रंधाड़ा पाठशाला में बाल मेले की धूम, विद्यार्थियों की प्रतिभा ने जीता सबका दिल
- Aap ke LiyeHindi NewsMANDI
- October 20, 2024
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रंधाड़ा पाठशाला में बाल मेले की धूम, विद्यार्थियों की प्रतिभा ने जीता सबका दिल
मंडी, 20 अक्तूबर। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रंधाड़ा में शनिवार को बाल मेले का आयोजन किया गया, जो पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया। इस बाल मेले में क्लस्टर स्तर की आठ पाठशालाओं के 300 से अधिक विद्यार्थियों और 60 अध्यापक-अध्यापिकाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। मेले का आयोजन स्थानीय पाठशाला की प्रधानाचार्य सरोज पाठक के मार्गदर्शन में किया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने अपनी शैक्षणिक और सांस्कृतिक प्रतिभा का भरपूर प्रदर्शन किया।
यह बाल मेला केवल एक प्रतियोगिता नहीं था, बल्कि एक ऐसा मंच था जहाँ बच्चों को अपनी रचनात्मकता और ज्ञान का प्रदर्शन करने का अवसर मिला। विभिन्न गतिविधियों में विद्यार्थियों ने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण का परिचय दिया। मॉडल मेकिंग, लेखन, कविता, शतरंज, गायन, एकल गीत और लोक नृत्य जैसे विविध कार्यक्रमों ने पूरे आयोजन को जीवंत बना दिया।
मॉडल मेकिंग प्रतियोगिता में रंधाड़ा पाठशाला ने प्रथम स्थान प्राप्त कर अपनी श्रेष्ठता साबित की, जबकि कोठी गैहरी पाठशाला दूसरे स्थान पर रही। टीएलएम (टीचिंग लर्निंग मटेरियल) प्रतियोगिता में भी रंधाड़ा ने बाजी मारी, जबकि कोठी गैहरी ने यहां भी दूसरा स्थान प्राप्त किया। क्रिएटिव लेखन में कोठी गैहरी ने पहला स्थान हासिल किया, जबकि रंधाड़ा दूसरे स्थान पर रहा। प्रश्नोतरी प्रतियोगिता में रंधाड़ा पहले, कोठी गैहरी दूसरे और रियूर पाठशाला तीसरे स्थान पर रही।
कैरम प्रतियोगिता में रियूर पाठशाला ने पहला स्थान प्राप्त किया, जबकि रंधाड़ा ने दूसरा स्थान हासिल किया। शतरंज के छात्रा वर्ग में रियूर पहले स्थान पर रहा और रंधाड़ा दूसरे स्थान पर। शतरंज के छात्र वर्ग में कोठी गैहरी ने पहला स्थान प्राप्त किया और रंधाड़ा को दूसरा स्थान मिला। गायन प्रतियोगिता में कोठी गैहरी पाठशाला ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि गंभर खड्ड दूसरे और सेरला खाबू तीसरे स्थान पर रहे। कविता लेखन प्रतियोगिता में गंभर खड्ड ने पहला स्थान हासिल किया, रंधाड़ा दूसरे स्थान पर रहा और कोठी गैहरी तीसरे स्थान पर। लोक नृत्य में रंधाड़ा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, कोठी गैहरी दूसरे और चौकी चंद्राहन तीसरे स्थान पर रहे।
इस शानदार आयोजन में विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता और रचनात्मकता ने सभी का दिल जीत लिया। टीजीटी अनिल शर्मा ने विद्यार्थियों के शैक्षणिक और मानसिक विकास की सराहना की, वहीं प्रधानाचार्य सरोज पाठक ने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
यह बाल मेला न केवल शैक्षणिक और सांस्कृतिक प्रतिस्पर्धाओं का मंच था, बल्कि विद्यार्थियों को अपनी क्षमताओं को पहचानने और उनमें निखार लाने का अवसर भी प्रदान किया। इस आयोजन ने क्षेत्र की प्रतिभाओं को एक मंच पर लाकर उनके आत्मविश्वास को और अधिक बढ़ाया है, जिससे वे आगे चलकर समाज और देश के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकें।
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