हमीरपुर-टौणीदेवी कस्बे में एनएच 03 के निर्माण में बरती गई है भेदभावपूर्ण नीति : राणा
- Anya KhabrenHAMIRPURHindi News
- June 28, 2022
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जिनकी पहुंच थी उनको मुआवजा ज्यादा और जिनकी नहीं थी पहुंच उन्हें मुआवजा कम
हमीरपुर 28 जून
हमीरपुर से गुजरने वाले एनएच 03 के निर्माण में भारी भेदभाव व अन्यायपूर्ण नीति बरती गई है। यह आरोप प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने मीडिया को दिए बयान में जड़ा है। राणा ने कहा कि टौणीदेवी कस्बे से होकर गुजरने वाले एनएच 03 में टौणीदेवी कस्बे में दुकानों को गिराने के लिए नोटिस जारी कर दिया है जिसमें पीडि़त प्रभावितों को दोषपूर्ण नीति अपनाई गई है। मुआवजे के मामले में भी सरकार ने इस कस्बे के पीडि़तों व प्रभावितों से भारी भेदभाव बरता है।
राणा ने बताया कि उन्हें इस मामले को लेकर एक शिष्टमंडल मिला है जिसने अपनी शिकायतों व शिकवों का एक ज्ञापन उन्हें सौंपा है। उन्होंने कहा कि पीडि़तों व प्रभावितों की मानें तो जिन लोगों की सियासी पहुंच थी उन्हें मुआवजा भी ज्यादा दिया गया है लेकिन आम व छोटे दुकानदारों को मुआवजा न के बराबर दिया गया है। कस्बे में गिराई जाने वाली छोटे दुकानदारों की दुकानें के मामले में भी भेदभाव का फार्मूला बरता गया है जिन धन्ना सेठों की सियासी पूछ पहचान थी उनकी दुकानों को बचाया जा रहा है। जबकि जिनकी सियासी तौर पर पूछ पहचान नहीं थी या उनको कांग्रेस पार्टी का पक्षधर माना जाता था उन दुकानदारों की दुकानें उजाड़ी जानी हैं। जिसमें कोई कायदा कानून नहीं बरता गया है।
कई जगह तो सड़क बनाती दफा लेन का ध्यान भी नहीं रखा गया है। राणा ने कहा कि सड़क बनने से किसी को इन्कार नहीं है। लोग पूरी तरह सहयोग करने को राजी हैं लेकिन अन्यायपूर्ण और भेदभावपूर्ण बरती गई नीति को लेकर टौणीदेवी कस्बे के व्यापारियों में सरकार के प्रति भारी आक्रोश है। उन्होंने कहा कि वह पहले भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह कर चुके हैं और अब फिर वह आग्रह कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर स्वयं इस मामले में दखल देकर व्यापारियों से हुए भेदभाव के मामले में तत्काल जांच करवाएं अन्यथा पहले से जनता के आक्रोश के रडार पर चल रही बीजेपी को जनता के कोप का भाजन बनना पड़ेगा। राणा ने कहा कि ज्ञापन देने आए लोगों ने यह भी खुलासा किया है कि हमीरपुर बीजेपी के नेताओं के समर्थकों को अनावश्यक तौर पर इस मामले में लाभ पहुंचाया है जबकि बीजेपी के कई कट्टर समर्थक भी इस भेदभाव का शिकार हुए हैं।