हिमाचल प्रदेश में मौसम का रुख लगातार अस्थिर बना हुआ है। शनिवार को राज्य के अधिकांश हिस्सों में बादलों की आवाजाही रही और कहीं-कहीं हल्की धूप ने लोगों को थोड़ी राहत दी, लेकिन यह राहत ज्यादा समय तक टिकने वाली नहीं है। मौसम विभाग ने एक बार फिर आगामी चार दिनों के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी कर दी है, जिससे फिर से वर्षा का दौर तेज होने की आशंका है। 20 जुलाई को प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश के साथ तेज हवाएं, बिजली गिरने और बादलों की गर्जना की संभावना जताई गई है, जिसके लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। वहीं 21 और 22 जुलाई को और अधिक गंभीर स्थिति के मद्देनजर ऑरेंज अलर्ट लागू किया गया है, जबकि 23 जुलाई को फिर येलो अलर्ट रहेगा। 24 और 25 जुलाई को भी बारिश की संभावना बनी रहेगी, हालांकि इन दिनों के लिए कोई विशेष चेतावनी नहीं दी गई है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल में भूस्खलन के चलते अब भी 146 सड़कें बंद हैं। इनमें मंडी जिला सबसे अधिक प्रभावित है, जहां अकेले 94 सड़कें बाधित हैं। सिराज क्षेत्र में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, जहां 30 जून को बादल फटने की 12 घटनाएं दर्ज की गई थीं। कुल्लू में 33 और सिरमौर में 6 सड़कें बंद हैं, वहीं पांवटा साहिब-शिलाई नेशनल हाईवे-707 एक बार फिर अवरुद्ध हो गया है। इसके अलावा, राज्य में 28 बिजली ट्रांसफार्मर और 58 पेयजल योजनाएं भी ठप पड़ी हैं, जिससे कई गांवों में जल संकट गहरा गया है। बीते 24 घंटों में हमीरपुर में 13 मिमी, जुब्बड़हट्टी और कसौली में 5.5 मिमी, कोठी और सलापड़ में 4.4 मिमी बारिश दर्ज की गई।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 20 जून से अब तक मानसून से जुड़े हादसों में 116 लोगों की जान जा चुकी है, 34 लोग अब भी लापता हैं, जबकि 209 लोग घायल हुए हैं। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार हिमाचल को अब तक 1,230 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है, जिसमें सबसे अधिक हानि लोक निर्माण विभाग को 552 करोड़ रुपये और जल शक्ति विभाग को 438 करोड़ रुपये की हुई है। राज्य सरकार और जिला प्रशासन लगातार राहत व पुनर्वास कार्यों में जुटे हुए हैं और लोगों से नदी-नालों से दूर रहने की अपील की गई है।
उधर, पंजाब में फिलहाल मौसम शुष्क बना हुआ है और अगले 48 घंटों तक बारिश की कोई संभावना नहीं जताई गई है। इससे राज्य में फिर से गर्मी और उमस का दौर लौट आया है। मौसम विभाग के अनुसार 21 और 22 जुलाई को राज्य के कुछ जिलों में तेज आंधी और भारी बारिश हो सकती है। इन दो दिनों में पठानकोट, मोहाली, पटियाला, गुरदासपुर, होशियारपुर, अमृतसर, तरनतारन, फतेहगढ़ साहिब, मोगा और बरनाला सहित कुछ जिलों में मौसम बिगड़ने के आसार हैं। हालांकि 23 और 24 जुलाई को फिर से मौसम साफ रहने की संभावना है। बीते दिनों राज्य में औसतन अधिकतम तापमान सामान्य से 2.2 डिग्री कम रिकॉर्ड किया गया। बठिंडा में तापमान 35.4 डिग्री सेल्सियस, अमृतसर में 32.2 डिग्री, लुधियाना में 30.8 डिग्री और पटियाला में 32.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बारिश केवल अमृतसर में 13.2 मिमी और चंडीगढ़ में 1.1 मिमी हुई।
हरियाणा में इस बार मानसून सामान्य से अधिक सक्रिय रहा है और प्रदेश के कई हिस्सों में भारी वर्षा दर्ज की गई। फिलहाल राज्य के अधिकतर हिस्सों में मौसम साफ रहने की संभावना है, लेकिन सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, पंचकूला, अंबाला और यमुनानगर जैसे इलाकों में बूंदाबांदी हो सकती है। मौसम विभाग ने चेताया है कि 21 जुलाई से मौसम में फिर बदलाव होगा और कई जिलों में भारी बारिश के आसार हैं। रविवार को पंचकूला, अंबाला और यमुनानगर में तेज बारिश की संभावना है, जबकि करनाल, कुरुक्षेत्र और पानीपत में मध्यम बारिश हो सकती है। अन्य जिलों जैसे भिवानी, जींद, गुरुग्राम, रेवाड़ी, फरीदाबाद, चरखी दादरी, पलवल और महेंद्रगढ़ में हल्की बारिश की संभावना है। सोमवार और मंगलवार को फिर से तेज बारिश की चेतावनी जारी की गई है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
तीनों राज्यों में मौसम की यह मिलीजुली स्थिति आने वाले दिनों में खेती, यातायात और जनसुविधाओं पर व्यापक प्रभाव डाल सकती है। सरकारें अलर्ट मोड पर हैं और आम नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की जा रही है।
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