हमीरपुर के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान सुजानपुर में जिला स्तरीय अंतरराष्ट्रीय सर्पदंश जागरूकता दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रवीण चौधरी के निर्देशन में जन शिक्षा एवं सूचना अधिकारी बीरबल वर्मा ने छात्र-छात्राओं को सर्पदंश के बारे में जागरूक किया।
सांप के काटने से बचाव के उपाय
– बाहर जाते समय लंबी पैंट, जूते और मोज़े पहनें।
– खेती का काम करते समय दस्ताने और लाठी का प्रयोग करें।
– रात के समय टॉर्च लेकर चलें।
– घर के आसपास साफ-सफाई रखें और झाड़ियां काट दें।
– खिड़कियों और दरवाजों में सुराखों की जांच कर बंद करें।
– छेदों और दरारों में हाथ डालने से बचें।
– मच्छरदानी का प्रयोग करें।
सर्पदंश के लक्षण और प्राथमिक उपचार
– अगर सांप काट लेता है, तो मरीज को आश्वस्त करें कि 70% सांप बिना जहर वाले होते हैं।
– मरीज को तुरंत लिटा दें और जिस अंग को काटा है, उसे स्थिर कर दें।
– रस्सी से बांधने से बचें, लेकिन अंग को स्थिर रखने के लिए लकड़ी या कठोर वस्तु का उपयोग करें।
– मरीज को जल्दी अस्पताल ले जाएं और एंटी-स्नेक वेनम लगवाएं।
– झाड़-फूंक और ओझा के चक्कर में न पड़ें।
– मरीज को चलने न दें और काटे गए स्थान पर चीरा न लगाएं।
सांप के महत्व और सुरक्षा
सांप प्राकृतिक कीट नियंत्रक के रूप में कार्य करते हैं और चूहों, कीड़ों और अन्य छोटे जानवरों की आबादी को नियंत्रित करते हैं। इससे फसल की क्षति और बीमारियों के प्रसार को रोका जा सकता है। इसके अलावा, सांप चिकित्सा अनुसंधान और एंटी-वेनम के विकास में भी सहायक होते हैं।
इस कार्यक्रम में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य आतीश वर्मा, वर्ग अनुदेशक विजय कुमार और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल हुए। इस अवसर पर 150 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया और सर्पदंश के बारे में जागरूकता प्राप्त की।





