मिनी आंगनवाड़ी सहायकों को पूरे वेतन भुगतान न करना सरकार की नाकामी: राजेंद्र राणा
- Aap ke LiyeHAMIRPURHindi News
- November 27, 2024
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हमीरपुर 27 नवंबर: सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने हिमाचल प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि राज्य में मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों में कार्यरत सहायकों को पिछले 6 महीनों से पूरे वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। आज यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने कहा कि इन सहायकों को केवल केंद्र द्वारा दी गई ₹3500 की ग्रांट इन ऐड ही मिल रही है, जबकि उनकी सैलरी ₹6700 है। प्रदेश सरकार द्वारा कागजी रूप से ₹300 का वेतन बढ़ोतरी का भी ऐलान किया गया था, लेकिन इसका लाभ इन सहायकों को नहीं मिल रहा।
राजेंद्र राणा ने यह भी कहा कि पहले तो प्रदेश में सुक्खु सरकार मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद करने का प्रयास कर रही थी, लेकिन विपक्ष द्वारा विरोध किए जाने पर सरकार ने मिनी आंगनवाड़ी को बंद तो नहीं किया, लेकिन सहायकों के वेतन में कटौती कर उनके परिवारों को संकट में डाल दिया है।
पूर्व विधायक ने बताया कि किराए के भवनों में चल रहे मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों का किराया भी पिछले 6 महीने से नहीं दिया गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि एक गरीब आदमी ₹3500 में अपने परिवार का महीने का खर्च कैसे चला सकता है।
राजेंद्र राणा ने आरोप लगाया कि सुक्खु सरकार अपने मित्रों पर तो असीमित खर्च कर रही है और सरकारी खजाना उनके और उनके परिजनों के लिए खुला पड़ा है, जबकि गरीब मिनी आंगनवाड़ी सहायकों को भूखमरी की स्थिति में धकेला जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार न केवल कर्मचारियों को बकाया एरियर और महंगाई भत्ते की लंबित किस्तों का भुगतान नहीं कर रही है, बल्कि उनके उत्पीड़न में भी संलिप्त है।
राजेंद्र राणा ने राज्य सरकार से मांग की कि मिनी आंगनवाड़ी सहायकों के पूरे वेतन का तत्काल भुगतान किया जाए और उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। उन्होंने सरकार से यह भी आग्रह किया कि प्रदेश के कर्मचारियों के बकाया एरियर और महंगाई भत्ते की लंबित किस्तों को शीघ्र जारी किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने झूठी गारंटिया दी थी और कांग्रेस देश में हो रहे विभिन्न राज्यों के चुनाव में इन झूठी गारंटीयों की वजह से बदनाम हो रही है।