श्री दुर्ग्याणा तीर्थ में वीर हकीकत राय का बलिदान दिवस मनाया गया

श्री दुर्ग्याणा तीर्थ में वीर हकीकत राय का बलिदान दिवस मनाया गया

श्री दुर्ग्याणा तीर्थ में वीर हकीकत राय का बलिदान दिवस मनाया गया

अमृतसर, ( कुमार सोनी) 14 फरवरी, 2024: श्री दुर्ग्याणा तीर्थ में श्री दुर्ग्याणा कमेटी की अध्यक्ष प्रो. लक्ष्मीकांता चावला की अध्यक्षता में वीर हकीकत राय का बलिदान दिवस श्रद्धापूर्वक मनाया गया। प्रो. चावला ने मंदिर में वीर हकीकत राय की प्रतिमा हाल में ही स्थापित करवाई है। आज उनके बलिदान दिवस पर लोगों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस दौरान श्री दुर्ग्याणा तीर्थ में देश के कोने कोने से आए लोगों ने भी वीर हकीकत के विषय में जाना और उन्हें नमन किया।

वीर हकीकत राय का जीवन:

प्रो. लक्ष्मीकांता चावला ने वीर हकीकत राय के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि हकीकत राय का जन्म 1719 में पंजाब के स्यालकोट (जो अब पाकिस्तान में है) में हुआ था। हकीकत बहुत कुशाग्र बुद्धि थे और उन्होंने फारसी भाषा में शिक्षा प्राप्त की थी। एक दिन मदरसे में उनके सहपाठियों ने हकीकत राय की मां भवानी का अपमान किया। हकीकत राय ने इसका विरोध किया, जिसके बाद उन पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया। हकीकत राय ने इस्लाम स्वीकार करने से मना कर दिया और उन्हें मौत की सजा सुनाई गई। 1739 में उन्हें शहीद कर दिया गया।

वीर हकीकत राय के बारे में:

  • हकीकत राय का जन्म 1719 में स्यालकोट (अब पाकिस्तान) में हुआ था।
  • उनके पिता भागमल व्यापारी थे और माता का नाम गौरां था।
  • हकीकत बहुत कुशाग्र बुद्धि थे और उन्होंने फारसी भाषा सीखी।
  • 1739 में, हकीकत राय को एक मुस्लिम लड़के ने मां भवानी की शपथ लेने पर आपत्ति जताई।
  • हकीकत राय ने कहा कि यदि वह फातिमा बीबी के बारे में अपशब्द कहे तो उन्हें कैसा लगेगा।
  • इस बात पर हकीकत राय पर इस्लाम के खिलाफ अपशब्द कहने का आरोप लगाया गया।
  • हकीकत राय ने कहा कि वे हिंदू रहकर ही मरना चाहते हैं।
  • उन्हें 1739 में शहीद कर दिया गया।

 

 

वीर हकीकत राय का बलिदान दिवस मनाने का महत्व:

प्रो. चावला ने कहा कि वीर हकीकत राय का बलिदान दिवस मनाना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह दिन हमें धर्म के प्रति निष्ठा, साहस और बलिदान की भावना से प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि शिक्षण संस्थाओं व मंदिरों में वीर हकीकत राय के बारे में लोगों को बताया जाए।

कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति:

इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अधिकारी डा. रजनीश, डीएवी कालेज की प्रो. नंदा, गुजरत, सूरत, महाराष्ट्र, प्रायागराज, बंगाल से आए श्रद्धालु और श्री दुर्ग्याणा कमेटी के सदस्य उपस्थित थे।

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