हिमाचल प्रदेश के शांत और धार्मिक दृष्टि से संवेदनशील माने जाने वाले ऊना जिले के चिंतपूर्णी क्षेत्र में शनिवार सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया, जब बेहड़ भटेड़ गांव के पास खेतों के समीप एक खाली स्थान पर संदिग्ध मलबा गिरा हुआ पाया गया। यह मलबा किसी मिसाइल के बड़े हिस्से जैसा प्रतीत हो रहा था, जिसे ग्रामीणों ने सबसे पहले देखा। पिरथीपुर-जोड़बड़ संपर्क मार्ग के बीच स्थित इस स्थान पर अचानक इस प्रकार का धातुयुक्त भारी टुकड़ा मिलने से पूरा गांव दहशत में आ गया है।
स्थानीय लोगों के अनुसार शुक्रवार देर रात करीब डेढ़ बजे एक तेज विस्फोट जैसी आवाज सुनाई दी, जिसके साथ ही आकाश में बिजली जैसी चमक देखी गई। पहले तो ग्रामीणों ने इसे सामान्य मौसमीय घटना माना, लेकिन जब सुबह खेतों में काम करने पहुंचे लोगों की नजर उस भारी टुकड़े पर पड़ी तो पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। ग्रामीणों का कहना है कि यह टुकड़ा किसी उड़न वस्तु या मिसाइल का लग रहा है, जो संभवतः भारत की सुरक्षा प्रणाली द्वारा हवा में निष्क्रिय कर दिया गया होगा। हालांकि, यह महज अनुमान है, लेकिन इसे पाकिस्तान की ओर से भेजे गए किसी हथियार का हिस्सा माना जा रहा है, जो भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में अशांति फैलाने के मंसूबे से छोड़ा गया हो सकता है।
यह राहत की बात रही कि यह मलबा रिहायशी इलाके से दूर खाली जमीन पर गिरा, जिससे किसी भी प्रकार की जानमाल की क्षति नहीं हुई। लेकिन इस घटना ने स्थानीय लोगों को गहरी चिंता में डाल दिया है। चिंता इस बात की भी है कि माता चिंतपूर्णी जैसे प्रतिष्ठित धार्मिक स्थल से कुछ ही किलोमीटर दूर इस तरह की संदिग्ध गतिविधि होना, कहीं न कहीं पाकिस्तान की रणनीतिक नापाक नजरों की ओर संकेत करता है, जो अब सीमित संघर्षों से ऊपर उठकर धार्मिक स्थलों और आस्थाओं को भी निशाना बना सकती है।
घटना की जानकारी मिलते ही चिंतपूर्णी पुलिस चौकी को सूचित किया गया, जिसके बाद जिला पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की टीमें मौके पर पहुंच गईं। पूरे क्षेत्र को घेरकर जांच शुरू कर दी गई है और मलबे के नमूनों को फॉरेंसिक विश्लेषण के लिए भेजा गया है। पुलिस अधीक्षक ऊना, राकेश सिंह ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि मिसाइल जैसे दिखने वाले मलबे की जानकारी मिलने पर डीएसपी अंब को मौके पर जांच के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन अब मामले की गहराई से जांच कर रहा है और किसी भी संभावित सुरक्षा खतरे को लेकर सतर्क है।
इस पूरे घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सीमाओं से सटे प्रदेशों, खासकर हिमाचल जैसे अपेक्षाकृत शांत और धार्मिक राज्य को भी अब ऐसे खतरों के लिए तैयार रहना होगा। यह केवल एक तकनीकी दुर्घटना नहीं, बल्कि संभावित रणनीतिक साजिश का हिस्सा भी हो सकता है, जिसे देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक चेतावनी के रूप में देखा जाना चाहिए। धार्मिक स्थलों के निकट हुई यह घटना न केवल चिंताजनक है, बल्कि यह मांग करती है कि प्रदेश सरकार विशेष सतर्कता बरते, खासकर कांगड़ा, ऊना और बिलासपुर जैसे जिलों में जहां देशभर से श्रद्धालु माता मंदिरों में दर्शन के लिए आते हैं।
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