श्री हेमकुंट साहिब रोपवे और सिख विवाह अधिनियम पर संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा ने जताया आभार

श्री हेमकुंट साहिब रोपवे और सिख विवाह अधिनियम पर संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा ने जताया आभार

श्री हेमकुंट साहिब रोपवे परियोजना और सिख आनंद कारज विवाह अधिनियम लागू होने पर संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा ने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री फडणवीस का किया धन्यवाद

चौक मेहता/अमृतसर, 7 मार्च (कुमार सोनी) — दमदमी टकसाल के प्रमुख और संत समाज के अध्यक्ष संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा ने उत्तराखंड में गुरुद्वारा श्री गोबिंदघाट से श्री हेमकुंट साहिब तक 2,730 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 12.4 किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना को मंजूरी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। साथ ही, महाराष्ट्र में सिख आनंद कारज विवाह अधिनियम को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का भी हार्दिक धन्यवाद किया। इस ऐतिहासिक कदम के लिए उन्होंने समस्त नानक नाम लेवा संगत को बधाई भी दी।

संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा ने कहा कि श्री हेमकुंट साहिब के लिए रोपवे परियोजना प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सिख समुदाय को श्री करतारपुर कॉरिडोर और वीर बाल दिवस के बाद दिया गया एक और बड़ा उपहार है। समुद्र तल से 13,650 फीट की ऊंचाई पर स्थित श्री हेमकुंट साहिब, श्री दशमेश पिता गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज की पूर्वजन्म की तपस्थली मानी जाती है, जो सिख समुदाय की गहरी श्रद्धा और आस्था का केंद्र है। रोपवे बनने के बाद, यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा और बुजुर्ग एवं शारीरिक रूप से कमजोर श्रद्धालु भी आसानी से श्री हेमकुंट साहिब के दर्शन कर सकेंगे।

सिख आनंद कारज विवाह अधिनियम को कानूनी मान्यता देने पर संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस कानून के लागू होने से सिख समुदाय की विवाह पंजीकरण प्रक्रिया में पारदर्शिता आई है और विवाह प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया भी सरल और अधिक जवाबदेह हो गई है। यह कदम महाराष्ट्र चुनाव के दौरान भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन द्वारा सिख समुदाय से किए गए वादे को पूरा करता है।

संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा ने महाराष्ट्र राज्य पंजाबी साहित्य अकादमी के कार्यकारी अध्यक्ष मलकीत सिंह बल, 11 सदस्यीय सिख समन्वय समिति के प्रमुख भाई जसपाल सिंह सिद्धू और राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य चरणदीप सिंह हैप्पी की भी प्रशंसा की, जिन्होंने इस अधिनियम को लागू कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि यह सफलता दमदमी टकसाल की सिख प्रतिनिधियों द्वारा सरकार से की गई मांगों और प्रयासों का परिणाम है, जिन्हें 29 सितंबर 2024 को नवी मुंबई में श्री गुरु अंगद देव जी और श्री गुरु अमरदास जी के शताब्दी गुरुपर्व के अवसर पर मान्यता प्राप्त हुई थी।

संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा ने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री फडणवीस को सिख समुदाय की भावनाओं और जरूरतों को समझने और उन्हें पूरा करने के लिए धन्यवाद दिया और इस तरह के कदमों को सिख समुदाय के उत्थान और उनके अधिकारों की रक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण बताया।

 

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