
सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला बना पर्यटकों का आकर्षण, रिकॉर्ड तोड़ भीड़ ने बढ़ाई शोभा
- Anya KhabrenHindi News
- February 16, 2025
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दुनिया के सबसे बड़े और भव्य शिल्प मेले, सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला के 38वें संस्करण में इस बार रिकॉर्डतोड़ भीड़ उमड़ रही है। महज दस दिनों में ही 11 लाख 70 हजार से अधिक पर्यटक इस मेले का हिस्सा बन चुके हैं, जो पिछले वर्ष के कुल 13 लाख पर्यटकों के आंकड़े के बेहद करीब पहुंच चुका है। अभी मेला 23 फरवरी तक चलेगा, जिससे यह निश्चित माना जा रहा है कि यह ऐतिहासिक मेला एक नया रिकॉर्ड स्थापित करेगा।
हरियाणा के विरासत एवं पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि रविवार को 2 लाख से अधिक पर्यटकों ने सूरजकुंड मेले का रुख किया। मुख्य चौपाल, मिनी चौपाल, नाट्यशाला और विभिन्न पवेलियन में लोगों की भारी भीड़ उमड़ी रही। मंत्री ने बताया कि पिछले साल इस मेले में कुल 13 लाख लोग पहुंचे थे, लेकिन इस बार सिर्फ 10 दिनों में ही 11 लाख 70 हजार पर्यटक मेले में भाग ले चुके हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले 7 दिनों में यह आंकड़ा न केवल पिछले वर्ष के रिकॉर्ड को तोड़ेगा, बल्कि एक नया इतिहास भी रचेगा।
पर्यटन मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मार्गदर्शन में मेले की सफलता को लेकर उत्साह व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय एकता, कला और संस्कृति को समृद्ध बनाने का जो संकल्प लिया है, उसे हरियाणा सरकार सूरजकुंड मेले के माध्यम से साकार कर रही है। मुख्यमंत्री के निर्देशन में इस बार मेला अधिक व्यवस्थित और आधुनिक बना है, जहां तकनीक और रचनात्मक बदलावों के चलते आयोजन पहले से अधिक भव्य और आकर्षक हो गया है।
ऑनलाइन टिकटिंग व्यवस्था और डिजिटल प्रबंधन ने बढ़ाई पारदर्शिता
पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने बताया कि इस वर्ष मेले में ऑनलाइन टिकटिंग व्यवस्था शुरू की गई, जिससे आमजन को टिकट खरीदने में काफी सहूलियत मिली है। इसी तरह, शिल्पकारों और बुनकरों को ऑनलाइन माध्यम से स्टॉल आवंटित किए गए, जिससे व्यवस्था में पारदर्शिता आई और अधिक से अधिक लोगों को भागीदारी का मौका मिला। इससे देश-विदेश के शिल्पियों और बुनकरों को अपने अनूठे उत्पादों का प्रदर्शन करने का अवसर मिला, जिससे पर्यटकों को विविध कलाओं की झलक देखने और उन्हें खरीदने का शानदार अवसर प्राप्त हुआ।
ओडिशा और मध्य प्रदेश बने थीम स्टेट, बिम्सटेक देशों के स्टॉलों में भी उमड़ी भीड़
इस बार मेले में ओडिशा और मध्य प्रदेश थीम स्टेट के रूप में शामिल हैं, जिससे लोगों में इस मेले को लेकर विशेष रुचि बढ़ी है। इसके अलावा, बिम्सटेक (BIMSTEC) भागीदार देशों – भारत, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, थाईलैंड और म्यांमार के स्टॉलों पर भी जबरदस्त भीड़ देखी गई। इन देशों के कारीगर अपने अनूठे हस्तशिल्प और सांस्कृतिक धरोहर का प्रदर्शन कर रहे हैं, जो इस मेले की भव्यता में चार चांद लगा रहा है।
सांस्कृतिक मंचों पर शानदार प्रस्तुतियां, बड़े कलाकारों के शो ने बढ़ाया आकर्षण
सूरजकुंड मेला केवल शिल्प और हस्तकला तक सीमित नहीं है, बल्कि यहां की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। 50 से अधिक देशों के कलाकार मुख्य चौपाल पर अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दे रहे हैं, जिनका पर्यटक भरपूर आनंद उठा रहे हैं। इसके अलावा, मिनी चौपाल पर भी विभिन्न राज्यों के पारंपरिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों को खूब सराहा जा रहा है।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि हर दिन मेला मंच पर प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा शानदार प्रस्तुतियां दी जा रही हैं, जिससे लोगों की रुचि और बढ़ गई है। अगले 7 दिनों तक यह सिलसिला जारी रहेगा और मेले के प्रति बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए प्रबंधन द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं कि पर्यटक इस आयोजन का अधिकतम लाभ उठा सकें।
प्रबंधन की मेहनत और उत्कृष्ट व्यवस्था
पर्यटन मंत्री ने बताया कि मेले की सफलता के लिए विरासत एवं पर्यटन विभाग की प्रधान सचिव कला रामचन्द्रन, हरियाणा पर्यटन निगम लिमिटेड के एमडी डॉ. सुनील कुमार, सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग, कला एवं सांस्कृतिक विभाग और उनकी पूरी टीम दिन-रात मेहनत कर रही है। सभी विभाग यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि पर्यटकों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और वे इस भव्य आयोजन का भरपूर आनंद उठा सकें।
सूरजकुंड मेला न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में अपनी अनूठी पहचान बना चुका है। हर साल यहां लाखों पर्यटक उमड़ते हैं, जो इसे विश्व स्तरीय मेले के रूप में स्थापित करता है। इस साल के रुझान को देखते हुए यह स्पष्ट है कि यह मेला पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए एक नई ऊंचाई पर पहुंचने वाला है।
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