Kangana Ranaut Sparks ( कंगना रनौत ने छेड़ा विवाद )Controversy on Gandhi Jayanti, Calls Lal Bahadur Shastri the “True Son of Bharat Mata”
- HIMACHALMANDIPOLITICS
- October 2, 2024
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Kangana Ranaut Sparks Controversy on Gandhi Jayanti, Calls Lal Bahadur Shastri the “True Son of Bharat Mata”
Her remarks ignite backlash for seemingly undermining Mahatma Gandhi’s role in India’s freedom struggle
Chandigarh, October 2, 2024: Actress-turned-politician Kangana Ranaut is once again at the center of a political firestorm, this time over her Gandhi Jayanti social media post. The Mandi MP from Himachal Pradesh posted a tribute to former Prime Minister Lal Bahadur Shastri, calling him a “son of Bharat Mata” while taking a subtle jab at Mahatma Gandhi’s title as the “Father of the Nation.”
In her Instagram post, Kangana wrote, “देश के पिता नहीं, देश के तो लाल होते हैं। धन्य हैं भारत माँ के ये लाल।” Her comment translated to, “Not the father of the nation, but the nation has sons. Blessed are these sons of Bharat Mata,” referring to Shastri’s legacy. This has stirred a wave of criticism as many believe her remarks undermine the significance of Mahatma Gandhi’s contributions to India’s independence movement.
गांधी जयंती पर कंगना रनौत ने छेड़ा विवाद, लाल बहादुर शास्त्री को बताया ‘भारत माता का सच्चा लाल’
*उनकी टिप्पणी से महात्मा गांधी के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को कमजोर करने का आरोप*
चंडीगढ़, 2 अक्टूबर 2024: अभिनेत्री से राजनेता बनी कंगना रनौत एक बार फिर राजनीतिक बवंडर के केंद्र में हैं, इस बार उनके गांधी जयंती पर किए गए सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर। हिमाचल प्रदेश के मंडी से सांसद कंगना ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें “भारत माता का लाल” बताया और महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहे जाने पर परोक्ष रूप से कटाक्ष किया।
अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में कंगना ने लिखा, “देश के पिता नहीं, देश के तो लाल होते हैं। धन्य हैं भारत माँ के ये लाल।” उनकी इस टिप्पणी का अर्थ है कि “राष्ट्र के पिता नहीं होते, बल्कि राष्ट्र के पुत्र होते हैं। धन्य हैं ये भारत माता के लाल,” जो शास्त्री की विरासत की ओर इशारा करता है। इस टिप्पणी ने कई लोगों को नाराज कर दिया है, क्योंकि उनका मानना है कि इससे महात्मा गांधी के स्वतंत्रता आंदोलन में किए गए योगदान को नजरअंदाज किया जा रहा है।
कंगना की इस टिप्पणी ने बहस छेड़ दी है, जिसमें आलोचकों ने उन पर शास्त्री को ऊंचा दिखाकर गांधी की महत्ता को कम करने का आरोप लगाया। कुछ टिप्पणीकारों का मानना है कि उनका पोस्ट एक राजनीतिक आंदोलन से जुड़ा हुआ है, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के ऐतिहासिक दृष्टिकोण को बदलने की कोशिश कर रहा है। दुनिया भर में अहिंसा और नेतृत्व के प्रतीक के रूप में पूजे जाने वाले गांधी को रनौत के पोस्ट में दरकिनार कर दिया गया, जिसे कई लोग एक जानबूझकर किया गया प्रयास मानते हैं।
इस पर प्रतिक्रिया भी तेजी से आई, जिसमें विभिन्न राजनीतिक हस्तियों और सोशल मीडिया यूजर्स ने अपनी नाराजगी व्यक्त की। आलोचकों ने कहा कि भले ही लाल बहादुर शास्त्री भारतीय इतिहास में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं, लेकिन गांधी के योगदान की तुलना करने या उनकी भूमिका को कम आंकना अनुचित और विभाजनकारी है। एक इतिहासकार ने कहा, “कुछ राजनीतिक विचारधाराओं के बीच यह एक चलन बन गया है कि वे इतिहास को फिर से लिखने और गांधी के असाधारण प्रयासों को छिपाने का प्रयास करते हैं।”
अपने बेबाक अंदाज के लिए मशहूर कंगना रनौत विवादों से दूर नहीं रहतीं। एक राजनेता के रूप में, वह अक्सर ऐसी बातें कहती हैं जो राष्ट्रीय बहस को जन्म देती हैं। उनका ताजा पोस्ट भी इसी कड़ी का हिस्सा है, जो यह दर्शाता है कि वह दिल से बोलती हैं और अपने शब्दों में कोई बदलाव नहीं करतीं। हालांकि, उनके आलोचकों का कहना है कि उनकी टिप्पणियां अक्सर ध्रुवीकरण करने वाली होती हैं, जो समाज को बांटने का काम करती हैं।
कंगना के अनुयायियों ने उनका समर्थन किया और कहा कि वह हमेशा शास्त्री और अन्य राष्ट्रीय नेताओं के प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त करती रही हैं। एक समर्थक ने टिप्पणी की, “वह अपनी बात खुलकर कहती हैं, और यही उन्हें सबसे अलग बनाता है।”
कंगना रनौत के बयानों पर उठा यह ताजा विवाद एक बार फिर से भारत के ऐतिहासिक व्यक्तित्वों और उनकी विरासतों की संवेदनशीलता को उजागर करता है।
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Ranaut’s statement has sparked a debate, with critics accusing her of attempting to diminish Gandhi’s stature by elevating Shastri. Some commentators argue that her post is aligned with a growing movement in certain political circles that aims to reshape the historical narrative of India’s freedom struggle. Gandhi, revered worldwide as a symbol of non-violence and leadership, seems to have been side-stepped in Ranaut’s post, which many see as an intentional effort to downplay his role.
The backlash was swift, with various political figures and netizens expressing their discontent. Critics pointed out that while Lal Bahadur Shastri is a celebrated figure in Indian history, comparing him to or diminishing Gandhi’s role in the independence movement is unnecessary and divisive. “It’s a trend among certain political ideologies to rewrite history and overshadow Gandhi’s monumental efforts,” one historian commented on the controversy.
Known for her outspoken nature, Kangana Ranaut is no stranger to controversies. As a politician, she often expresses views that spark national debates. Her latest post continues her trend of bold statements, reinforcing her persona as someone who speaks from the heart and doesn’t mince words. However, her detractors argue that her comments often polarize rather than unite.
Ranaut’s followers defended her, stating that she has always been vocal about her admiration for Shastri and other national figures. “She speaks her mind, and that’s what makes her different,” a supporter commented.
This latest controversy surrounding Kangana Ranaut’s statements has once again highlighted the sensitive nature of India’s historical figures and their legacies.
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