क्या नीट (NEET ) 2024 है घोटाला, 100 करोड़ लोगों का चुनाव आसानी से हो जाता है, पर 20 लाख बच्चों का पेपर सही से नही हो पाता

क्या नीट (NEET ) 2024 है घोटाला, 100 करोड़ लोगों का चुनाव आसानी से हो जाता है, पर 20 लाख बच्चों का पेपर सही से नही हो पाता

क्या नीट 2024 है घोटाला, कैसे निकले एक ही सेंटर से 8 टॉपर?

(100 करोड़ लोगों का चुनाव आसानी से हो जाता है, पर 20 लाख बच्चों का पेपर सही से नही हो पाता?)

(एक ही केंद्र के 6 छात्रों को 720/720 अंक कैसे मिले? परिणाम 14 जून के बजाय 4 जून (चुनाव परिणाम दिवस) को क्यों घोषित किए गए? कुछ गड़बड़ है, लाखों नीट उम्मीदवार इसका उत्तर चाहते हैं, इसके लिए कौन जिम्मेदार है? अगर कुछ गलत है तो यह अपराध है कि एनटीए लाखों छात्रों के करियर के साथ खिलवाड़ कर रहा है। यह बिलकुल स्पष्ट है कि नीट पेपर लीक के कारण विनाशकारी परिणाम सामने आए हैं। और चुनाव नतीजों की शाम को नतीजे जारी करने का यह विचार सिर्फ़ मामले को दबाने की कोशिश का एक और तरीका है। इस साल परीक्षा पेपर लीक के कई मामलों ने एक बार फिर भारत की शिक्षा व्यवस्था और सार्वजनिक परीक्षा प्रणाली की नींव हिलाकर रख दी है। सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा, #NEETUG2024 से लेकर राज्य स्तरीय भर्ती परीक्षाओं तक, कई परीक्षाओं में गड़बड़ी की गई है, जिससे उन लोगों के लिए निष्पक्षता और न्याय पर एक वैध सवाल खड़ा होता है, जिन्होंने परीक्षा पास करने के लिए किसी भी अनुचित तरीके का सहारा नहीं लिया।

-डॉ. सत्यवान सौरभ

नीट परीक्षा भारत में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है, ठीक हमारे स्वास्थ्य क्षेत्र की रीढ़ की हड्डी की तरह, लेकिन इन क्षेत्रों में पेपर लीक होते हैं, 67 छात्रों ने 720 अंक हासिल किए, यह पूरी तरह असंभव है। पिछले साल 3 छात्रों ने 720 अंक हासिल किए थे।क्या यह यह भारत का सबसे बड़ा घोटाला है? छह छात्रों के सीट नंबर एक ही क्रम से हैं। 2 छात्रों ने 718 और 719 अंक हासिल किए हैं, यह पूरी तरह असंभव है, नीट परीक्षा में 180 प्रश्न होते हैं, प्रत्येक प्रश्न के 4 अंक होते हैं, यदि कोई 1 प्रश्न गलत करता है तो उसके अंक 715 और 716 के आसपास होने चाहिए। यह पूरी तरह से घोटाला है लेकिन नीट इसे नजरअंदाज करने जा रही है? सीरियल नंबर 62 से 69 तक के छात्रों के लिए केंद्र कोड एक ही है। नीट 2024 में ग्रेस मार्क्स एक और घोटाला है। क्या सभी टॉपर परीक्षा देने के लिए एक ही केंद्र पर जाते हैं? दाल में कुछ काला और पूरी दाल ही काली है? हर छात्र को निष्पक्ष मौका मिलना चाहिए, कट-ऑफ में यह भारी वृद्धि स्पष्ट रूप से बड़े पैमाने पर पेपर लीक का संकेत देती है।

एनटीए द्वारा सबसे अधिक संभावना एक बड़ी प्रोग्रामिंग त्रुटि है जिसमें उन्होंने ओएमआर प्रतिक्रिया पत्रक के आधार पर अंकों का गलत मूल्यांकन किया है। छात्र 718, 719 अंक प्राप्त नहीं कर सकते हैं।पूर्ण अंक 720 हैं। प्रत्येक सही के लिए, आपको +4 मिलता है और प्रत्येक गलत के लिए आपको -1 मिलता है। इसलिए, यदि कोई छात्र- सभी 180 प्रश्न सही करता है, तो उसे 720 अंक मिलते हैं जो प्राप्त करने योग्य है। 1 गलत, 179 सही, उसे 715 मिलते हैं। 0 गलत, 179 सही, उसे 716 मिलते हैं तो, 718,719 कैसे प्राप्त किया जा सकता है? ऐसा करने का एकमात्र तरीका यह है कि वे -5 के बजाय प्रत्येक गलत प्रश्न के लिए -1 प्रदान करें। ऐसे में हम भूल रहे हैं कि इस साल नीट में कितना बड़ा घोटाला हुआ है? और आश्चर्य की बात है कि हर कोई इसके बारे में चुप है, सिर्फ इसलिए क्योंकि एनटीए एक विश्वसनीय केंद्रीय एजेंसी है? एक छात्र को 720/720 स्कोर करने के बाद भी एम्स दिल्ली में मौका नहीं मिल रहा है? क्या यह किसी तरह की लापरवाही है? परिणाम 14 जून के बजाय 4 जून (चुनाव परिणाम दिवस) को क्यों घोषित किए गए? कुछ गड़बड़ है, लाखों नीट उम्मीदवार इसका उत्तर चाहते हैं, इसके लिए कौन जिम्मेदार है? यह अपराध है कि एनटीए लाखों छात्रों के करियर के साथ खिलवाड़ कर रहा है। यह बिलकुल स्पष्ट है कि नीट पेपर लीक के कारण विनाशकारी परिणाम सामने आए हैं। और चुनाव नतीजों की शाम को नतीजे जारी करने का यह विचार सिर्फ़ मामले को दबाने की कोशिश का एक और तरीका है।

