बल्ह, 8 जुलाई 2025: हिमाचल प्रदेश पर आई इस भीषण प्राकृतिक आपदा की घड़ी में, जहां चारों ओर त्रासदी और चुनौतियों का मंजर है, बल्ह की उपमंडलाधिकारी (एसडीएम) स्मृतिका अमरित नेगी का सेवाभाव और समर्पण हर किसी के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है। उनका अपने कार्यालय से खुद राहत सामग्री उठाकर ले जाते हुए एक दृश्य सामने आया है, जो केवल एक तस्वीर नहीं, बल्कि उस सच्ची मानवता का प्रमाण है जो आज भी जीवित है और संकट के समय में सबसे आगे खड़ी नजर आती है।
एसडीएम नेगी का यह कार्य केवल उनकी सरकारी ड्यूटी का हिस्सा नहीं, बल्कि यह उनके दिल से निभाई जा रही निस्वार्थ सेवा है। उनके इस हौसले और दृढ़ संकल्प को पूरा प्रदेश सलाम कर रहा है। हिमाचल प्रदेश की जनता को उन पर गर्व है, और यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि पद की गरिमा उसके साथ जुड़े व्यक्ति के कर्मों से तय होती है। जैसा कि कहा जाता है, “पद बड़ा नहीं होता, इंसान की पहचान उसके कर्मों से होती है,” और स्मृतिका नेगी ने अपने कार्यों से इस बात को सिद्ध कर दिखाया है। वह आपदा के इस समय में सभी अधिकारियों के लिए एक मिसाल बन गई हैं कि किस तरह बिना किसी हिचक के जनता की सेवा में खुद को समर्पित किया जा सकता है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, आपदा की इस विकट घड़ी में किसी अधिकारी को इस तरह काम करते हुए पहली बार देखा गया है। नेगी ने पहले एक छोटी बच्ची को बड़े प्यार और संवेदनशीलता के साथ संभाला, उसकी मदद की, और उसके बाद उन्होंने दो गर्भवती महिलाओं को अपनी सरकारी गाड़ी के माध्यम से सुरक्षित अस्पताल तक पहुँचाया। ये छोटे-छोटे कार्य, जो सीधे जनता से जुड़ते हैं और उनकी सबसे बड़ी जरूरतों को पूरा करते हैं, प्रशासन के प्रति जनता के विश्वास को न केवल बढ़ाते हैं बल्कि उसे और भी मजबूत करते हैं।
अधिकारियों का ऐसा मानवीय और सक्रिय दृष्टिकोण यह दर्शाता है कि जब प्रशासन जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होता है, तो सबसे कठिन परिस्थितियाँ भी आसान हो जाती हैं। स्मृतिका अमरित नेगी ने साबित कर दिया है कि सच्ची प्रशासनिक दक्षता केवल फाइलों में नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर लोगों की सेवा करने और उनकी पीड़ा को समझने में निहित है। उनका यह कार्य निस्संदेह पूरे प्रदेश के प्रशासनिक ढांचे के लिए एक नया मानदंड स्थापित करेगा और अन्य अधिकारियों को भी इसी तरह के समर्पण और सेवाभाव के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित करेगा।