हिमाचल में प्लास्टिक मुक्त भविष्य की ओर: विश्व पर्यावरण दिवस पर मुख्यमंत्री सुक्खू की बड़ी घोषणाएं

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शिमला, हिमाचल प्रदेश ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एक अहम कदम उठाते हुए पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कई नवाचारों की शुरुआत की। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज शिमला के ऐतिहासिक पीटरहॉफ में राज्य स्तरीय विश्व पर्यावरण दिवस समारोह की अध्यक्षता करते हुए कई दूरगामी घोषणाएं कीं, जो प्रदेश को ग्रीन स्टेट बनाने के अभियान को और गति प्रदान करेंगी।

समारोह का आयोजन पर्यावरण, विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं जलवायु परिवर्तन विभाग और हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद (HIMCOSTE) के संयुक्त तत्वावधान में हुआ। इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्कूली छात्रों के लिए छह लाख स्टेनलैस स्टील की पानी की बोतलें प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह पहल बच्चों को सिंगल यूज प्लास्टिक से दूर रखने और उन्हें स्वच्छ पर्यावरण की ओर प्रेरित करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने प्रदेश को 31 मार्च 2026 तक ग्रीन स्टेट घोषित करने के लक्ष्य को दोहराते हुए बताया कि राज्य सरकार पर्यावरणीय सुधारों के लिए संकल्पबद्ध है। सौर ऊर्जा परियोजनाएं, हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने की योजनाएं, इलेक्ट्रिक वाहन नीति और ग्रीन कॉरिडोर जैसे अनेक नवाचारों को कार्यान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल की प्राकृतिक धरोहर को बचाने के लिए केंद्र सरकार से ग्रीन बोनस की भी मांग की गई है ताकि राज्य के संरक्षण प्रयासों को वित्तीय मजबूती मिले।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘सिंगल यूज प्लास्टिक चालान मोबाइल ऐप’ का शुभारंभ किया। यह ऐप सरकारी अधिकारियों को पेपरलेस और त्वरित कार्रवाई के तहत चालान जारी करने की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे प्लास्टिक के अवैध उपयोग पर रोक लगाने में मदद मिलेगी।

समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने पर्यावरण विभाग की लघु पुस्तकों का विमोचन किया और विभिन्न महिला स्वयं सहायता समूहों — शक्ति समूह, एकता समूह और कुशाला संकुल संगठन — को पत्तल और दोना निर्माण की मशीनें भेंट कीं, जिससे ग्राम स्तर पर पर्यावरण हितैषी उद्यमों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने आरकेएमवी के ईको क्लब को कचरा प्रबंधन के लिए श्रेडर मशीन भी प्रदान की।

मुख्यमंत्री ने राज्यभर से आए विद्यार्थियों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं को उनकी उपलब्धियों के लिए पुरस्कृत किया और प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया, जिसमें विभिन्न विभागों और संगठनों द्वारा चलाई जा रही हरित पहलों को दर्शाया गया।

मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने हिमाचल प्रदेश में पर्यावरणीय सुधारों की दिशा में उठाए गए प्रयासों का ब्यौरा देते हुए कहा कि राज्य की डिपोजिट रिफंड स्कीम, प्लास्टिक अपशिष्ट नियंत्रण और जलवायु अनुकूलन योजनाएं आने वाले वर्षों में पर्यावरणीय संतुलन को बेहतर बनाएंगी।

समारोह में निदेशक डीसी राणा ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए विभाग की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी, जबकि स्थानीय विधायक, महापौर, उपमहापौर, वरिष्ठ अधिकारी, छात्र और हितधारक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने अपने संबोधन में कहा कि हिमाचल की हरियाली इसकी पहचान है और हम सबकी जिम्मेदारी है कि इसे न केवल बनाए रखें बल्कि और भी समृद्ध करें। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे पर्यावरणीय जागरूकता का हिस्सा बनें और सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ इस राज्यव्यापी अभियान में सक्रिय भूमिका निभाएं।

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