हिमाचल के सेब उत्पादकों की सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का पीएम मोदी से आयात शुल्क बढ़ाने की मांग

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हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सेब आयात पर शुल्क को बढ़ाकर 50 प्रतिशत से कम से कम 100 प्रतिशत करने का अनुरोध किया है। उनका कहना है कि इससे तुर्की से सेब के आयात को रोकने में मदद मिलेगी और हिमाचल प्रदेश के सेब उत्पादकों के हितों की रक्षा की जा सकेगी। मुख्यमंत्री ने अपनी इस मांग को लेकर प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने आयात शुल्क बढ़ाने के साथ-साथ तुर्की से आयातित सेब पर सीमा निर्धारण की आवश्यकता पर भी बल दिया है।

हिमाचल प्रदेश को ‘सेब की कटोरी’ के नाम से जाना जाता है और यह राज्य अपनी स्वादिष्ट सेब की किस्मों के लिए प्रसिद्ध है। राज्य का सेब एक प्रमुख नकदी फसल है, जो हर साल लगभग 4500 करोड़ रुपये की आय उत्पन्न करता है। इस उद्योग से लगभग 10 लाख मानवीय श्रम दिवस (मंडेज) पैदा होते हैं, जो 2.5 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करता है। मुख्यमंत्री ने इस पत्र में यह भी उल्लेख किया कि हिमाचल प्रदेश के सेब उत्पादक तुर्की से आयातित सेब के कारण गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं, जो उनकी उत्पादकता और व्यापार को प्रभावित कर रहा है।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में भारत में 31 देशों से सेब आयात हो रहे हैं और 2024 में 5.19 लाख मीट्रिक टन ताजे सेब का आयात हुआ है। यह आंकड़ा 1998 में 1100 मीट्रिक टन से बहुत अधिक है, जो कि एक विशाल वृद्धि को दर्शाता है। खासकर, तुर्की से आयातित सेब का हिस्सा लगातार बढ़ रहा है। 2023 में तुर्की से आयात 1.29 लाख मीट्रिक टन था, जो 2024 में घटकर 1.17 लाख मीट्रिक टन हो गया, जो कुल आयात का 23 प्रतिशत है। मुख्यमंत्री का कहना है कि यह आंकड़ा निरंतर बढ़ रहा है, और इससे स्थानीय सेब उत्पादकों की प्रतिस्पर्धात्मकता पर गंभीर असर पड़ रहा है।

सुक्खू ने कहा कि तुर्की से आयातित सेब के भारतीय बाजार में आ जाने से देश के छोटे और सीमांत सेब उत्पादकों की आजीविका पर संकट मंडरा रहा है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर के सेब उत्पादक इस प्रतिस्पर्धा का सामना नहीं कर पा रहे हैं। तुर्की से आयातित सेब की घटती कीमतों के कारण स्थानीय उत्पादक अपनी उत्पादित फसल को उचित मूल्य पर नहीं बेच पा रहे हैं, जिससे उनका जीवनयापन प्रभावित हो रहा है।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने यह भी कहा कि वह इस मुद्दे को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से व्यक्तिगत रूप से उठाएंगे। उनका कहना है कि केंद्र सरकार को तुर्की से आयातित सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने और आयात पर सीमा निर्धारित करने की जरूरत है, ताकि देश के सेब उत्पादकों को राहत मिल सके और उनके हितों की रक्षा हो सके।

हिमाचल प्रदेश का सेब उद्योग लाखों किसानों और उनके परिवारों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रहा है, लेकिन विदेशी सेब की बड़ी मात्रा में आयात से यह उद्योग संकट में पड़ गया है। मुख्यमंत्री का कहना है कि तुर्की से सेब के आयात में वृद्धि से स्थानीय किसानों की स्थिति और भी कठिन हो गई है, और अगर इसे जल्द नहीं रोका गया, तो देश के सेब उत्पादक एक गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर सकते हैं।

यह मुद्दा न केवल हिमाचल प्रदेश के किसानों के लिए, बल्कि पूरे देश में सेब उत्पादकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री सुक्खू की यह पहल इस क्षेत्र के लाखों किसानों के लिए एक उम्मीद की किरण साबित हो सकती है।

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