सरकाघाट उपमंडल में दर्दनाक बस हादसा, तरांगला में एचआरटीसी बस दुर्घटना, 5 की मौत

0
13

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में आज सुबह का आरंभ एक भयावह दुर्घटना के साथ हुआ, जिसने समूचे प्रदेश को शोक और चिंता में डाल दिया है। सरकाघाट उपमंडल के मसेरन के पास तरांगला क्षेत्र में हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की एक यात्रियों से भरी बस अचानक अनियंत्रित होकर लगभग 150 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। यह हादसा सुबह करीब 9 बजे उस वक्त हुआ, जब जाहू से मंडी की ओर जा रही बस खचाखच भरी थी और हल्की बारिश से सड़कों पर फिसलन बनी हुई थी. दुर्घटना स्थल त्रांगला गांव के समीपवर्ती तीखे मोड़ के पास है, जहां अक्सर सड़कों की चौड़ाई कम हो जाती है। प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय प्रशासन की माने तो, चालक एक अन्य वाहन को पास दे रहा था, इसी दौरान घुमावदार मोड़ और संकरी सड़क की वजह से बस सड़क से फिसल गई। कुछ पल में ही यह बस खेतों और झाड़ियों को रौंदती हुई खाई में जा गिरी। हादसा इतना भीषण था कि बस के कई हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए और सवारियां झटके से एक-दूसरे के ऊपर गिर पड़ीं।
हादसे का दर्दनाक पहलू यह रहा कि मरने वालों में तीन महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं, जिनमें से एक मात्र 16 वर्षीय युवक था,मौके पर चीख-पुकार मच गई और भयावह दृश्य ने वहां उपस्थित लोगों की रूह तक कंपा दी। दुर्घटना के तुरंत बाद स्थानीय ग्रामीण, पुलिस टीम और आपदा राहत बल राहत एवं बचाव कार्य में जुट गए। कुछ यात्रियों को बस से बाहर निकालने के लिए क्रेन और अन्य संसाधनों की मदद ली गई, जबकि शेष लोगों को ग्रामीणों ने अपनी हिम्मत और मानवता के साथ सुरक्षित बाहर निकाला। बस में कुल 30 यात्री सवार बताए जा रहे हैं, जिनमें से 20 से 25 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों को त्वरित प्राथमिक सहायता के लिए सरकाघाट सिविल अस्पताल लाया गया, जहां उनकी हालत को देखते हुए कई घायलों को नेरचौक मेडिकल कॉलेज और बड़े स्वास्थ्य केंद्रों के लिए रेफर किया गया. बताया जा रहा है कि दो महिलाओं की हालत इस समय भी काफी नाजुक है। डीएसपी सरकाघाट संजीव गौतम ने इस भीषण हादसे में मृतकों और घायलों की जानकारी सार्वजनिक की तथा मौके पर राहत कार्यों की निगरानी भी की। पूरे प्रदेश में इस हादसे को लेकर शोक की लहर दौड़ गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोशल मीडिया पर संवेदना व्यक्त की, हादसे को अत्यंत हृदयविदारक बताया और शोक-संतप्त परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट की। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को निर्देश जारी किए कि घायलों तक तुरंत चिकित्सीय सहायता पहुंचाई जाए और समुचित राहत एवं बचाव कार्य में कोई कमी न छोड़ी जाए। प्रदेश सरकार की ओर से घायलों व शोकाकुल परिवारों को हर संभव मदद और सहारा देने का वादा किया गया है. हादसे ने एक बार फिर प्रदेश की पहाड़ी सड़कों की खराब स्थिति, बारिश में बढ़ते खतरे और यातायात प्रबंधन में सुधार की आवश्यकता की ओर ध्यान आकर्षित किया है। स्थानीय लोगों व प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो, बारिश के चलते सड़कों पर लगातार फिसलन बनी रहती है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है। दुर्घटना के बाद क्षेत्रीय प्रशासन द्वारा सड़कों की सुरक्षा, रास्तों के चौड़ीकरण, और सड़कों की नियमित निगरानी व मरम्मत जैसी योजनाओं को प्राथमिकता देने की मांग जोर पकड़ रही है. पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सहित तमाम नेता व सामाजिक कार्यकर्ता भी शोक जताते हुए सरकार और प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, साथ ही घायलों के उपचार और परिवारों की मदद के लिए तुरंत व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. सरकाघाट का यह हादसा हिमाचल प्रदेश की परिवहन सुरक्षा, प्रशासनिक तत्परता और पहाड़ी राज्य में यात्रा की जटिलताओं का एक बड़ा उदाहरण है। व्यवस्थागत सुधार, समय पर राहत और मानवीय सहायता ही आगे की राह है, ताकि ऐसी मार्मिक घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here