सिख नेताओं ने इकबाल सिंह लालपुरा को भाजपा संसदीय बोर्ड व केंद्रीय चुनाव समिति में शामिल किए जाने का जोरदार स्वागत किया
कुमार सोनी, अमृतसर ,17 अगस्त-
भारतीय जनता पार्टी की तरफ से भाजपा के सिख नेता और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा को पार्टी के दो सबसे प्रमुख निकायों, भाजपा संसदीय बोर्ड व केंद्रीय चुनाव समिति में नियुक्त कर उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी देने के लिए सिख समुदाय के नेताओं ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी नड्डा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का धन्यवाद किया है. भाजपा के सिख नेता प्रो. सरचंद सिंह ख्याला ने जारी बयान में भाजपा बुद्धिजीवी सैल के चेयरमैन और पूर्व वीसी डॉ. जसविंदर सिंह ढिल्लों, पूर्व विधायक फतेह जंग सिंह बाजवा, सुखमिंदर सिंह ग्रेवाल, रघबीर सिंह साथी, यादविंदर सिंह बुट्टर, भाजपा प्रवक्ता कुलदीप सिंह काहलों, प्रोफेसर सरचंद सिंह खियाला, चीफ खालसा दीवान उपाध्यक्ष अमरजीत सिंह विक्रांत, राजा सुरिंदर सिंह जीरकपुर, अध्यक्ष डॉ सुरिंदर कौर कंवल, पुनर्वास और निपटान संगठन (रासो) अध्यक्ष कमलजीत कौर गिल, सतिंदर सिंह मकोवाल जिला अध्यक्ष अमृतसर ग्रामीण, संतोख सिंह गुमटाला राष्ट्रीय महासचिव, सरबजीत सिंह सीकेडी, सिख विचारक डॉ. सूबा सिंह, निशाने सिखी के अध्यक्ष डॉ. आरपीएस बोपाराय, बख्शीश सिंह पठानकोट, गगनदीप सिंह जंडियाला, डॉ. सलविंदर सिंह जंडियाला, कंवर जगदीप सिंह और अरविंद शर्मा ने कहा कि भाजपा नेतृत्व ने इकबाल सिंह लालपुरा को पार्टी के सबसे महत्वपूर्ण इन दो संस्थाओं 11 सदस्यीय नए संसदीय बोर्ड और 15 सदस्यीय नई केंद्रीय चुनाव समिति के लिये चुनकर पंजाब और सिख समुदाय को प्रतिनिधता दे कर राष्ट्रीय स्तर पर पंजाब और सिख समुदाय का गौरव बढ़ाया है। प्रो सरचंद सिंह खियाला ने कहा कि सिख समुदाय उक्त घोषणा से खुश है। उन्होंने कहा कि स : लालपुरा के अनुभवों से भाजपा को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा संसदीय बोर्ड पार्टी की सबसे शक्तिशाली संस्था है। जब राष्ट्रीय स्तर पर या किसी राज्य में गठबंधन की बात आती है तो संसदीय बोर्ड का निर्णय अंतिम माना जाता है। इसके अलावा राज्यों में विधान परिषद या विधानसभा में नेताओं के चुनाव का काम भी यही बोर्ड करता है। उन्होंने कहा कि चुनाव समिति भाजपा की दूसरी सबसे शक्तिशाली संस्था है। चुनाव समिति के सदस्य लोकसभा से विधानसभा चुनाव के लिए टिकट तय करते हैं। और यह भी तय करती है कि चुनावी राजनीति में कौन सीधे तौर पर शामिल होगा और किसे इससे बाहर रखा जाएगा। चुनावी मामलों में सभी शक्तियां पार्टी की चुनाव समिति के पास हैं।