हिमाचल प्रदेश में हाल ही में आई भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं ने जनजीवन को पूरी तरह से हिला कर रख दिया है। खासकर मंडी जिले और उसके आसपास के क्षेत्रों में तबाही की जो तस्वीर सामने आई है, उसने राज्यभर में चिंता की लहर दौड़ा दी है। इस संकट की घड़ी में आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश ने एक बार फिर ज़मीनी मुद्दों पर सरकार को घेरते हुए प्रभावितों की मदद के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है।
प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह ठाकुर ने प्रदेश की स्थिति को “अत्यंत गंभीर” बताते हुए कहा कि राज्य के हजारों लोग इस प्राकृतिक आपदा के चलते बेघर हो चुके हैं। गांव-गांव में जीवन ठप हो गया है, पुल और सड़कें बह चुकी हैं, संचार व्यवस्था चरमरा गई है और लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से मिलकर तत्काल एक समन्वित योजना तैयार करने और ₹1,000 करोड़ के विशेष आपदा राहत पैकेज की घोषणा की मांग की।
ठाकुर ने कहा कि इस आपदा ने केवल मकानों को नहीं गिराया, बल्कि लोगों की पूरी जीवन व्यवस्था को तबाह कर दिया है। फसलें नष्ट हो गई हैं, पशुधन का नुकसान हुआ है और ग्रामीण इलाकों में अस्पतालों और स्कूलों तक पहुंच लगभग असंभव हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार भले ही राहत कार्यों में जुटी हो, लेकिन इस तबाही की व्यापकता को देखते हुए यह ज़रूरी है कि केंद्र सरकार आगे आकर विशेष केंद्रीय सहायता दे।
सुरजीत सिंह ठाकुर ने मृतकों के परिजनों को ₹1 करोड़ की आर्थिक सहायता देने, बेघर हुए लोगों को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत त्वरित आवास मुहैया करवाने और किसानों को फसल नुकसान की भरपाई के साथ ऋण माफी देने की मांग की है। उनका कहना है कि हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य में एक छोटी सी आपदा भी बेहद व्यापक असर डालती है, और इस बार की तबाही ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकारों को आपदा प्रबंधन के लिए अलग से संवेदनशील और तेज़ नीति बनानी होगी।
उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे का पुनर्निर्माण एक प्राथमिकता होनी चाहिए। कई जगहों पर पुल बह गए हैं, स्कूल और अस्पताल क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, और संपर्क मार्ग टूटने से आपदा राहत टीमों को भी मुश्किलें हो रही हैं। ठाकुर ने मांग की कि इन क्षेत्रों को तुरंत “आपदा ग्रस्त क्षेत्र” घोषित किया जाए, ताकि विशेष केंद्रीय सहायता जल्दी उपलब्ध हो सके और पुनर्निर्माण कार्य को रफ्तार मिल सके।

इसके साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं को तेज़ी से प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचाने पर बल दिया। शिविरों, मोबाइल क्लीनिकों और डॉक्टरों की विशेष टीमों के ज़रिए लोगों को तत्काल चिकित्सकीय सहायता की ज़रूरत है। इसके अलावा, बिजली, पानी और संचार सेवाएं अब तक बहाल नहीं हो पाई हैं, जिससे स्थिति और भी गंभीर बनी हुई है।
सुरजीत ठाकुर के अनुसार, यह वक्त राजनीति का नहीं, जनसेवा का है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी प्रदेश के हर प्रभावित क्षेत्र में राहत कार्यों में न केवल सरकार से सहयोग की अपील कर रही है, बल्कि स्वयंसेवकों और कार्यकर्ताओं के ज़रिए स्थानीय स्तर पर भी सक्रिय रूप से लोगों की मदद कर रही है।
इस बयान के दौरान आप के प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट राजीव शर्मा, जिला अध्यक्ष जितिन मुसाफिर, प्रदेश उपाध्यक्ष ओम प्रकाश बल्ली, शिमला लोकसभा पर्यवेक्षक रीता ठाकुर, यूथ विंग सचिव चेतन कुमार, अनुराधा देवी, बिमला देवी, संदीप रघुवंशी, जसवंत सिंह और सोशल मीडिया प्रमुख सुशील पंवर सहित अन्य कई पदाधिकारी उपस्थित रहे।
आम आदमी पार्टी की मांगों से यह साफ हो जाता है कि हिमाचल में आई प्राकृतिक आपदा केवल एक राज्यीय संकट नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय चिंता का विषय है, जिसे लेकर केंद्र और राज्य को मिलकर गंभीर प्रयास करने की ज़रूरत है।
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