पांच तख्तों में श्री अकाल तख्त साहिब सर्वोच्च, जत्थेदार संबंधी जांच का अधिकार श्री अकाल तख्त साहिब को, ना कि एसजीपीसी को

पांच तख्तों में श्री अकाल तख्त साहिब सर्वोच्च, जत्थेदार संबंधी जांच का अधिकार श्री अकाल तख्त साहिब को, ना कि एसजीपीसी को

अमृतसर, 6 जनवरी ( कुमार सोनी )

सेवा से हटाए गए तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के मामले की जांच शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा करवाए जाने के मामले पर भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य व वरिष्ठ नेता हरजीत सिंह गरेवाल ने कड़े शब्दों में निंदा की है। उनका कहना है कि सिखों के पांच तख्तों में श्री तख्त साहिब सर्वोच्च है।

जत्थेदार साहिबान संबंधी अथवा मुद्दे के बारे में जांच अथवा कारवाई का अधिकार सिर्फ और सिर्फ सर्वोच्च तख्त के जत्थेदार को होता है लेकिन एसजीपीसी ने तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार रहे ज्ञानी हरप्रीत सिंह के मामले में खुद ही जांच कमेटी बनाकर तख्त की गरिमा को ठेस पहुंचाई है। उनका कहना है कि सिख इतिहास में यह पहली बार हुआ कि जब कमेटी ने एक जत्थेदार के मामले में खुद ही पड़तालिया कमेटी गठित कर दी और अब इस पर विवाद खड़ा होने के बाद जांच का दायरा बढ़ाती जा रही है।

गरेवाल ने कहा कि कहने को एसजीपीसी सिख धर्म और पंथक मामलों की पहरेदार है, लेकिन पिछले कुछ समय से उसने बादल परिवार को बचाने और पोषित करने के लिए इस जिम्मेदारी को निभा पाने में पूरी तरह नाकाम साहिब हुई है।हरजीत सिंह गरेवाल ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह के उस बयान जिस में उन्होंने एसजीपीसी के कमेटी गठन पर एतराज जताया था की हिमायत की और कहा कि जत्थेदार के मामले में एसजीपीसी पूरी तरह से बादलों के हाथ में खेल रही है, क्योंकि सुखबीर सिंह बादल को तनखाहिया करार देने वाले जत्थेदारों में ज्ञानी हरप्रीत सिंह भी शामिल थे। उनका कहना है कि कहीं ना कहीं उस करवाई को लेकर भी जत्थेदार को कमेटी निशाना बना रही है। जो सरासर ग़लत है।

“Akal Takht Sahib Supreme Among Five Takhts, Authority Over Jathedar Matters Lies With Akal Takht, Not SGPC #AkalTakhtSahib #SikhAuthority #JathedarMatters”

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