हरियाणा के फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ क्षेत्र में एक दर्दनाक और शर्मनाक घटना ने सामाजिक संवेदनशीलता और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आदर्श नगर थाना क्षेत्र की सुभाष कॉलोनी में 16 जून को एक 18 वर्षीय युवक को चार युवकों ने घर से बुलाकर सरकारी डिस्पेंसरी के एक कमरे में बंधक बना लिया और उसके साथ बर्बरता की हदें पार कर दीं। पीड़ित युवक को बुरी तरह पीटा गया, उसका मुंडन किया गया और आंखों की पलकों तक को काट दिया गया। आरोप है कि युवक को जातिसूचक गालियां भी दी गईं और उसे जान से मारने की धमकी देकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।
युवक के परिजन जब उसे तलाशते हुए घर लौटे, तो उसकी हालत बेहद नाजुक थी। शरीर पर चोटों के गहरे निशान थे और वह लगातार उल्टियां कर रहा था। प्रारंभिक जांच में पता चला कि पीड़ित को एक आरोपी पीयूष ने यह कहकर घर से बुलाया था कि पंकज बुला रहा है। इसके बाद उसे सुभाष कॉलोनी स्थित डिस्पेंसरी ले जाया गया, जहां पंकज, तौसीफ और एक अन्य युवक पहले से मौजूद थे। वहां करीब साढ़े तीन घंटे तक युवक को एक कमरे में उल्टा लटकाकर लाठी-डंडों से पीटा गया। आरोप है कि उसकी दाढ़ी, मूंछ, सिर के बाल और पलकों को उस्तरे से काटा गया, और जेब में रखे तीन हजार रुपये भी छीन लिए गए।
शिकायत में पीड़ित परिवार ने दावा किया कि युवक को जबरन पेशाब पिलाया गया, हालांकि पीड़ित ने बाद में इस बात से इनकार किया है। घटना की सूचना पुलिस को डायल 112 के माध्यम से दी गई, जिसके बाद युवक को पहले बल्लभगढ़ के सरकारी अस्पताल और फिर फरीदाबाद के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। मेडिकल जांच में उसके शरीर पर 12 से अधिक गंभीर चोटों के निशान पाए गए हैं।
पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो नाबालिग हैं जिन्हें बाल सुधार गृह भेज दिया गया है, जबकि एक अन्य आरोपी को हिरासत में लिया गया है। एसीपी बल्लभगढ़ महेश स्योराण ने जानकारी देते हुए कहा कि चौथे आरोपी की गिरफ्तारी भी जल्द की जाएगी। पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जांच में यह मामला आपसी रंजिश का प्रतीत होता है। हालांकि जातिसूचक गालियों और अमानवीय बर्ताव को देखते हुए मामला संवेदनशील बना हुआ है और जांच हर पहलू से की जा रही है।
इस घटना ने न केवल सामाजिक ताने-बाने को झकझोरा है, बल्कि यह भी उजागर किया है कि जातीय विद्वेष और व्यक्तिगत रंजिश किस हद तक लोगों को हैवानियत की ओर ले जा सकती है। हालांकि पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई की है, लेकिन यह आवश्यक है कि न्यायिक प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी हो और दोषियों को कठोर सजा मिले ताकि भविष्य में कोई भी ऐसी हरकत करने की हिम्मत न कर सके।
यह घटना फरीदाबाद सहित पूरे हरियाणा के लिए एक चेतावनी है कि कानून व्यवस्था और सामाजिक सद्भाव के लिए प्रशासन को और अधिक सतर्क रहना होगा। समाज में ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ा संदेश देने की जरूरत है जो जातीय आधार पर हिंसा को बढ़ावा देते हैं।
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