चम्बा मेडिकल कॉलेज: महिला के पेट से 3 किलो का हाइडैटिड सिस्ट निकालकर दिया नया जीवन

चम्बा मेडिकल कॉलेज: महिला के पेट से 3 किलो का हाइडैटिड सिस्ट निकालकर दिया नया जीवन

चम्बा मेडिकल कॉलेज: महिला के पेट से 3 किलो का हाइडैटिड सिस्ट निकालकर दिया नया जीवन

चम्बा मेडिकल कॉलेज ने रचा चिकित्सा क्षेत्र में इतिहास  

हिमाचल प्रदेश के चम्बा मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जो चिकित्सा क्षेत्र में प्रेरणा बन गया है। हाल ही में डॉक्टरों की टीम ने एक 30 वर्षीय महिला के पेट से 3 किलो वजनी हाइडैटिड सिस्ट को सफलतापूर्वक निकालकर न केवल उसका जीवन बचाया, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की संभावनाओं को भी एक नई दिशा दी।

महिला लंबे समय से पेट में दर्द और अस्वस्थता की शिकायत कर रही थी। कई जांचों और स्कैन के बाद पता चला कि उसके पेट में एक बड़ा हाइडैटिड सिस्ट मौजूद है। इस सिस्ट ने न केवल उसके जिगर बल्कि अन्य आंतरिक अंगों को भी प्रभावित कर दिया था। स्थिति इतनी गंभीर थी कि यदि समय पर इलाज न किया जाता, तो यह जानलेवा साबित हो सकता था।

डॉक्टरों ने ऑपरेशन का फैसला लिया और कई घंटे तक चली जटिल सर्जरी के बाद सिस्ट को पूरी तरह से निकाल दिया गया। इस सफल सर्जरी ने यह साबित कर दिया कि सीमित संसाधनों के बावजूद, विशेषज्ञता और समर्पण से बड़े से बड़ा लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

क्या है हाइडैटिड सिस्ट?
हाइडैटिड सिस्ट एक गंभीर परजीवी संक्रमण है, जो इचिनोकोकस ग्रैनुलोसस नामक टेपवर्म के कारण होता है। यह संक्रमण अक्सर शरीर के विभिन्न अंगों में सिस्ट (गांठ) का निर्माण करता है, जो समय पर इलाज न होने पर घातक साबित हो सकता है।

संक्रमण कैसे फैलता है?

  • यह बीमारी उन इलाकों में अधिक देखने को मिलती है जहां लोग पशुपालन और ग्रामीण जीवन से जुड़े होते हैं।
  • यह जानवरों के मल के माध्यम से फैलता है, खासकर ऐसे पशुओं से जो इस परजीवी के वाहक होते हैं।
  • दूषित पानी, भोजन या जानवरों के सीधे संपर्क में आने से भी यह संक्रमण हो सकता है।

हाइडैटिड सिस्ट का शरीर पर प्रभाव

  • यह मुख्य रूप से लिवर (जिगर) को प्रभावित करता है।
  • इसके अलावा, यह फेफड़ों, प्लीहा, गुर्दे, हृदय, हड्डियों और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
  • अगर समय पर इलाज न किया जाए तो यह अंगों को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर सकता है।

इलाज और सर्जरी का महत्व

  • हाइडैटिड सिस्ट का इलाज मुख्य रूप से सर्जरी के माध्यम से किया जाता है।
  • सर्जरी के अलावा, हाल के वर्षों में चिकित्सा और पर्क्यूटेनियस (त्वचा के माध्यम से) तकनीकों का भी उपयोग किया जा रहा है।
  • इलाज के लिए एल्बेंडाजोल और मेबेंडाजोल जैसे एंटी-पैरासाइट दवाओं का उपयोग किया जाता है।
  • मरीज की स्थिति, सिस्ट का आकार और स्थान, सर्जन का अनुभव और गहन देखभाल सुविधाओं की उपलब्धता के आधार पर उपचार की विधि तय की जाती है।

चम्बा मेडिकल कॉलेज की उपलब्धि
चम्बा मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग की टीम ने एक 30 वर्षीय महिला के पेट से 3 किलो का हाइडैटिड सिस्ट निकालकर उसे नया जीवन दिया। यह सर्जरी न केवल जटिल थी, बल्कि सर्जन की विशेषज्ञता और कुशलता का भी प्रमाण है। मरीज अब स्वस्थ है और डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक उसका इलाज कर संक्रमण को खत्म कर दिया है।

क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

  • जानवरों के संपर्क के बाद हाथों को अच्छे से धोएं।
  • स्वच्छ पानी और भोजन का सेवन करें।
  • अपने पालतू जानवरों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराएं।
  • संक्रमित इलाकों में जाते समय अतिरिक्त सतर्कता बरतें।

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