हमीरपुर जिला प्रशासन नशा निवारण केंद्रों में दाखिल लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण को लेकर गंभीर हो गया है। अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) अभिषेक कुमार गर्ग ने जिले में चल रहे सभी नशा निवारण केंद्रों के संचालकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे इन केंद्रों में भर्ती प्रत्येक व्यक्ति की नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित करें।
वीरवार को गोल्डन एज ड्रग काउंसलिंग और पुनर्वास एवं एकीकृत योग साधना कक्ष के निरीक्षण के दौरान एडीसी अभिषेक कुमार गर्ग ने यह महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया। इस निरीक्षण में, एडीसी की अध्यक्षता वाली नशा मुक्ति निवारण समिति के सदस्यों ने केंद्र में मरीजों को प्रदान की जा रही विभिन्न सुविधाओं का जायजा लिया। इस दौरान, समिति ने केंद्र के संचालकों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए, जिसका मुख्य उद्देश्य नशा निवारण केंद्रों की कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाना है।
एडीसी अभिषेक कुमार गर्ग ने स्पष्ट रूप से कहा कि नशा निवारण केंद्रों में भर्ती प्रत्येक रोगी की अनिवार्य रूप से हर महीने स्वास्थ्य जांच होनी चाहिए। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि यदि कोई नया व्यक्ति नशे की समस्या के साथ केंद्र में दाखिल होता है या यदि किसी रोगी को केंद्र से छुट्टी दी जाती है, तो इसकी सूचना तत्काल संबंधित विभाग को प्रदान की जाए। इसके अतिरिक्त, केंद्र के कर्मचारियों को यह निर्देशित किया गया है कि वे इन मरीजों को समय-समय पर नशे की आदत छोड़ने के लिए प्रभावी परामर्श प्रदान करें, ताकि वे जल्द से जल्द इस बुरी लत से छुटकारा पाकर समाज में एक स्वस्थ और सम्मानजनक जीवन जी सकें।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रवीण चौधरी, स्वास्थ्य विभाग के अन्य महत्वपूर्ण अधिकारी, डीएसपी नितिन चौहान और नशा मुक्ति निवारण समिति के अन्य सदस्य अधिकारी भी उपस्थित थे। इन अधिकारियों की उपस्थिति दर्शाती है कि जिला प्रशासन नशे की समस्या के समाधान और नशा निवारण केंद्रों के प्रभावी संचालन को लेकर एक संयुक्त और गंभीर प्रयास कर रहा है। एडीसी के यह निर्देश न केवल नशा निवारण केंद्रों में दाखिल लोगों के स्वास्थ्य सुरक्षा को सुनिश्चित करेंगे, बल्कि उनके सफल पुनर्वास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
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