हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के गिरिपार क्षेत्र का हाटी समुदाय अपनी पहचान और अधिकारों की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। समुदाय का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल, हाटी समिति के अध्यक्ष एडवोकेट सुरेंद्र ठाकुर के नेतृत्व में, राज्यसभा सांसद सरदार सतनाम सिंह संधू से उनके चंडीगढ़ स्थित आवास पर मिला। इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा मिलने के बावजूद आ रही कानूनी बाधाओं और उनकी ऐतिहासिक पहचान की बहाली पर चर्चा करना था।
प्रतिनिधिमंडल ने सांसद संधू को अवगत कराया कि केंद्र सरकार द्वारा हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा दिए जाने और इसे भारत के राजपत्र में प्रकाशित किए जाने के बाद भी, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा इस कानून के अमल पर लगाई गई रोक के कारण समुदाय को अभी तक इसका पूर्ण लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस कानूनी अड़चन ने समुदाय में अनिश्चितता का माहौल पैदा कर दिया है, जिससे उनकी लंबे समय से चली आ रही मांग अधर में लटकी हुई है।
सांसद सरदार सतनाम सिंह संधू ने हाटी प्रतिनिधिमंडल की सभी चिंताओं को ध्यानपूर्वक सुना और उन्हें आश्वस्त किया कि वे हाटी समुदाय के अधिकारों की सुरक्षा और उनकी पहचान की बहाली के लिए संसद में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएंगे। उन्होंने यह भी वादा किया कि वे गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय को उनके संवैधानिक अधिकार और लाभ पूरी तरह से दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। संधू ने कहा कि वे इस संवेदनशील मामले में केंद्र सरकार और संबंधित राज्य अधिकारियों के साथ सक्रिय रूप से समन्वय स्थापित करेंगे, ताकि जल्द से जल्द कोई सकारात्मक समाधान निकाला जा सके।
हाटी समुदाय अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और सामाजिक-आर्थिक पहचान के आधार पर लंबे समय से एसटी का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहा है। यह समुदाय अपनी अनूठी ‘खुंबली’ (पारंपरिक परिषद), विशिष्ट वेशभूषा, लोकगीतों और भाषा के लिए जाना जाता है, जो इसे हिमाचल के अन्य समुदायों से अलग करता है। उनकी सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक संरचना उन्हें एक विशिष्ट पहचान प्रदान करती है, जिसे वे संवैधानिक मान्यता के माध्यम से संरक्षित करना चाहते हैं।
इस अवसर पर हाटी समुदाय के कई प्रमुख सदस्य जैसे राजेश राजपूत (उपाध्यक्ष), रजत चौहान (सचिव), आदित्य चौहान (कोषाध्यक्ष), अधिवक्ता अनुज चौहान, गौरव रापटा, नागेंद्र सिंह और सीमा ठाकुर, बृजेश और अन्य सदस्यगण भी उपस्थित थे। इन सभी सदस्यों ने समुदाय की समस्याओं और मांगों को सांसद के सामने रखा।
यह मुलाकात हाटी समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि राज्यसभा सांसद की सक्रिय भूमिका उनकी मांगों को राष्ट्रीय स्तर पर उठाएगी और उनकी पहचान की बहाली में मदद करेगी।
Disclaimer: यह ऑटो वेब जनरेटेड न्यूज़ वेब स्टोरी है।
#HatiCommunity #ScheduledTribe #HimachalPradesh #CulturalIdentity #ParliamentarySupport