हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर, पिक्चर्स में देखें

हिमाचल प्रदेश में बारिश ने कहर मचा रखा है. पूरे प्रदेश में लोग बारिश से परेशान हैं. लोगों को जान माल की कीमत चुकानी पड़ी है.

मंडी, चंबा और कांगड़ा जिला में 20 लोगों की मौत हो गई है, जबकि पांच लापता हैं। मंडी में एक ही परिवार के आठ लोगों समेत 13, चंबा में तीन, शिमला के ठियोग और कांगड़ा जिला में दो-दो लोगों की मौत हुई है।

कांगड़ा में अंग्रेजों के जमाने का बना चक्की खड्ड पर रेलवे का पुल ढह गया है। इसके छह पिल्लर ढह गए हैं।

बादल फटने से करीब 60 दुकानें, 31 मकान क्षतिग्रस्त हो गये,

थुनाग बाजार में बादल फटने से करीब 60 दुकानें, 31 मकान, 26 गोशालाएं, एक पुल क्षतिग्रस्त हो गया। दर्जनों वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं।चंबा में भूस्खलन से आए मलबे में दबने से घर में सो रहे पति-पत्नी और बेटे की मौत हो गई।

चमारू राम (42) पुत्र धर्मो राम, मीना देवी (38) पत्नी चमारू राम और उनके 11 वर्षीय बेटे अजय कुमार के शव मलबे से निकाले गए।डलहौजी-पठानकोट नेशनल हाईवे पर चंबा के पंजपुला में जमीन धंसने से बस डंगे में अटक गई। इसमें 35 लोग सवार थे। पठानकोट-मंडी, मंडी-कुल्लू और मंडी-जालंधर वाया धर्मपुर एनएच ठप हो गए हैं।

धर्मशाला में 64 साल बाद रिकॉर्ड 333 मिलीमीटर बारिश हुई है, शुक्रवार रात कांगड़ा में सबसे अधिक 346 और धर्मशाला में 64 साल बाद रिकॉर्ड 333 मिलीमीटर बारिश हुई। रविवार और सोमवार को भी मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने प्रदेश में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। मंडी के जवालापुर में चलती बाइक पर पत्थर गिरने से दो युवाओं की मौत हो गई है।

भारी बारिश से सेब सीजन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। शिमला जिले के सेब उत्पादक क्षेत्रों में संपर्क सड़कें बंद होने के बाद बागवानों ने तुड़ान रोक दिया है। इससे मंडियों में सेब की आमद घट गई है। जिन बगीचों में फसल तैयार है, वहां अधिक दिन तक तुड़ान नहीं रोका जा सकता है। ऐसे में बागवानों को फसल मंडियों तक पहुंचाने की चिंता सता रही है। ठियोग, कोटखाई, चौपाल, नारकंडा, खड़ापत्थर सहित अन्य इलाकों के संपर्क मार्ग बंद होने से बागवानों की परेशानी बढ़ गई है।

बगीचों में मलबा आने से सेब से लदे पेड़ गिरने के कारण बागवानों को भारी नुकसान भी हुआ है।

प्रदेश के हालात अभी भी मौसम पर ही निर्भर हैं. प्रदेश में सड़कों के, पुलों के, फैसलों के, और आम जनता के हालात आज ठीक नहीं है. सीएम और दूसरे नेता इलेक्शन के लिए अपने अपने तरीके से काम कर रहे हैं. प्रदेश की जनता अधिकारियों के जिमें है.

 

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