मंडी के महान वैज्ञानिक को श्रद्धांजलि: डॉ. ललित मल्होत्रा के बहुआयामी जीवन पर विशेष संगोष्ठी में भावभीनी स्मृतियाँ साझा – प्रो. अजय सोनी ने दी श्रद्धांजलि

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भौतिक विज्ञानी व थिन फिल्म टेक्नोलॉजी के प्रणेता डा.ललित मल्होत्रा के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के ऊपर विशेष संगोष्ठी का आयोजन-वक्ताओं ने प्रेरक प्रसंग बताए

7 जून 2025 को अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भौतिक विज्ञानी और थिन फिल्म टेक्नोलॉजी के प्रणेता डॉ. ललित मल्होत्रा के निधन के बाद मंडी में उनकी स्मृति में आयोजित एक विशेष संगोष्ठी ने न केवल उन्हें श्रद्धांजलि दी, बल्कि उनके बहुआयामी योगदान को भी जनमानस तक पहुंचाया। ‘व्यक्तित्व एवं कृतित्व’ नामक यह संगोष्ठी 5 जुलाई 2025 को मंडी के खत्री सभा भवन में आयोजित की गई, जिसका आयोजन मण्डीपीडिया, मेरे अपने और इंटेक मंडी चैप्टर जैसे तीन प्रमुख संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

कार्यक्रम का संचालन नीरज शर्मा ने गरिमापूर्ण ढंग से किया और मंच पर एक-एक करके वक्ताओं को आमंत्रित किया। खचाखच भरे खत्री सभा भवन में उपस्थित लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित कर न केवल डॉ. मल्होत्रा को श्रद्धांजलि दी, बल्कि उनके वैज्ञानिक अनुसंधानों और समाज के लिए उनके समर्पण के लिए गहरी कृतज्ञता भी प्रकट की। नीरज शर्मा ने स्वयं के अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने डॉ. मल्होत्रा का साक्षात्कार लिया था और मंडीवासी उन्हें बचपन के नाम ‘लतू’ से जानते थे।

अनिल कुमार शर्मा, जो ‘अनंत ज्ञान’ के स्थानीय ब्यूरो प्रमुख हैं, ने अपने शोध आलेख के माध्यम से डॉ. मल्होत्रा के वैज्ञानिक योगदान को सरल भाषा में सामने रखा। मण्डीपीडिया के एडमिन विनोद बहल ने मंडयाली बोली में अपने संबोधन में बताया कि कैसे डॉ. मल्होत्रा मंडी की लोकसंस्कृति, साहित्य और बोलियों को लेकर गहरी रुचि रखते थे।

इस संगोष्ठी के विशेष अतिथि के रूप में आईआईटी मंडी के प्रोफेसर अजय सोनी ने मंच से पहली बार सार्वजनिक रूप से साझा किया कि कैसे डॉ. मल्होत्रा ने आईआईटी मंडी की स्थापना के शुरुआती वर्षों में बतौर विजिटिंग प्रोफेसर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने आईआईटी मंडी की वैज्ञानिक सोच, शैक्षणिक दृष्टिकोण और प्रशासनिक संरचना को सशक्त बनाने में विशेष योगदान दिया था।

प्रोफेसर सोनी और डॉ. पवन वैद्य ने बताया कि डॉ. मल्होत्रा की ‘थिन फिल्म लैब’ की स्थापना आईआईटी दिल्ली में एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी। थिन फिल्म टेक्नोलॉजी आज सेमीकंडक्टर, टीवी, चश्मा, एलईडी, दवा कैप्सूल और हर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के निर्माण की रीढ़ बन चुकी है।

वक्ता नित्य दर्शी वैद्य ने डॉ. मल्होत्रा को एक वैज्ञानिक योगी बताते हुए कहा कि जैसे ऋषि मुनि कंदराओं में तपस्या कर समाज को दिशा देते थे, वैसे ही मल्होत्रा जी अपनी लैब में वर्षों तक अनुसंधान करते हुए आधुनिक समाज को नई दिशा देने का कार्य करते रहे।

कार्यक्रम में 12 से अधिक वक्ताओं ने अपने-अपने अनुभवों और संस्मरणों के माध्यम से डॉ. मल्होत्रा की वैज्ञानिक, सामाजिक और मानवीय दृष्टि पर प्रकाश डाला। इनमें शामिल रहे इंटेक मंडी चैप्टर के कन्वीनर नरेश मल्होत्रा, डॉ. हरबंस कपूर, डॉ. राकेश शर्मा, डॉ. पवन वैद्य, नरेश वैद्य, नित्य दर्शी वैद्य, अक्षय कपूर, चिराग, और मंच के आयोजक अनिल शर्मा।

कार्यक्रम के अंत में डॉ. ललित मल्होत्रा के सुपुत्र राहुल मल्होत्रा ने सभी आयोजकों, वक्ताओं और उपस्थित जनों का धन्यवाद करते हुए भावनात्मक रूप से कहा कि यह कार्यक्रम उनके पिता के लिए सच्ची श्रद्धांजलि है और इससे उनका नाम आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचेगा।

यह आयोजन मंडी के इतिहास में उस महान वैज्ञानिक की स्मृति को चिरस्थायी बना गया, जिसने विश्व पटल पर मंडी का नाम विज्ञान के क्षेत्र में रोशन किया।

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