हिमालयन एप्पल ग्रोअर्स सोसायटी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने आज केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल से उनके कार्यालय में मुलाकात की। इस मुलाकात में, प्रतिनिधिमंडल ने तुर्की से आयातित सेब की बढ़ती मात्रा को लेकर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की और इस पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री जी को एक ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि तुर्की से आने वाले सस्ते और सब्सिडी वाले सेब की वजह से भारतीय बागवानों को भारी नुकसान हो रहा है। उनका कहना था कि इस आयात के कारण भारतीय किसानों को अपने उत्पाद का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा और उनकी लागत भी नहीं निकल रही। इससे देश के सेब उत्पादक बागवानों की आजीविका पर सीधा असर पड़ रहा है, जो पहले से ही मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।
साथ ही, प्रतिनिधिमंडल ने यह भी उल्लेख किया कि तुर्की एक ऐसा देश है जो पाकिस्तान, जो भारत के लिए आतंकवाद फैलाने वाला राष्ट्र है, को सैन्य सहायता और रक्षा उपकरण प्रदान करता है। ऐसे में तुर्की से सेब का आयात केवल देश की आर्थिक स्थिति के लिए ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी एक गंभीर चिंता का विषय है।
प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री से यह भी कहा कि सेब केवल एक कृषि उत्पाद नहीं है, बल्कि यह भारत के पहाड़ी राज्यों की अर्थव्यवस्था और लाखों किसानों की आजीविका का प्रमुख हिस्सा है। इसलिए इस मुद्दे को केवल आर्थिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जोड़ा जाना चाहिए।
इस दौरान, प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय मंत्री के समक्ष पाँच प्रमुख मांगें रखी। सबसे पहले, उन्होंने तुर्की से सेब के आयात पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की। इसके बाद, उन्होंने अन्य देशों से आयातित सेब पर न्यूनतम आयात मूल्य (MIP) की सीमा बढ़ाने की बात की ताकि भारतीय बाजार में उनके मुकाबले भारतीय उत्पादों को बेहतर मूल्य मिल सके। तीसरी मांग के रूप में, प्रतिनिधिमंडल ने आयातित सेब पर गुणवत्ता नियंत्रण और “पादप स्वच्छता” (phytosanitary) मानकों को कड़ी तरह से लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि किसी प्रकार के रोग या विषाणु के आने से भारतीय कृषि पर असर न पड़े।
श्री पीयूष गोयल ने प्रतिनिधिमंडल की चिंताओं को गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया कि इस पर उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि वह इस मामले को संबंधित विभागों के साथ उठाएंगे और जल्द ही समाधान की दिशा में कदम उठाएंगे।
यह मामला केवल आर्थिक नुकसान से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह हमारे किसानों की गरिमा, पहाड़ी राज्यों की आत्मनिर्भरता और भारत के आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य से भी जुड़ा हुआ है। सरकार की ओर से जल्द ही इस मुद्दे पर कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है, जो भारतीय कृषि और उसके उत्पादकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
#TurkeyAppleImport #IndianFarmers #AppleGrowers #AgricultureSupport #SelfReliantIndia
This is an auto web-generated news story.