व्रत पर्व विवरण – अमावस्या
- Dharam/Aastha
- August 27, 2022
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अमावस्या के दिन श्रीमद्भगवद्गीता का सातवाँ अध्याय पढ़ें और उस पाठ का पुण्य अपने पितरों को अर्पण करें। सूर्य को अर्घ्य दें और प्रार्थना करें। आज जो मैंने पाठ किया मेरे घर में जो गुजर गए हैं, उनको उसका पुण्य मिल जाए। इससे उनका आर्शीवाद हमें मिलेगा और घर में सुख -सम्पत्ति बढ़ेगी।
अमावस्या के दिन ध्यान रखने योग्य बातें…
जो व्यक्ति अमावस्या को दूसरे का अन्न खाता है उसका महीने भर का किया हुआ पुण्य दूसरे को (अन्नदाता को) मिल जाता है। (स्कंद पुराण, प्रभास खं. 207.11.13)
अमावस्या के दिन पेड़-पौधों से फूल-पत्ते, तिनके आदि नहीं तोड़ने चाहिए, इससे ब्रह्महत्या का पाप लगता है ! (विष्णु पुराण)
शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)
हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है। (पद्म पुराण)
एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है।
अमावस्या के दिन खेती का काम न करें, न मजदूर से करवाएं।