डंकी रूट नेटवर्क पर ईडी का बड़ा शिकंजा, पानीपत में भाजपा नेता समेत कई ठिकानों पर छापेमारी

हरियाणा के पानीपत में प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई ने अवैध मानव तस्करी और डंकी रूट नेटवर्क को लेकर चल रही जांच को एक नया मोड़ दे दिया है। गुरुवार को ईडी की टीम ने पानीपत जिले के अहर-कुराना गांव में भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय नेता बलवान शर्मा के आवास समेत कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई उन गंभीर आरोपों के तहत की गई, जिनमें अवैध तरीके से लोगों को डंकी रूट के जरिए अमेरिका भेजने का नेटवर्क संचालित किए जाने की आशंका जताई गई है।

ईडी सूत्रों के अनुसार, इस छापेमारी के दौरान जांच एजेंसी ने भाजपा नेता बलवान शर्मा, पंचायत सचिव प्रवीण उर्फ फोर्ड और कथित एजेंट प्रदीप से जुड़े ठिकानों को खंगाला। तलाशी के दौरान भारी मात्रा में नकदी और कीमती धातुओं की बरामदगी हुई है। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, इन परिसरों से दो करोड़ रुपये से अधिक की नकदी, लगभग 300 किलोग्राम चांदी, छह किलोग्राम सोना और कई संपत्तियों से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए हैं। इसके अलावा लैपटॉप, कंप्यूटर और डिजिटल रिकॉर्ड भी कब्जे में लिए गए हैं, जिनकी फॉरेंसिक जांच की जा रही है।

जांच एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि जब्त की गई संपत्तियां और नकदी अवैध मानव तस्करी से अर्जित की गई थीं या नहीं। ईडी का मानना है कि डंकी रूट के जरिए विदेश भेजे गए लोगों से मोटी रकम वसूली जाती थी और इसी धन का इस्तेमाल संपत्ति खरीदने व निवेश में किया गया। इस पूरे नेटवर्क में स्थानीय प्रभावशाली लोगों की भूमिका को लेकर जांच का दायरा लगातार बढ़ाया जा रहा है।

इस मामले में पंचायत सचिव प्रवीण उर्फ फोर्ड का नाम सामने आना भी कई सवाल खड़े करता है। बताया जाता है कि प्रवीण खेल कोटे के तहत सरकारी नौकरी में आया था और वह सर्कल स्तर का कबड्डी खिलाड़ी रह चुका है। अब उसकी भूमिका एक कथित एजेंट के रूप में सामने आने के बाद प्रशासनिक तंत्र की जवाबदेही पर भी बहस तेज हो गई है। ईडी यह भी जांच कर रही है कि सरकारी पद का दुरुपयोग कर क्या इस नेटवर्क को संरक्षण या सुविधा प्रदान की गई।

यह कार्रवाई केवल पानीपत तक सीमित नहीं रही। गुरुवार को ही ईडी ने हरियाणा के पानीपत और पिहोवा के अलावा पंजाब और दिल्ली में कुल 13 व्यावसायिक और आवासीय परिसरों पर एक साथ छापेमारी की। जालंधर स्थित ईडी के जोनल कार्यालय की अलग-अलग टीमों ने रिची ट्रैवल्स, जालंधर; तरुण खोसला, दिल्ली; और बलवान शर्मा, पानीपत से जुड़े ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया। इन सभी नामों का संबंध कथित तौर पर डंकी रूट नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार, यह पूरी जांच उन इनपुट्स के आधार पर आगे बढ़ी, जिनमें फरवरी 2025 में अमेरिका द्वारा 330 भारतीय नागरिकों को भारत वापस भेजे जाने की घटना शामिल है। इन लोगों को अवैध तरीके से अमेरिका में प्रवेश कराने का आरोप है, जिसके पीछे संगठित एजेंट नेटवर्क की भूमिका मानी जा रही है। ईडी अब यह समझने की कोशिश कर रही है कि इन डिपोर्ट किए गए भारतीयों को किन रास्तों से, किन एजेंटों के माध्यम से और कितनी रकम लेकर अमेरिका भेजा गया था।

डंकी रूट से जुड़ी इस कार्रवाई को मानव तस्करी के खिलाफ अब तक की बड़ी जांचों में से एक माना जा रहा है। राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में इस छापेमारी के बाद हलचल तेज है, वहीं ईडी का कहना है कि जांच अभी प्रारंभिक चरण में है और आने वाले दिनों में और भी खुलासे हो सकते हैं।