श्री कृष्ण जन्माष्टमी: योगमाया भी शक्ति का एक अवतार
- Aap ke LiyeDharam/AasthaKANGRA
- August 19, 2022
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श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन ही श्री विष्णु जी की योगमाया का भी जन्म हुआ था। उन्हें कोई भी स्मरण नहीं करता। इस दिन न केवल श्रीकृष्ण का जन्मदिन है बल्कि योगमाया का भी है। योगमाया भी शक्ति का एक अवतार थी।
इधर गोकुल में श्रीकृष्ण जी अवतरित हुये व उधर नंदगांव में नंदबाबा की पत्नी यशोदा जी के श्रीविष्णु जी की योगमाया बालिका के रुप में अवतरित हुईं।
कान्हा जी के अवतरित होते ही कारागर के सभी पहरेदार मूर्च्छित हो गये।इ श्री वासुदेव जी ने जब बालगोपाल जी को गोद में लिया तो उनकी बेड़ियां स्वत: ही खुल गयीं व कारागार के सातों दरवाजों पर लगे ताले स्वत: खुल गये। श्री वासुदेव जी ने कान्हा जी को टोकरी में रखकर अपने शीर्ष पर रख लिया। जब श्री वासुदेव जी यमुना जी को पार करने लगे तो तेज वर्षा आरंभ हो गयी तब श्री शेषनाग जी ने श्रीकृष्ण जी पर छत्रछाया कर दी। नंदगांव में यशोदा जी के घर पहुंचकर श्री वासुदेव जी ने कान्हा जी को यशोदा जी की बेटी जो श्रीविष्णु जी की योगमाया थी, के साथ बदल दिया। यशोदा जी निद्रावस्था में थीं। श्री वासुदेव जी ने कान्हा जी को यशोदा जी के साथ लिटा दिया व उनकी बेटी को टोकरी में रखकर गोकुल के कारावास में लौट आए। सभी दरवाजे बंद हो गये व बेड़िया फिर वासुदेव जी के हाथों व पैरों में पड़ गयीं।
सभी पहरेदारों की जब मूर्च्छा खुली तो नन्हें बच्चे की आवाज़ सुनकर कंस को सूचित किया।
कंस ने कारागार में आकर देवकी से उस बालिका को छीन लिया व उसे पत्थर पर पटकना चाहा तो वो कंस के हाथों से छूटकर आकाश में अष्टभुजी रुप मां जगदम्बे के रुप में परिवर्तित हो गयी व उस बालिका ने कहा, “कंस! तुम्हारे हत्यारे ने पहले ही जन्म ले लिया है।”