खनन माफिया के साथ रिश्तों पर सीएम सुक्खू घिरे, राजेंद्र राणा ने लगाए गंभीर आरोप
- Anya KhabrenHAMIRPURHindi News
- November 20, 2024
- No Comment
- 443
सुजानपुर, 20 नवंबर: पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि प्रदेश की जनता अवैध खनन के आरोपों में ईडी के शिकंजे में फंसे ज्ञानचंद उर्फ ज्ञानू के साथ उनके रिश्तों की सच्चाई जानना चाहती है। उन्होंने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि वह अपने विधानसभा क्षेत्र के इस कुख्यात खनन माफिया से संबंधों को लेकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। राणा ने मुख्यमंत्री की सफाई को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि यह संभव नहीं है कि जिस व्यक्ति को खुद मुख्यमंत्री ने कई बार अपनी गाड़ी में शिमला ले जाकर “वीआईपी ट्रीटमेंट” दिया हो, उसके साथ उनके कोई संबंध न हों।
राजेंद्र राणा ने दावा किया कि ज्ञानचंद उर्फ ज्ञानू को मुख्यमंत्री की गाड़ी में शिमला ले जाते हुए और उसे गाड़ी का दरवाजा खोलकर “खास मेहमान” की तरह स्वागत करते हुए वीडियो क्लिपिंग्स आज भी मौजूद हैं। उन्होंने सवाल किया कि मुख्यमंत्री इन क्लिपिंग्स पर क्या सफाई देंगे? राणा ने कहा कि प्रदेश की जनता अब मुख्यमंत्री से स्पष्ट और ठोस जवाब चाहती है, न कि गोलमोल बयानबाजी।
राणा ने बरसात के दौरान प्रदेशभर में खनन पर लगे प्रतिबंध का उल्लेख करते हुए कहा कि जब प्राकृतिक आपदा के समय अवैध खनन पूरी तरह बंद था, तब ज्ञानचंद ज्ञानू और उसके गुर्गे व्यास नदी के बीचों-बीच खुलेआम खनन कर रहे थे। यह कार्य सरकार की शह और संरक्षण के बिना संभव नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि ज्ञानचंद ज्ञानू को सरकार का संरक्षण प्राप्त है, और इस पूरे खेल के पीछे बड़े राजनीतिक हित जुड़े हुए हैं।
पूर्व विधायक ने सरकार पर भ्रष्टाचार को खुली छूट देने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने करीबियों और मित्रों को प्रदेश को लूटने की छूट दे रखी है। उन्होंने कहा कि ज्ञानचंद ज्ञानू जैसे माफिया के बड़े स्तर पर संपर्क हैं और अब यह जांच एजेंसियों का विषय है कि वे इस मामले में “बड़ी मछलियों” तक कैसे पहुंचेंगी। राणा ने कटाक्ष करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार भ्रष्टाचार के मामले में अब तक की सबसे बदनाम सरकार बन गई है, जहां माफिया और सत्ता की मिलीभगत से प्रदेश को लूटा जा रहा है।
राजेंद्र राणा ने मुख्यमंत्री को चेताते हुए कहा कि यह मामला सिर्फ ईडी की जांच का नहीं है, बल्कि प्रदेश की जनता के साथ धोखाधड़ी का है। उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री खुद को ईमानदार साबित करना चाहते हैं, तो उन्हें अपने और ज्ञानचंद ज्ञानू के संबंधों को लेकर सटीक जवाब देना होगा। यह कहना काफी नहीं होगा कि उनके क्षेत्र का कोई व्यक्ति अवैध गतिविधियों में लिप्त है तो उससे उनके संबंध नहीं हो सकते।
“मुख्यमंत्री के बयान जनता को गुमराह करने वाले हैं। जब तक ज्ञानचंद ज्ञानू और उनकी अवैध गतिविधियों को लेकर मुख्यमंत्री पूरी पारदर्शिता से जवाब नहीं देते, तब तक जनता उन्हें कटघरे में खड़ा करेगी। यह सरकार भ्रष्टाचार और माफियागिरी की सबसे बड़ी संरक्षक बन चुकी है।”