राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत हमीरपुर जिले में सफल उपचार, बच्चों को मिला जीवनदान

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत हमीरपुर जिले में सफल उपचार, बच्चों को मिला जीवनदान

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत हमीरपुर जिले में सफल उपचार, बच्चों को मिला जीवनदान

हमीरपुर जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बच्चों के स्वास्थ्य की जांच और मुफ्त इलाज की सुविधा का लाभ ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंच रहा है। यह योजना नवजात शिशुओं से लेकर 18 साल तक के बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल सुनिश्चित करने के उद्देश्य से संचालित की जा रही है। कार्यक्रम के तहत नवजात शिशुओं की जांच आयु (0-6 हफ्ते), आंगनवाड़ियों में 6 हफ्ते से 6 साल तक के बच्चों की जांच, और स्कूलों में 6 से 18 साल तक के बच्चों की जांच की जाती है। इस योजना में आशा कार्यकर्ताओं को भी शामिल किया गया है, जो गांव-गांव तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

जिला हमीरपुर में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम द्वारा विभिन्न स्कूलों और गांवों में बच्चों की जांच के दौरान कुछ बच्चों में गंभीर बीमारियों के लक्षण पाए गए। इन बच्चों को प्राथमिक उपचार के बाद जिला प्रारम्भिक हस्तक्षेप केंद्र (DEIC) हमीरपुर और फिर बड़े अस्पतालों में भेजा गया, जहां उनका सफलतापूर्वक इलाज किया गया।

पहले मामले में, बड़सर तहसील के गाँव टीबरा का एक बच्चा, जिसकी आंखों में समस्या थी, की जांच के बाद जिला प्रारम्भिक हस्तक्षेप केंद्र (DEIC) हमीरपुर भेजा गया। वहां उसकी एक आंख का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया, जिससे उसकी दृष्टि बचाई जा सकी।

दूसरे मामले में, गाँव फ्गोटी के एक बच्चे की दिल की बीमारी की पहचान की गई। उसे बड़सर के प्राथमिक उपचार केंद्र से जिला प्रारम्भिक हस्तक्षेप केंद्र हमीरपुर और फिर टांडा मेडिकल कॉलेज (RPGMC) भेजा गया। वहां से जांच के लिए इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) शिमला भेजा गया, जहां उसके दिल के छेद का सफल ऑपरेशन किया गया। यह ऑपरेशन बच्चे के जीवन के लिए महत्वपूर्ण था, और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत उसे समय पर इलाज मिल सका।

तीसरे बच्चे का मामला भी इसी तरह का था। खंड गलोड़ के झग्रियानी स्कूल में जांच के दौरान उसकी दिल की बीमारी का पता चला। उसे भी जिला प्रारम्भिक हस्तक्षेप केंद्र हमीरपुर और फिर शिमला भेजा गया, जहां उसका सफल ऑपरेशन किया गया।

चौथे बच्चे की बात करें तो, बड़सर के दख्योरा गाँव के बच्चे का भंग तालु (क्लिफ्ट पॅलेट) का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया। यह बच्चा जन्मजात समस्या से पीड़ित था, लेकिन समय पर स्वास्थ्य जांच और मुफ्त उपचार की सुविधा से उसकी समस्या का समाधान हो सका।

इन सभी बच्चों का इलाज सरकारी अस्पतालों में मुफ्त और सफलतापूर्वक किया गया। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम उन परिवारों के लिए वरदान साबित हो रहा है, जो बच्चों की गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज कराने में आर्थिक रूप से असमर्थ हैं। यह योजना न केवल बच्चों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित कर रही है, बल्कि उनके बेहतर भविष्य के लिए आधार भी प्रदान कर रही है।

यदि किसी बच्चे को जन्म के समय से कोई शारीरिक दोष (Defect) या गंभीर बीमारी है, तो जिला हमीरपुर के खंड स्तर और जिला अस्पताल में संपर्क कर मुफ्त सेवाएं प्राप्त की जा सकती हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि बच्चों को समय पर इलाज मिल सके, राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास कर रहे हैं। इस प्रकार के कार्यक्रम से बच्चों की समय पर जांच और उपचार संभव हो रहा है, जो एक स्वस्थ और उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

#ChildHealthProgram #NationalHealthMission #FreeHealthCare #HimachalPradesh #HealthForAll

Related post

हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग ने जूनियर इंजीनियर (पुरातत्व) भर्ती का अंतिम परिणाम घोषित किया

हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग ने जूनियर इंजीनियर (पुरातत्व)…

हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग ने जूनियर इंजीनियर (पुरातत्व) के 03 पदों (GEN(UR)-03) के लिए भर्ती का अंतिम परिणाम आज घोषित…
Congress Government in Himachal Takes Bold Steps to Revive Education and Agriculture Amid BJP’s Legacy of Economic Crisis

Congress Government in Himachal Takes Bold Steps to Revive…

Education Minister Rohit Thakur sharply criticized the previous BJP government, accusing it of leaving Himachal Pradesh in economic turmoil with a…
10 दिसम्बर को धर्मशाला में बिजली बंद

10 दिसम्बर को धर्मशाला में बिजली बंद

धर्मशाला, 7 दिसम्बर। विद्युत उपमण्डल-1 धर्मशाला के कार्यकारी सहायक अभियंता अभिषेक कटोच ने बताया कि 33/11 केवी सब स्टेशन कालापुल तथा…

Leave a Reply

Your email address will not be published.