धर्मशाला को राष्ट्रीय खेल मंच बनाने की दिशा में कदम, खेल गतिविधियों के विस्तार की रूपरेखा तैयार

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धर्मशाला, 6 जून — हिमाचल प्रदेश का प्रमुख शहर धर्मशाला, अब केवल पर्यटन और क्रिकेट के लिए नहीं बल्कि बहुआयामी खेल गतिविधियों के केंद्र के रूप में भी अपनी पहचान बना रहा है। इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए उपायुक्त हेमराज बैरवा ने जिला खेल परिषद की बैठक में निर्देश दिए कि धर्मशाला में राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन हेतु आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए व्यापक योजना तैयार की जाए।

बैठक के दौरान उपायुक्त ने यह स्पष्ट किया कि खेल केवल मनोरंजन का साधन नहीं बल्कि युवा पीढ़ी के लिए आत्मविश्वास, अनुशासन और करियर निर्माण का माध्यम बन चुके हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अधिकारियों को खेल परिसर की मौजूदा स्थिति का जायजा लेकर उसके विस्तारीकरण की दिशा में ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए।

बैठक में इंडोर स्टेडियम की मरम्मत, स्वीमिंग पूल और बास्केटबॉल कोर्ट के निर्माण, तथा फुटबॉल मैदान के संभावित विकास जैसे कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। खन्यारा के पटोला क्षेत्र में फुटबॉल मैदान विकसित करने की संभावनाओं को लेकर लोक निर्माण विभाग को शीघ्र रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है। इसके साथ ही खेल परिषद और संबंधित खेल संघों के सुझावों को गंभीरता से लेते हुए उपायुक्त ने कहा कि ऐसी परियोजनाएं केवल खेल क्षेत्र को ही नहीं, बल्कि स्थानीय आर्थिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहित करेंगी।

खिलाड़ियों के हित को प्राथमिकता देते हुए, जिला प्रशासन ने खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। इसके अंतर्गत बैडमिंटन कोर्ट के लिए नए मैट्स उपलब्ध करवाने, वेटलिफ्टिंग जिम में उपयुक्त स्थान सुनिश्चित करने, और शूटिंग रेंज में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने की योजना बनाई गई है। नगरोटा में निर्मित इंडोर स्टेडियम के संचालन के लिए भी एक कमेटी गठित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, ताकि संचालन में पारदर्शिता और कुशलता सुनिश्चित की जा सके।

पुराने उपकरणों को हटाकर नई तकनीकों और सुविधाओं की स्थापना के आदेश भी जारी किए गए हैं, जिससे खिलाड़ियों को आधुनिक मानकों के अनुरूप प्रशिक्षण मिल सके। इसके अलावा खेल परिसर में चेंजिंग रूम और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं को और अधिक सुदृढ़ करने पर विशेष जोर दिया गया है।

धर्मशाला के खेल परिसर में योग सत्र आयोजित करने की योजना भी प्रस्तावित की गई है, जिससे खिलाड़ियों की मानसिक एकाग्रता और शारीरिक संतुलन में सुधार हो सके। यह एक समग्र दृष्टिकोण को दर्शाता है जिसमें केवल शारीरिक प्रशिक्षण ही नहीं, बल्कि मानसिक सुदृढ़ता पर भी ध्यान दिया जा रहा है।

बैठक में देहरा क्षेत्र में एकीकृत खेल परिसर की कार्य योजना पर भी गंभीरता से विचार किया गया। इसके लिए संबंधित विभाग को शीघ्र कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही इंडोर स्टेडियम में प्रवेश शुल्क, पंजीकरण प्रक्रिया और जरूरतमंद खिलाड़ियों के लिए स्पॉन्सरशिप की संभावनाओं पर भी मंथन हुआ।

धर्मशाला में खेल ढांचे के विकास को लेकर प्रशासनिक तत्परता इस बात का संकेत है कि हिमाचल अब खेल संस्कृति को केवल सीमित दायरे में नहीं देखता, बल्कि उसे राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास के साथ जोड़कर देख रहा है। यदि इन योजनाओं को समयबद्ध तरीके से लागू किया जाता है, तो आने वाले वर्षों में धर्मशाला एक बहु-खेल हब के रूप में देश भर में स्थापित हो सकता है।

यह एक वेब-जनित समाचार कथा है।
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