माननीय केंद्रीय विद्युत तथा आवास एवं शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल ने 1000 मेगावाट क्षमता वाले टिहरी पंप स्टोरेज प्लांट (पीएसपी) की तीसरी यूनिट (250 मेगावाट) की वाणिज्यिक संचालन (सीओडी) प्रक्रिया को सफलतापूर्वक आरंभ कर भारत के स्वच्छ ऊर्जा ट्रांज़िशन को एक महत्वपूर्ण बल प्रदान किया है। ऋषिकेश स्थित टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने इस उपलब्धि को विद्युत क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर बताया है।
टिहरी पीएसपी देश का पहला वेरिएबल स्पीड पंप स्टोरेज प्लांट है और यह किसी भी सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज़ द्वारा विकसित सबसे बड़ा पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट है। पहली और दूसरी यूनिट की सीओडी प्रक्रिया क्रमशः जून और जुलाई 2025 में शुरू हो चुकी थी, जबकि तीसरी यूनिट का संचालन टीएचडीसी की तकनीकी क्षमता और ग्रिड-रिस्पॉन्सिव हाइड्रोपावर सॉल्यूशंस में नेतृत्व को और मजबूत बनाता है।
इस अवसर पर आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में श्री मनोहर लाल ने परियोजना से जुड़े सभी इंजीनियरों और कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि बिजली की बढ़ती खपत के साथ, पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट जैसे विश्वसनीय ऊर्जा-भंडारण साधन चौबीसों घंटे स्थिर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने टिहरी पीएसपी को भारत के विकसित भारत 2047 विज़न की दिशा में ऊर्जा अवसंरचना को मजबूत करने वाला एक महत्वपूर्ण स्तंभ बताया।
कार्यक्रम में माननीय राज्य मंत्री (विद्युत एवं नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा) श्री श्रीपाद नाइक और माननीय ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार, श्री ए. के. शर्मा भी उपस्थित थे। सभी अतिथियों का स्वागत टीएचडीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री सिपन कुमार गर्ग ने किया। इस अवसर पर विद्युत मंत्रालय के सचिव श्री पंकज अग्रवाल (IAS), चेयरपर्सन CEA श्री घनश्याम प्रसाद, अपर मुख्य सचिव (ऊर्जा), उत्तर प्रदेश सरकार श्री नरेंद्र भूषण (IAS) सहित कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
अपने संबोधन में श्री श्रीपाद नाइक ने कहा कि टीएचडीसी देश में पंप स्टोरेज समाधानों के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने बताया कि कई नई परियोजनाएँ पाइपलाइन में हैं, जो भविष्य में देश के ग्रिड को आवश्यक भंडारण क्षमता प्रदान करेंगी। वहीँ श्री ए. के. शर्मा ने टिहरी पीएसपी को भविष्य में नवीकरणीय ऊर्जा के समेकन और संतुलन के लिए महत्वपूर्ण बताया।
विद्युत सचिव श्री पंकज अग्रवाल ने टीएचडीसी को खुर्जा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट की दोनों इकाइयों और टिहरी पीएसपी की तीनों यूनिटों के वाणिज्यिक संचालन के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि ये सभी उपलब्धियाँ भारत के ऊर्जा क्षेत्र के लिए गर्व का विषय हैं। सीईए के चेयरपर्सन श्री घनश्याम प्रसाद ने इस परियोजना को तकनीकी और क्रियान्वयन की दृष्टि से ऐतिहासिक उपलब्धि बताया और इसके अनुभवों को पूरे पावर सेक्टर के साथ साझा करने पर बल दिया।
एनटीपीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री गुरदीप सिंह ने भी टीएचडीसी को बधाई देते हुए कहा कि यह परियोजना देश की पीक डिमांड और ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
टीएचडीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री सिपन कुमार गर्ग ने केंद्रीय और राज्य सरकार के मंत्रियों तथा सभी सहयोगी संगठनों के समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया और बताया कि टिहरी पीएसपी की तीन यूनिटों के पूर्ण संचालित होने से देश को 750 मेगावाट अतिरिक्त बिजली और 750 मेगावाट पंपिंग क्षमता उपलब्ध होगी। उन्होंने यह भी बताया कि पहली दो यूनिटों ने लगभग 80 प्रतिशत की राउंड-ट्रिप एफिशिएंसी प्राप्त की है, जो तकनीक की उत्कृष्टता को दर्शाता है।
कार्यक्रम में टीएचडीसी के वरिष्ठ अधिकारी, GE वर्नोवा, एचसीसी और अन्य हितधारक भी उपस्थित रहे। यह उपलब्धि न केवल भारत के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को गति देती है, बल्कि अत्याधुनिक हाइड्रोपावर तकनीक में भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा को और अधिक सुदृढ़ करती है।





