिकार क्यों और कैसे माँगा जा रहा है। पंचायती अखाड़ा के महंत मनोज जी महाराज ने कहा कि बंटवारें के बाद तत्कालीन भारत सरकार ने सभी मुस्लीम संस्थानों व धार्मिक संस्थानों की सारी जमीन कस्टोडियन घोषित कर दी थी, फिर भी उन जमीनों पर वक्फ-बोर्ड अपना अधिकार क्यों और कैसे बता रहा है? बंटवारें के समय जो हिन्दू-सिख परिवार पाकिस्तान में अपनी जमीन, घर व रोजगार (जायदाद) छोड़ कर भारत आए आए थे, उनको भारत सरकार ने कस्टोडियन और दुश्मन की जमीन पर बिठाया था ताकि वह अपन तथा अपने परिवारों का गुजारा इन्ही जमीनों से कर सकें। फिर भी उन जमीनों पर वक्फ-बोर्ड जबरस्ती व गैरकानूनी ढगं से अपनी मनमानी कर अपनी मालकियत होने का दावा कर रहा है, जो कि किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। उदासीन अखाड़ा के महंत प्रताप दास ने कहा कि वर्ष 1968 में तत्कालीन भारत सरकार ने भारत-पाकिस्तान के विभाजन के समय पाकिस्तान जाने वाले लोगों की मौजूदा जमीन (जायदाद) को दुश्मन की जमीन घोषित कर दिया था और वह सारी जमीन भारत सरकार की हो गई थी, फिर भी इस जमीन पर वक्फ-बोर्ड अपनी दखलांदाजी क्यों, कैसे और किस अधिकार से कर रहा है?
महंत स्वतंत्र पाल सिंह जी ने कहा कि कसटोडियन और दुश्मन की जमीन भारत सरकार की है, फिर भी उन जमीनों का किराया वक्फ-बोर्ड वहां पर तत्कालीन भारत सरकार द्वारा बसाए गए लोगों को डरा कर जबरदस्ती व गैरकानूनी ढंग से वसूल रहा है, जबकि वक्फ-बोर्ड के पास इन जमीनों के मालिकाना कानूनी अधिकार नही है। बाबा मेजर सिंह ने कहा कि वक्फ बोर्ड एक्ट 1995 में दिए गए सारे अधिकार भारत के सभी नागरिकों के मौलिक अधिकार और अदालतों के अधिकारों की उल्लंघना है, इसलिए वक्फ बोर्ड गैरकानूनी है। उन्होंने मांग की कि वक्फ बोर्ड को सरकार तुरंत भंग करे और वक्फ-बोर्ड द्वारा पीड़ित लोगों को उनकी जमीनों के मालिकाना हक तुरंत दिए जाएं।
इस अवसर पर उपस्थित पीड़ित परिवारों ने कहा कि हम वक्फ-बोर्ड को कोई किराया नहीं देगें और ना ही कोई वक्फ-बोर्ड की हमारी जमीन पर मालकीयत साबित किए बिना किसी तरह की दखलांदाजी सहन करेगें, क्योंकि यह जमीनें हमें 1947 में बंटवारे के समय पाकिस्तान में छूटी हमारी जमीनों के बदले में मिली हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि पीड़ित परिवार जहां रह रहे है, उन जमीनों का मालीकाना हक वहां पर बसे लोगों को दिया जाए।
अरुण खन्ना ने कहा कि वक्फ-बोर्ड इसी तरह जिंदल ग्रुप की जमीन पर भी अपना कब्ज़ा बताते हुए जिंदल ग्रुप को नोटिस जारी किया गया था। जिसे लेकर जिंदल ग्रुप ने अपने अधिकार की लड़ाई लड़ते हुए माननीय राजस्थान हाईकोर्ट में वक्फ बोर्ड के विरुद्ध केस दायर किया और अदालत में जीत हासिल की। वक्फ बोर्ड द्वारा माननीय राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए भारत की सर्वोच्च अदालत माननीय सुपीम कोर्ट में जिंदल ग्रुप के विरुद्ध केस दायर किया जिसकी सुनवाई के बाद माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा 22 सितंबर 2022 को जिंदल ग्रुप के हक में फैसला सुनाते हुए वक्फ-बोर्ड को जमकर फटकार लगाई और फैलसा जिंदल ग्रुप के हक में सुनाया। अरुण खन्ना ने कहा कि वक्फ-पीड़ित संघर्ष मोर्चा गुरुनगरी अमृतसर के वक्फ-बोर्ड पीड़ितों के हक की लड़ाई में पीड़ितों के साथ खड़ा है और उनकी लड़ाई में पूर्ण सहयोग देगा।
इस अवसर पर श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर अश्नील जी महाराज बालाजी धाम छेर्रहाटा – श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर मनकामनेश्वर पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी मनोज जी महाराज जी, परम पुज्यनीय मंहत प्रताप दास जी बेरी वाले उदासीन अखाड़ा, मंहत स्वतंत्र पाल सिहं नामधारी सम्प्रदाय, प्रो. लक्ष्मीकांता चावला अध्यक्ष दुर्ग्याणा कमेटी अमृतसर, अरुण खन्ना महासचिव श्री दुर्ग्याणा कमेटी अमृतसर, बाबा प्रगट सिहं मिसल बाबा जीवन सिहं तरना दल, धर्म यज्ञ हैप्पी दास भील राम तीर्थ, जत्थेदार बाबा मेजर सिहं, बाबा बलदेव सिंह , बाबा सतनाम सिंह खापड़ खेड़ी, बाबा जसबीर सिंह, महेंदर नछत्तर सिंह गिल रामतीर्थ, बाबा पूर्ण सिंह जी, गिरधारी नाथ जी, बाबा मलकीत नाथ धूना साहिब, महेंदर मंजीत गिरी राम त्रित, महेंदर जगतार दास , महेंदर विशाल भोड़े वाली गौशाला, योगराज केन्द्रीय वाल्मीकि मंदिर, युद्धवीर केन्द्रीय श्री गुरु रविदास मंदिर, माता सुधा , माता शारदा महेशवरी जी, स्वामी सत्यप्रीत हरि , जितेंदर सिंह गोलू, जगदीश कौशल, सीमा शर्मा, मंशा तिवाड़ी आदि सहित सैकड़ों पीड़ित परिवार भी उपस्थित थे।