हरियाणा में एक बार फिर मौसम ने करवट ली है। मौसम विभाग ने शनिवार को राज्य के चार जिलों पंचकूला, यमुनानगर, अंबाला और कुरुक्षेत्र में बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में गरज-चमक के साथ तेज हवाएं चलने की संभावना जताई गई है। वहीं करनाल, कैथल, पानीपत और सोनीपत में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है। विशेष रूप से पंचकूला, अंबाला और यमुनानगर के अधिकतर हिस्सों में मध्यम से तेज बारिश के आसार हैं, जिससे लोगों को उमस और गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है।
प्रदेश के अन्य 14 जिलों में मौसम साफ रहने की संभावना जताई गई है। हिसार की चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभागाध्यक्ष डॉ. मदनलाल खीचड़ ने बताया कि 16 सितंबर तक मानसून की सक्रियता कुछ कम रहेगी, लेकिन इसके बाद यह एक बार फिर पूरी तरह सक्रिय होगा। इस कारण उत्तरी हरियाणा के जिलों में बारिश का आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है।
आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा में इस बार अब तक सामान्य से 43 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। 12 सितंबर तक प्रदेश में सामान्य वर्षा 395.4 मिमी होनी चाहिए थी, जबकि वास्तविक वर्षा 564.6 मिमी दर्ज की गई। यह अंतर प्रदेश में इस बार मानसून की ताकत को स्पष्ट करता है।
जिला स्तर पर देखा जाए तो सबसे ज्यादा वर्षा यमुनानगर में 1080 मिमी दर्ज हुई है, जबकि सबसे कम सिरसा में 346 मिमी बारिश दर्ज की गई। कुरुक्षेत्र में सामान्य से 100 प्रतिशत ज्यादा, फतेहाबाद में 141 प्रतिशत ज्यादा और महेंद्रगढ़ में 119 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार 14 सितंबर को अंबाला और यमुनानगर के अधिकांश इलाकों में हल्की से मध्यम वर्षा होगी। वहीं पंचकूला, कुरुक्षेत्र और करनाल में आधे से अधिक क्षेत्रों में बारिश की संभावना है, जबकि कैथल, पानीपत और सोनीपत में कहीं-कहीं बूंदाबांदी के आसार बने रहेंगे।
हरियाणा में मानसून की यह स्थिति किसानों और आम लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। जहां एक ओर पर्याप्त वर्षा से खरीफ फसलों को लाभ मिलेगा, वहीं लगातार अधिक बारिश से जलभराव और फसलों को नुकसान का खतरा भी बना रहता है। मौसम विभाग की यह चेतावनी इसलिए अहम है ताकि लोग सतर्क रहें और कृषि व दैनिक जीवन में पहले से तैयारी कर सकें।