हिमाचल पुलिस कांस्टेबल परीक्षा में घोटाले के आरोपों पर कांग्रेस सरकार मौन, आम आदमी पार्टी ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग

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हिमाचल प्रदेश में 15 जून 2025 को आयोजित पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में कथित नकल, अव्यवस्था और प्रश्नपत्र लीक की गंभीर शिकायतों ने प्रदेशभर में हड़कंप मचा दिया है। इस संवेदनशील मुद्दे पर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की चुप्पी पर आम आदमी पार्टी (AAP) ने कड़ा एतराज़ जताया है और निष्पक्ष उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

परीक्षा में शामिल हजारों अभ्यर्थियों ने कई परीक्षा केंद्रों पर व्यापक स्तर पर नकल, लापरवाही और संगठित रूप से पेपर लीक होने के आरोप लगाए हैं। इन गंभीर आरोपों के बीच प्रदेश की कांग्रेस सरकार की उदासीनता को आम आदमी पार्टी ने लोकतंत्र और युवाओं के साथ अन्याय करार दिया है।



पलामपुर में फर्जीवाड़े का पर्दाफाश

पालमपुर में एक गिरोह द्वारा परीक्षा के नाम पर अभ्यर्थियों से ठगी करने की खबर के बाद पुलिस ने कुछ गिरफ्तारियां भी की हैं। लेकिन आम आदमी पार्टी का कहना है कि यह केवल “पर्वत का शिखर” है, और सरकार की निष्क्रियता पूरे तंत्र पर सवाल खड़े कर रही है।



AAP ने सरकार से पूछे तीखे सवाल

आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री सुक्खू से सीधे सवाल करते हुए पूछा है कि क्या इस सरकार के शासन में युवाओं के भविष्य की कोई कीमत नहीं है? यदि एक मामूली “समोसा कांड” पर सीबीआई जांच हो सकती है, तो फिर इस व्यापक स्तर की परीक्षा गड़बड़ी पर केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने में सरकार क्यों झिझक रही है?



AAP की प्रमुख मांगें

आम आदमी पार्टी ने तीन मुख्य मांगें सामने रखी हैं:

1. CBI या स्वतंत्र न्यायिक एजेंसी से पूरी परीक्षा प्रक्रिया की निष्पक्ष जांच करवाई जाए।
2. जिन परीक्षा केंद्रों पर गड़बड़ी के आरोप लगे हैं, वहां की CCTV फुटेज, ड्यूटी पर तैनात कर्मियों की सूची और अन्य संबंधित दस्तावेजों को तुरंत जब्त किया जाए।
3. यदि गड़बड़ी सिद्ध होती है तो पूरी परीक्षा को रद्द कर पुनः निष्पक्ष परीक्षा आयोजित की जाए। इसके साथ ही परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र तक आने-जाने के लिए मुफ्त परिवहन सुविधा दी जाए और जिम्मेदार अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई हो।

युवाओं में आक्रोश, सरकार पर बढ़ा दबाव

प्रदेश के युवा खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। परीक्षा में मेहनत और तैयारी के बाद जब उन्हें भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता है, तो उनके आत्मविश्वास पर गहरा आघात लगता है। ऐसे में कांग्रेस सरकार की चुप्पी न केवल सवालों के घेरे में है, बल्कि इससे युवाओं का व्यवस्था से भरोसा भी डगमगा रहा है।

आम आदमी पार्टी ने स्पष्ट किया है कि वह इस अन्याय के खिलाफ लगातार आवाज़ उठाएगी और तब तक चैन से नहीं बैठेगी जब तक युवाओं को न्याय नहीं मिल जाता।

यह मामला केवल एक भर्ती परीक्षा का नहीं, बल्कि प्रदेश की अगली पीढ़ी के भविष्य से जुड़ा हुआ है। अब देखना यह होगा कि क्या कांग्रेस सरकार इस जनदबाव के आगे झुकती है या इस मुद्दे को भी समय के साथ ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।

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