बाबा बालक नाथ मेला : डीसी ने पूजा-अर्चना, हवन और झंडा रस्म के साथ किया शुभारंभ

बाबा बालक नाथ मेला : डीसी ने पूजा-अर्चना, हवन और झंडा रस्म के साथ किया शुभारंभ

बाबा बालक नाथ मेला : डीसी ने पूजा-अर्चना, हवन और झंडा रस्म के साथ किया शुभारंभ

हमीरपुर 14 मार्च। उत्तर भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में चैत्र मास मेले वीरवार से आरंभ हो गए। हमीरपुर के जिलाधीश एवं बाबा बालक नाथ मंदिर न्यास के आयुक्त अमरजीत सिंह ने मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना, हवन और झंडा रस्म के साथ चैत्र मास मेलों का शुभारंभ किया।
जिलाधीश ने एसपी पदम चंद, एडीसी मनेश यादव, एसडीएम एवं बाबा बालक नाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष डॉ. रोहित शर्मा, एसडीपीओ एवं मेला पुलिस अधिकारी सचिन हीरेमथ, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके अग्निहोत्री, मंदिर अधिकारी धर्मपाल नेगी, मंदिर के महंत राजेंद्र गिरि और अन्य गणमान्य लोगों के साथ मंदिर में पूजा-अर्चना और हवन किया तथा उसके बाद झंडा रस्म में भाग लिया। एक माह तक चलने वाले इन मेलों के शुभारंभ अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी।
झंडा रस्म और अन्य परंपराओं के निर्वहन के बाद जिलाधीश ने मंदिर परिसर में विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लिया तथा मेलों के संचालन के संबंध में अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए। अमरजीत सिंह ने बताया कि चैत्र मास मेलों के दौरान बाबा बालक नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के मद्देनजर सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं। इस दौरान मंदिर को 24 घंटे खुला रखने का निर्णय लिया गया है। मंदिर परिसर में सुरक्षा, सफाई व्यवस्था, बिजली-पानी, चिकित्सा, लंगर, पार्किंग और अन्य सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं। दियोटसिद्ध के आस-पास की सभी सडक़ों पर यातायात सुचारू बनाए रखने के लिए भी पर्याप्त संख्या में पुलिस और होमगार्ड्स की तैनाती की गई है। जिलाधीश ने कहा कि मंदिर परिसर को इस बार विशेष रूप से सजाया गया है तथा पूरे दियोटसिद्ध क्षेत्र में सफाई और यातायात व्यवस्था सुचारू बनाए रखने के लिए स्थानीय संगठनों एवं संस्थाओं तथा वालंटियर्स की मदद भी ली जा रही है।
उन्होंने बताया कि 14 अप्रैल को आधिकारिक रूप से चैत्र मास मेले की समाप्ति के बाद भी दियोटसिद्ध में जून के आखिरी हफ्ते तक श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रहती है। इसलिए, मंदिर परिसर और इसके आस-पास के क्षेत्रों में इसी अवधि के अनुसार प्रबंध किए गए हैं।
इस अवसर पर जिलाधीश ने बाहर से बड़ी संख्या में आए श्रद्धालुओं से भी बातचीत की और मंदिर परिसर में उपलब्ध करवाई जा रही विभिन्न सुविधाओं के संबंध में फीडबैक लिया।

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