एचएयू कुलपति इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट इन अफ्रीका एंड एशिया  (आईएफएसडीएए) जर्मनी द्वारा लाइफ टाईम एचिवमेंट अवार्ड से सम्मानित*

एचएयू कुलपति इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट इन अफ्रीका एंड एशिया  (आईएफएसडीएए) जर्मनी द्वारा लाइफ टाईम एचिवमेंट अवार्ड से सम्मानित*

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय एवं सस्टेनेबल एग्रीकल्चर एंड रिसोर्स मैनेजमेंट सोसायटी द्वारा संयुक्त रूप से जलवायु परिवर्तन के तहत कृषि स्थिरता के तत्वों और आयामों का मूल्यांकन विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय सोसायटी आईएफएसडीएए ने एचएयू के कुलपति प्रो. बी. आर. काम्बोज को लाइफ टाईम एचिवमेंट अवार्ड देकर सम्मानित किया। यह अवार्ड उनके द्वारा कृषि अनुसंधान, शिक्षा और विस्तार के क्षेत्र मे किए गए असाधारण योगदान एवं उल्लेखनीय उपलब्धियों को दर्शाता है।

इस कार्यक्रम में कुलपति प्रो. काम्बोज को इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट इन अफ्रीका एंड एशिया जर्मनी और अफ्रीकी-एशियन स्टडीज प्रोमोशन एसोसिएशन महात्मा गांधी हाउस, गोटिनगेन, जर्मनी तथा एसएसएआरएम के संयुक्त तत्वावधान में आजीवन उपलब्धि पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार कृषि अनुसंधान, शिक्षा और विस्तार के क्षेत्र में अर्जित की गई उपलब्धियों एवं महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रदान किया गया है।

प्रो. काम्बोज 16 अप्रैल 2021 को विश्वविद्यालय के कुलपति नियुक्त हुए थे। इससे पूर्व प्रो. काम्बोज हकृवि के कुलसचिव भी रह चुके हैं। वे गुरू जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति का अतिरिक्त कार्यभार भी संभाल चुके हैं। प्रो. काम्बोज एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक रहे हैं। कृषि क्षेत्र में दिए गए अभूतपूर्व योगदान के कारण उन्हें देश के प्रतिष्ठित एम.एस. स्वामीनाथन अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है।

*हकृवि ने प्रो. काम्बोज के नेतृत्व में गत वर्षों के दौरान अर्जित की उत्कृष्ट उपलब्धियां

क विश्वविद्यालय को हाल ही में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय कृषि शिक्षा प्रत्यायन बोर्ड (नैब) की ओर से सर्वश्रेष्ठ ए प्लस ग्रेड दिया गया है।

देशभर में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा वर्ष 2024 के लिए जारी नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फे्रमवर्क (एनआईआरएफ)में देश के कृषि विश्वविद्यालयों में हकृवि तीसरा स्थान प्राप्त किया तथा संस्थानों में सांतवा स्थान हासिल करके एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की।

विश्वविद्यालय ने गत वर्षों में विभिन्न फसलों की 50 किस्में विकसित व अनुमोदित की हैं।

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय और वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय (डब्ल्यूएसयू), ऑस्ट्रेलिया के बीच अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक सहयोग किया। जिसके तहत, वर्तमान में स्नातक (बीएससी कृषि) के छात्र हकृवि में 3 साल का अध्ययन पूरा करेंगे और वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया में एक वर्ष पूरा करेंगे और उन्हें दोनों विश्वविद्यालयों से दोहरी स्नातक की डिग्री प्रदान की जाएगी। इसी प्रकार जो छात्र (3+1+1) के तहत वर्तमान में स्नातक (बीएससी कृषि) हकृवि से 3 साल का अध्ययन पूरा करेंगे और वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया में दो वर्ष पूरा करेंगे और उन्हें स्नातकोत्तर (एमएससी कृषि) की डिग्री प्रदान की जाएगी।

