सुखाश्रय योजना: भूमिहीन निराश्रित बच्चों को मिलेगी जमीन

सुखाश्रय योजना: भूमिहीन निराश्रित बच्चों को मिलेगी जमीन

आवास निर्माण के लिए तीन लाख के अनुदान का प्रावधान

धर्मशाला 09 सितंबर।

मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के तहत 27 वर्ष आयु से पहले हुए अनाथ बच्चों के भूमिहीन होने पर तीन विस्वा भूमि प्रदान करने का प्रावधान है इसके साथ ही आवास सुविधा के लिए तीन लाख के अनुदान का भी प्रावधान किया गया है। यह जानकारी विधायक संजय रत्न ने डीसी कार्यालय के सभागार में जिला स्तरीय समाज कल्याण समिति की बैठक में महिला बाल विकास विभाग के माध्यम से संचालित की जा रही योजनाओं की समीक्षा करते हुए दी।
उन्होंने कहा कि सुखाश्रय योजना के तहत कांगड़ा जिला के सभी निराश्रित बच्चों को शामिल किया जाए ताकि सभी निराश्रित बच्चों को सुखाश्रय योजना का लाभ मिल सके। इस के लिए पंचायत स्तर पर निराश्रित बच्चों का डाटा जुटाने के भी निर्देश दिए गए हैं। विधायक संजय रत्न ने कहा कि निराश्रित बच्चों को जमीन उपलब्ध करवाने के लिए तत्परता के साथ कार्य किया जाए इसमें किसी भी स्तर पर ढिलाई नहीं बरती जाए।

संस्थागत निराश्रित बच्चों को मिलेगा सामाजिक सुरक्षा भत्ता:
विधायक संजय रत्न ने बताया कि सभी संस्थागत निराश्रित बच्चों को सामाजिक सुरक्षा के अंतर्गत प्रतिमाह सावधि जमा करने का प्रावधान किया गया है इसमें शून्य से 14 वर्ष आयु वर्ग के लिए एक हजार रूपये प्रतिमाह, 15 से 18 वर्ष के लिए 2500 रूपये मासिक सामाजिक सुरक्षा भत्ता तय किया गया है तथा कांगड़ा जिला में चालू वित वर्ष में सामाजिक सुरक्षा भत्ता के तहत 6 लाख 24 हजार रूपये खर्च किए जाएंगे इस के लिए मंजूरी प्रदान की गई है।

व्यवसायिक प्रशिक्षण तथा कोचिंग में मदद का किया प्रावधान:
विधायक संजय रत्न ने बताया कि 18 से 27 आयु वर्ग के निराश्रित बच्चों को व्यवसायिक प्रशिक्षण, कौशल विकास और कोचिंग के साथ साथ समाज के सक्रिय सदस्य बनने में मदद करने के लिए वित्तीय और संस्थागत लाभ प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। कांगड़ा जिला में 18 से 21 आयुवर्ग में 251 निराश्रित बच्चे हैं जबकि 21 से 23 आयुवर्ग में 212 तथा 23 से 27 आयुवर्ग में 373 निराश्रित बच्चों को कौशल विकास तथा कोचिंग के लिए मदद मुहैया करवाई जाएगी।

पालना देखरेख भत्ता भी मिलेगा:
संस्थागत देखभाल के बाद जो बच्चे 18 वर्ष की आयु पूरी करने बाद देखभाल संस्थान छोड़ते हैं उन्हें समाज की मुख्यधारा में फिर से शामिल करने की सुविधा के लिए प्रतिमाह चार हजार रूपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। कांगड़ा जिला में चालू वित वर्ष के लिए पालना देखरेख भत्ता के तहत 4 लाख 32 हजार रूपये की मंजूरी प्रदान की गई है इसमें 09 निराश्रित बच्चों को आईटीआई का प्रशिक्षण भी दिलाया जा रहा है।
इससे पहले उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए कांगड़ा जिला में सुखाश्रय योजना के तहत चलाई जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी। इस अवसर पर विधायक केवल सिंह पठानिया, विधायक होशियार सिंह, विधायक यादवेंद्र गोमा सहित महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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