महाराष्ट्र में गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत शताब्दी राज्य स्तरीय कार्यक्रमों के साथ भव्य रूप में मनाई जाएगी

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महाराष्ट्र सरकार ने गुरु तेग बहादुर साहिब जी की 350वीं शहादत शताब्दी और गुरु गोबिंद सिंह साहिब जी की 350वीं गुरता गद्दी शताब्दी राज्य स्तर पर मनाने की की घोषणा


महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की भाजपा सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए “हिन्द की चादर” श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की 350वीं शहादत शताब्दी और दशम पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह साहिब जी की 350वीं गुरता गद्दी शताब्दी को राज्य स्तर पर भव्य तरीके से मनाने की योजना बनाई है। इस अवसर पर विस्तृत प्रबंध समितियों, कार्यक्रमों और विशेष रूपरेखा की घोषणा की गई है, जिसे सिख संगत और गुरु नानक नाम लेवा समाजों की ऐतिहासिक भावनाओं से जुड़ी एक अभूतपूर्व मान्यता के रूप में देखा जा रहा है।

महाराष्ट्र सिख कोऑर्डिनेशन कमेटी के प्रमुख जसपाल सिंह सिद्धू ने बताया कि यह निर्णय दमदमी टकसाल के मुखी संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए लिया गया है। राज्यपाल की स्वीकृति के बाद 12 सितम्बर 2025 को अल्पसंख्यक विकास विभाग द्वारा जारी सरकारी अधिसूचना में पूरे महाराष्ट्र में इन गुरपुरबों को धार्मिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक स्तर पर भव्य आयोजन करने का ऐलान किया गया।

सरकारी रूपरेखा के अनुसार, नांदेड़ में 15 व 16 नवम्बर, नागपुर में 6 दिसम्बर और नवी मुंबई में 20 व 21 दिसम्बर 2025 को मुख्य राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित होंगे। इन आयोजनों के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय तालमेल समिति का गठन किया गया है। इसके अलावा जिला स्तरीय समितियाँ और स्थानीय प्रबंध समितियाँ बनाई गई हैं ताकि कार्यक्रमों को हर स्तर पर सफलतापूर्वक आयोजित किया जा सके।

इस योजना में संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा और 11 सदस्यीय सिख कोऑर्डिनेशन कमेटी की विशेष भूमिका होगी। इसके साथ ही सिख संगतों, सिकलीगर, लबाना, बंजारा, मोहयाल और अन्य गुरु नानक नाम लेवा समुदायों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। राज्य सरकार ने मुख्य सचिव को समिति का चेयरपर्सन नियुक्त किया है, वहीं बड़े संत महात्मा, सामाजिक नेता, सिख प्रतिनिधि और विद्वान गैर-आधिकारिक सदस्य के रूप में जोड़े गए हैं। एक विशेष प्रदर्शनी समिति भी गठित की गई है, जो शोध-आधारित प्रकाशन, ऑडियो–वीडियो सामग्री और जागरूकता अभियानों के जरिए गुरु साहिब की अमर विरासत को जन-जन तक पहुंचाएगी।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि गुरु तेग बहादुर साहिब जी ने 1675 में दिल्ली के चांदनी चौक में धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया था। उनकी शहादत केवल सिख समाज ही नहीं बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व और प्रेरणा का असीम स्रोत है। उन्होंने कहा कि गुरु साहिब का अटल संदेश सत्य, न्याय और मानवता की रक्षा की प्रेरणा देता है।

इन ऐतिहासिक आयोजनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति की भी पुष्टि की गई है। राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य चरणदीप सिंह हैप्पी ने भी महाराष्ट्र सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया और इसे एक ऐतिहासिक पहल बताया।

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