शिरोमणि कमेटी के कर्मचारियों को 18 फीसदी ब्याज और गुरु पंथ के आरोपियों को सिर्फ 4 फीसदी ब्याज-प्रो. सरचंद सिंह
- Anya KhabrenHindi News
- December 14, 2024
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सौदा साध के माफी मामले पर सुखबीर सिंह बादल की तरफ से जमा की गई विज्ञापनों की रकम पर सवाल उठाया और उच्च स्तरीय जांच की अपील की ।
अमृतसर ,14 दिसंबर ( कुमार सोनी ) सिख विचारक व सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन (मेहता) के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. सरचंद सिंह ख्याला जो पंजाब भाजपा के प्रवक्ता भी हैं, ने सौदा साध की माफी को सही ठहराने के लिए शिरोमणि कमेटी द्वारा समाचार पत्रों में दिए गए विज्ञापनों के लिए सुखबीर सिंह बादल द्वारा जमा की गई राशि पर सवाल किया और शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी से उच्च स्तरीय जांच का अनुरोध किया है।
प्रो सरचांद सिंह ने कहा कि अकाली दल ने इक बार फिर से अपने निजी स्वार्थ के लिए शिरोमणि कमेटी के नियमों से छेड़छाड़ की है। उन्होंने कहा कि ड्यूटी के दौरान कोई गलती एवं अवहेलना होने पर शिरोमणि कमेटी अपने कर्मचारियों से 18 प्रतिशत चक्रवृद्धि ब्याज के साथ धनराशि की भरपाई करती है, लेकिन श्री गुरु रामदास जी के खजाने का दुरुपयोग करने जिस के बारे में श्री अकाल तख्त की ओर से फर्द जुलम साबित हुए सुखबीर बादल जैसे गुरु पंथ के आरोपियों से किस नियम के तहत और किसके अनुरोध पर, केवल 4 प्रतिशत नाममात्र बचत खाते वाले व्याज के साथ राशि का भुगतान कराया गया है?
प्रो सरचंद सिंह ने कहा कि शिरोमणि कमेटी की सैक्शन 85 के तहत गुरुद्वारा निरीक्षकों के अलावा फ्लाइंग विभाग द्वारा की गई जांच में दोषी पाए जाने वाले किसी भी कर्मचारी को आमतौर पर 18 प्रतिशत तक चक्रवृद्धि ब्याज के साथ मुआवजा एवं रकम जमा कराना आवश्यक है। परंतु अकाली दल अध्यक्ष एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल द्वारा गुरु के खजाने के गलत इस्तेमाल के मामले में पंज सिंह साहिबों ने श्री अकाल तख्त साहिब पर से जुल्म स्वीकार करने पर सुखबीर बादल और साथियों को विज्ञापन की राशि का भुगतान ब्याज सहित दरबार साहिब के खाते में जमा करने का आदेश दिया।
उन्होंने रकम जमा करने के बचत खाते ब्याज पर आपत्ति जताई और कहा कि यह रकम बैंक में जमा नहीं की गई, यह कोई फालतू रकम नहीं जो बैंक में जमा की गई हो, बल्कि इसे विज्ञापनों पर खर्च किया गया. इसलिए रकम को बचत खाते में नहीं माना जा सकता. राशि का उपयोग होने पर बैंक ब्याज दर में भी बदलाव करता है। उन्होंने यह भी कहा कि गुरु के खजाने का पैसा सिर्फ 9 साल ही नहीं बल्कि 9 साल और दो महीने तक इस्तेमाल किया गया है।
प्रो सरचांद सिंह ने बताया कि बैंक में लंबे समय तक पैसा रखने पर एफडी पर 7 फीसदी से ज्यादा ब्याज मिलता है. उन्होंने कहा कि इसके अनुसार 7 प्रतिशत एफडी ब्याज सहित विज्ञापन राशि 1 करोड़ 51 लाख से ऊपर है और शिरोमणि कमेटी द्वारा अपने कर्मचारियों को किसी भी गलती पर भुगतान के लिए लगाये जाते 18 प्रतिशत वार्षिक चक्रवृद्धि ब्याज लगभग 2 करोड़ 90 लाख होता है और कुल राशि 3 करोड़ 71 लाख से ज्यादा होता है. उन्होंने यह भी कहा कि कमेटी का मुख्य अकाउंटेंट, जो श्री अकाल तख्त साहिब पर तलब किए गए पूर्व अकाली नेता का भाई है, कहीं अपनी मर्जी से बाबा नानक के खजाने के साथ अमानत में खयानत तो नहीं कर रहा हैं।