स्कूल बोर्ड भी इससे अछूते नहीं दिखते। अनुचित साधनों के इस्तेमाल, कदाचार, धोखाधड़ी और पेपर लीक के कारण कक्षा 10 और कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाएं भी प्रभावित हुईं।लोग यह नहीं समझते कि 2016 में #CBSE द्वारा पेपर लीक और घोटालों के कारण ही पुनः नीट आयोजित किया गया था, इसे 2024 में फिर से क्यों नहीं आयोजित किया जा सकता है? साथ ही एक जगह नहीं, बहुत जगहों पर पेपर लीक हुआ है, 5 मई से पहले पेपर सर्कुलेट हो रहा था टेलीग्राम पर। जिसे एनटीए ने नहीं स्वीकारा। कितने लोगों ने ऑनलाइन ही देख लिया था? उनको कैसे पहचानेंगे पुनर्मूल्यांकन से? हम केवल 700-720 अंक लाने वाले लोगों के घोटालों के बारे में जानते हैं, हम नहीं जानते कि कम अंकों के लिए ऐसी कितनी गलतियाँ हैं ? इस साल परीक्षा पेपर लीक के कई मामलों ने एक बार फिर भारत की शिक्षा व्यवस्था और सार्वजनिक परीक्षा प्रणाली की नींव हिलाकर रख दी है। सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा, #NEETUG2024 से लेकर राज्य स्तरीय भर्ती परीक्षाओं तक, कई परीक्षाओं में गड़बड़ी की गई है, जिससे उन लोगों के लिए निष्पक्षता और न्याय पर एक वैध सवाल खड़ा होता है, जिन्होंने परीक्षा पास करने के लिए किसी भी अनुचित तरीके का सहारा नहीं लिया।

लोकसभा में पारित विधेयक में “विभिन्न अनुचित साधनों में लिप्त व्यक्तियों, संगठित समूहों या संस्थाओं को कानूनी रूप से रोकने” का भी प्रावधान है। सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024 पारित किया, जिसमें इसे गैर-जमानती अपराध घोषित किया गया, जिसके लिए न्यूनतम 3 वर्ष और अधिकतम 5 वर्ष कारावास की सजा और 10 लाख रुपये का जुर्माना है। फिर भी, विभिन्न परीक्षाओं के पेपर लीक मामले और उत्तर कुंजी कथित तौर पर व्हाट्सएप, एक्स (पूर्व में ट्विटर), फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित हो रहे थे। कदाचार, प्रतिरूपण और पेपर लीक के मामलों के कारण परिणाम घोषणा और भर्ती में देरी हो रही है, जिससे परीक्षाएं रद्द हो रही हैं। इससे बड़ी संख्या में छात्रों और स्नातकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

 

 

Related post

हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग ने जूनियर इंजीनियर (पुरातत्व) भर्ती का अंतिम परिणाम घोषित किया

हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग ने जूनियर इंजीनियर (पुरातत्व)…

हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग ने जूनियर इंजीनियर (पुरातत्व) के 03 पदों (GEN(UR)-03) के लिए भर्ती का अंतिम परिणाम आज घोषित…
Congress Government in Himachal Takes Bold Steps to Revive Education and Agriculture Amid BJP’s Legacy of Economic Crisis

Congress Government in Himachal Takes Bold Steps to Revive…

Education Minister Rohit Thakur sharply criticized the previous BJP government, accusing it of leaving Himachal Pradesh in economic turmoil with a…
10 दिसम्बर को धर्मशाला में बिजली बंद

10 दिसम्बर को धर्मशाला में बिजली बंद

धर्मशाला, 7 दिसम्बर। विद्युत उपमण्डल-1 धर्मशाला के कार्यकारी सहायक अभियंता अभिषेक कटोच ने बताया कि 33/11 केवी सब स्टेशन कालापुल तथा…

Leave a Reply

Your email address will not be published.