हमने प्राकृतिक संसाधनों का नुकसान करके वातावरण संतुलन को बुरी तरह बिगाड़ दिया है
- Anya KhabrenHindi News
- November 10, 2022
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खालसा कॉलेज में प्रदूषित हवा का मानवीय सेहत पर असर, कारण एवं उपचार विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कान्फ्रेंस करवाई गई l
कुमार सोनी अमृतसर,
खालसा कालेज के पोस्ट ग्रेजुएट वनस्पति विभाग की ओर से पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड पटियाला व केंद्र सरकार के वातावरण व जंगलात मंत्रालय के राष्ट्रीय साफ हवा प्रोग्राम के तहत दो दिवसीय राष्ट्रीय कान्फ्रेंस प्रदूषित हवा का मानवीय सेहत पर असर, कारण व इलाज करवाई गई जिसमें देश भर से वनस्पति और पर्यावरण के 150 से अधिक शोधकर्ताओं और शिक्षकों ने भाग लिया । इस महत्वपूर्ण विषय पर नई संभावनाओं और चुनौतियों पर खुलकर चर्चा की गई । सम्मेलन के चार तकनीकी सत्रों में विभिन्न वक्ताओं ने अपने भाषणों, पोस्टरों और चर्चाओं के माध्यम से इन अकादमिक विषयों पर प्रकाश डाला। इस 2 दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे खालसा कॉलेज गवर्निंग काउंसिल के आनरेरी सचिव राजिंदर मोहन सिंह छीना ने कहा कि यह विषय सिर्फ विज्ञान ही नहीं बल्कि हर विषय और पार्टी से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि हमने अतीत में प्राकृतिक संसाधनों के नुकसान के कारण पारिस्थितिक संतुलन को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाया है और यह आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहद हानिकारक साबित होगा। सम्मेलन मे मुख्य वक्ता पदमश्री अवार्डी संत बाबा सेवा सिंह खडूर साहिब ने अपने मुख्य भाषण में स्वास्थ्य और जीवन में पर्यावरण और पेड़ों के महत्व पर प्रकाश डाला। उनके नेतृत्व में चल रहे पर्यावरण बचाओ कार्यों की टीमों ने पिछले बीस सालों में सात लाख से अधिक वृक्ष, 200 से अधिक फलदार बाग और 250 से अधिक नानक जंगल लगाकर पर्यावरण को हरा-भरा और स्वच्छ रखने के लिए सराहनीय प्रयास किए हैं। उनके मार्गदर्शन में, खडूर साहिब की ओर जाने वाले रास्ते हरे और छायादार पेड़ों से भरे पड़े है। उद्घाटन सत्र में कॉलेज प्राचार्य डॉ. महल सिंह ने छात्रों में पर्यावरण के महत्व को पढ़ने और समझने में रुचि पैदा करने पर जोर दिया और कहा कि हम प्रकृति की अधीनता में खुशी से चल सकते हैं लेकिन प्रकृति के खिलाफ विद्रोह होकर चलना हमारे लिए संभव नही है। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. डा. आदर्श पाल विग ने बोर्ड की ओ रसे समय समय पर वातावरण को बचाने के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे जानकारी देते हुए कहा कि पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड किसानों को फसली अवशेष व पराली को आग न लगा कर जमीन में खेती करके अगली फीस बीजने के लिए जागरूक कर रहा है तथा जो किसान यह काम कर रहे है उनको पंजाब सरकार की ओर से सम्मानित भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कॉलेजों, विश्वविद्यालयों को इस तरह के सेमिनार आयोजित करने चाहिए और उन्होंने कॉलेज के प्रयासों की भी सराहना की। डा. बलविंदर सिंह मुखी वनस्पति विभाग ने पिछले समय में विभाग की ओर से वातावरण बचाने के लिए की जा रही गतिविधियों के बारे बताया। डा. राजबीर सिंह संयुक्त सचिव ने आए हुए सभी विद्वानों व विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए उक्त विषय पर अपने विचार पेश किए।
सम्मेलन के प्रथम तकनीकी सत्र में उमेंद्र दत्त, कृषि विरासत मिशन ने पर्यावरण के महत्व के बारे में बताया। मुक्तसर साहिब के कुदरती किसान कमलजीत सिंह हेयर ने बताया कि हमारे वर्तमान खेती माडल में कैसे ठहराव आ गई है जो अब बहुत देर चलने वाला नहीं व हमें अब इसमें निकल कर खेती के नए माडल के बारे काम करना पड़ेगा।
सत्र के तीसरे वक्ता गुरबिंदर सिंह बाजवा, वाईआईएफ गुरदासपुर ने कद्दू मुक्त धान और पराली संभाल प्रबंधन की ज्ञानपूर्वक विधियों के बारे में बताया।
दूसरे सत्र में डॉ. मनप्रीत सिंह भट्टी, गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, पर्यावरण और एक्यूआई के बारे बताया कि यह समझना हमारे लिए क्यों व कैसे जरूरी है। जबकि डा. जसवीर सिंह गिल पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी लुधियाना ने यूनिवर्सिटी की ओर से विकसित की सरफेस सीडड विधि संबंधी कहा कि यह विधि आने वाले समय में कैसे खेती का नजरिया बदलने में कारगर साबित होगी। सम्मेलन के दूसरे दिन तीसरे तकनीकी सत्र में प्रो. सरोज अरोड़ा ने पौधों का मानव रोगों व मानवीय जीवन में महत्ता के बारे बताया। चौथे तकनीकी सत्र में डॉ. श्वेता यादव, एचएस गौर विश्वविद्यालय, मध्य प्रदेश और डॉ. सुरिंदर सिंह सूथर, दून विश्वविद्यालय, देहरादून ने प्राकृतिक खेती में गंडोआ उर्वरक के महत्व पर व्याख्यान दिया। उनके अनुसार प्राकृतिक खेती का हमारे अच्छे स्वास्थ्य और पर्यावरण से सीधा संबंध है। उन्होंने कहा कि कैसे गंडोया पर्यावरण की सफाई कर प्राकृतिक खेती के लिए फायदेमंद हैं। विश्वविद्यालय से प्रो. अविनाश नागपाल, प्रो. सतविंदरजीत कौर, प्रो. जितेंद्र कौर व डा. सुशंत शर्मा ने इन तकनीकी सत्रों की अध्यक्षता की। प्रो. राजिंदर कौर, डाॅ. मनप्रीत धुन्ना प्रमुख जेनेटिक्स विभाग तथा डॉ. हरप्रीत वालिया की टीम ने कान्फ्रेंस में यंग इनवायरमेंटलिस्ट अवाड्र वाले सेशन में जीएनडीयू से सोबुम इंदिरा कुमार सिंह व मोहम्मद आसिफ को विजेता अवार्ड से सम्मानित किया। डाॅ. मधु ने सम्मेलन में भाग लेने के लिए सभी को धन्यवाद दिया। इस अवसर पर डाॅ. हरजिंदर सिंह, डॉ. प्रभजीत कौर, डाॅ. हरप्रीत कौर, डाॅ. पीके आहूजा, डॉ. मनिंदर कौर, डाॅ. हरसिमरन कौर, डाॅ. सोनिया शर्मा, डाॅ. गुरप्रीत कौर, डाॅ. प्रदीप कौर सहित समस्त स्टाफ एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।