पाकिस्तान हॉकी के दिग्गज ओलंपियनों द्वारा ‘पंज-आब दे शाह असवार’ का विमोचन

पाकिस्तान हॉकी के दिग्गज ओलंपियनों द्वारा ‘पंज-आब दे शाह असवार’ का विमोचन

यू.एम.टी. लाहौर में नवदीप सिंह गिल की पुस्तक पर हुई व्यापक चर्चा

खेल दो देशों को जोड़ने के लिए पुल का काम करती हैं: तौकीर दार
अमृतसर, 23 जनवरी ( राहुल सोनी )
पाकिस्तान हॉकी के दिग्गज ओलंपियनों द्वारा खेल लेखक नवदीप सिंह गिल की नई पुस्तक ‘पंज-आब दे शाह असवार’, जो चढ़ते और लहिंदे पंजाब के खिलाड़ियों पर आधारित है, का विमोचन किया गया। यह कार्यक्रम यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी (यू.एम.टी.), लाहौर में आयोजित हुआ, जहां पुस्तक पर व्यापक चर्चा हुई।

यू.एम.टी. के निदेशक और पूर्व हॉकी खिलाड़ी आबिद शेरवानी के आमंत्रण पर आयोजित इस समारोह में पाकिस्तान के हॉकी ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट तौकीर दार, विश्व कप विजेता और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता खिलाड़ी एवं पूर्व हॉकी कोच ताहिर जमा, ओलंपियन रेहान बट, एशियन हॉकी फेडरेशन के कार्यकारी निदेशक और पूर्व हॉकी खिलाड़ी गुलाम गोश, तथा महान एथलीट अब्दुल खालिक के बेटे मुहम्मद इजाज ने दोनों पंजाब के खिलाड़ियों की इस पुस्तक को एक महत्वपूर्ण प्रयास बताया।

पुस्तक विमोचन समारोह में पंजाबी लोक विरासत अकादमी लुधियाना के अध्यक्ष प्रो. गुरभजन सिंह गिल, पूर्व आई.ए.एस. एवं अंतरराष्ट्रीय साइकिलिस्ट अमृत कौर गिल, पूर्व आई.पी.एस. अधिकारी एवं लेखक गुरप्रीत सिंह तूर, विश्व पंजाबी सभा के संरक्षक इंद्रजीत सिंह बल (टोरंटो), और मल्टीनेशनल कंपनी के मुख्य इंजीनियर गुरभजन सिंह गिल भी शामिल हुए।

ओलंपियन हॉकी खिलाड़ी तौकीर दार ने कहा कि खेलें दो देशों को जोड़ने का काम करती हैं। उन्होंने भारतीय हॉकी खिलाड़ियों के साथ अपने संबंधों को याद करते हुए बताया कि दिवंगत खिलाड़ी सुरजीत सिंह रंधावा के आमंत्रण पर वे 1984 में एक मैत्री मैच के लिए भारत आने वाले थे, लेकिन सुरजीत सिंह की अचानक दुर्घटना में मृत्यु हो गई, जिससे पाकिस्तान के खिलाड़ियों को गहरा दुख हुआ।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रो. गुरभजन सिंह गिल ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह पहली बार है जब चढ़ते और लहिंदे पंजाब के खिलाड़ियों को एक माला में पिरोते हुए पुस्तक लिखी गई है। इस पुस्तक में दोनों पंजाब के शीर्ष 15-15 खिलाड़ियों के जीवन पर रेखाचित्र दिए गए हैं। यह पुस्तक पहली बार गुरमुखी और शाहमुखी दोनों लिपियों में प्रकाशित हुई है। गुरमुखी संस्करण को लोकगीत प्रकाशन (यूनिस्टार), मोहाली ने प्रकाशित किया है, जबकि शाहमुखी संस्करण को आसिफ रज़ा के सौजन्य से लाहौर की सांझा विरसा संस्था ने प्रकाशित किया है। यह नवदीप सिंह गिल की 14वीं पुस्तक है।

यू.एम.टी. के निदेशक आबिद शेरवानी ने कहा कि दोनों पंजाब के खिलाड़ियों पर लिखी गई इस पुस्तक के शाहमुखी में प्रकाशित होने से पाकिस्तान में भी खेल प्रेमी इसे बड़े चाव से पढ़ेंगे। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा खिलाड़ियों को दी जाने वाली सुविधाओं और छात्रवृत्तियों का उल्लेख करते हुए कहा कि महान खिलाड़ियों की जीवनगाथाएं पढ़कर नई पीढ़ी प्रेरित होगी।

लेखक नवदीप सिंह गिल ने पुस्तक के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि लहिंदे पंजाब के खिलाड़ियों में हॉकी के चार खिलाड़ी – चौधरी गुलाम रसूल, अख्तर रसूल, समीउल्लाह खान और शाहबाज सीनियर, क्रिकेट के छह खिलाड़ी – फजल महमूद, इंजमाम-उल-हक, वसीम अकरम, वकार यूनिस, शोएब अख्तर और बाबर आजम, एथलेटिक्स के तीन खिलाड़ी – अब्दुल खालिक, गुलाम रज़ीक और अरशद नदीम, एक पहलवान गामा, और महिला टेनिस खिलाड़ी उशना सुहेल शामिल किए गए हैं।

चढ़ते पंजाब के खिलाड़ियों में हॉकी के पांच खिलाड़ी – बलबीर सिंह सीनियर, पृथ्वीपाल सिंह, अजीत पाल सिंह, रूपा सैनी और हरमनप्रीत सिंह, चार एथलीट – मिल्खा सिंह, गुरबचन सिंह रंधावा, महिंदर सिंह गिल और मनजीत कौर, दो पहलवान – दारा सिंह और करतार सिंह, दो निशानेबाज – अभिनव बिंद्रा और अवनीत कौर सिद्धू, एक फुटबॉल खिलाड़ी जर्नैल सिंह, और एक क्रिकेटर युवराज सिंह शामिल हैं।

पूर्व आई.पी.एस. अधिकारी और लेखक गुरप्रीत सिंह तूर ने स्वागत भाषण देते हुए भारत से आए प्रतिनिधियों का परिचय कराया। उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान के योगदान के बिना विश्व हॉकी का इतिहास अधूरा है।

इस अवसर पर पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. रुपिंदर कौर तूर और सरदारनी जसविंदर कौर गिल भी उपस्थित थीं।

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