भारत सरकार द्वारा एबिक के माध्यम से 65 बेस्ट इंक्यूबेटस को स्टार्टअप करने के लिए 8 करोड़ रुपये से अधिक की ग्रांट दी। इन सभी स्टार्टअप्स का अब 20 करोड़ रुपये का टर्नओवर है और करीब 1600 लोगों को रोजगार मुहैया करवा रहे हैं। एबिक को राष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 2021 में बेस्ट इंक्युबेशन सेंटर का अवार्ड मिला।

एचएयू प्रदेश के 5 लाख किसानों से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है तथा किसानों को दैनिक आधार पर मौसम की स्टीक जानकारी उपलब्ध करवा रहा है।

गोकलपुरा गांव में 63 एकड़ भूमि पर पोषक अनाज अनुसंधान केन्द्र स्थापित किया गया। यह केन्द्र बरानी क्षेत्रों के किसानों के लिए मोटे अनाज की फसलों की उन्नत प्रौद्योगिकी विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

वर्ष 2023 में विश्वविद्यालय को सरसों अनुसंधान एवं विकास कार्यों में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए सर्वश्रेष्ठ केन्द्र अवार्ड, हकृवि के चारा व बाजरा अनुभाग को दूसरी बार राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ अनुसंधान केन्द्र अवार्ड से नवाजा गया।

विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केन्द्र, महेन्द्रगढ़ को वर्ष 2022 में राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ कृषि विज्ञान केन्द्र पुरस्कार से नवाजा गया।

विश्वविद्यालय में कृषि विज्ञान एवं हरियाणवी संस्कृति को संजोए हुए डॉ. मंगलसेन कृषि संग्रहालय स्थापित किया है।

विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। यही वजह है कि न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी विश्वविद्यालय अपनी पहचान बनाए हुए है। गत वर्षों में विश्वविद्यालय द्वारा 142 विद्यार्थी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए भेजे हैं।

हकृवि ने उल्लेखनीय उपलब्धि प्राप्त करते हुए 9 पेटेंट, 7 कॉपीराइट व 14 डिजाइन सहित कुल 55 बौद्धिक संपदा अधिकार प्राप्त किए। हकृवि ने वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया, सोकोइन एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी (एसयूए), तंजानिया, वारसॉ यूनिवर्सिटी ऑफ लाइफ साइंसेज (एसजीजीडब्ल्यू), पोलैंड, इंटरनेशनल मक्का और गेहूं सुधार केंद्र (सीआईएमएमवाईटी) आदि से एमओयू किए गए।

हकृवि में मत्स्य विज्ञान व बायोटेक्रोलॉजी महाविद्यालय की स्थापना की गई। सेंटर फार माइक्रोप्रोपेगेशन एंड डबल हेपलोएड उत्पादन की अंतर्राष्ट्रीय स्तर की अत्याधुनिक प्रयोगशाला का निर्माण किया गया जिससे गुणवत्तापूर्ण लाखों पौधे किसानों को उपलब्ध करवाये जाएगें।

विश्वविद्यालय में स्पीड ब्रीडिंग और माइक्रोमेटेरोलॉजी लैब की स्थापना की गई है।

प्रदेश में उन्नत बीज उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय लगातार विभिन्न फसलों का उन्नत बीज पैदा कर रहा है जोकि राज्य के विभिन्न निगमों व किसानों को वितरित किया जाता है।

जलवायु परिवर्तन चर्चा में एसएसएआरएम के अध्यक्ष डॉ. डी.पी. सिंह व महासचिव डॉ. आर. के. बहल, कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता एवं एसएसएआरएम के कार्यकारी सचिव डॉ. एसके पाहुजा, स्नातकोत्तर शिक्षा अधिष्ठाता डॉ. के.डी. शर्मा, उत्तरी क्षेत्र फार्म मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान के निदेशक डॉ. मुकेश जैन सहित डॉ. ए.एल. खुराना, डॉ. एस.एस. दूदेजा व डॉ. के.एस. भगारवा शामिल रहे। जर्मनी से डॉ. मैनफ्रेड केर्न, आईएफएसडीएए के प्रतिनिधि तथा नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित प्रो. आर्थर रीडेकर (फ्रांस) ने वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम में भाग लिया और प्रो. बी.आर. काम्बोज के सम्मान में प्रशस्ति पत्र प्रस्तुत किया।

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